जबलपुर। अनुसूचित जाति के वोटरों को लुभाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर संत रविदास मंदिर और सामाजिक समरसता यात्रा के रूप में एक नया कार्यक्रम चलाया है. बीजेपी की कोशिश है कि उसके इस प्रयास से अनुसूचित जाति का वोटर उससे जुड़े. हालांकि इस बार मध्य प्रदेश सरकार ने इस पूरे आयोजन को पार्टी के खर्चे पर करने की बजाय सरकारी खर्चे पर किया है. इस पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज करवाई है. कांग्रेसियों का कहना है कि "उन्हें संत रविदास से आपत्ति नहीं है, लेकिन उनका उपयोग व्यक्तिगत हित में करने के लिए सरकारी पैसे का दुरुपयोग करना गलत है."
जबलपुर में निकाली गई समरसता यात्रा: सागर में बनने वाले संत रविदास के मंदिर को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कुछ दिनों पहले समरसता यात्राओं के बारे में घोषणा की थी. आज से यह यात्राएं शुरू हो गई हैं. जबलपुर में सामाजिक समरसता की यात्रा दीनदयाल चौक से जबलपुर शहर में आई. इस यात्रा में कुछ रथ चल रहे हैं. जिनमें संत रविदास की फोटो के साथ गांव की मिट्टी है. जिसे संत रविदास के मंदिर के लिए सागर भेजा जा रहा है. बीजेपी के नेताओं ने इसका जगह-जगह स्वागत किया. जबलपुर की मध्य विधानसभा क्षेत्र में आज यह यात्रा दिन भर रही और कल यह जबलपुर की कैंट विधानसभा क्षेत्र में जाएगी.
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना: सामाजिक समरसता की इस यात्रा का आयोजन सरकार की ओर से किया गया है. सरकार का जन अभियान परिषद और अनुसूचित जाति जनजाति विभाग इस पूरी यात्रा का खर्च उठा रहा है. जिला प्रशासन ने इस यात्रा की पूरी तैयारी की है. हालांकि पूरी यात्रा में बीजेपी के कार्यकर्ता ही नजर आ रहे हैं. उन्होंने ही जगह-जगह इस यात्रा का स्वागत किया और कार्यक्रम करवाए. जबलपुर के नगर कांग्रेस अध्यक्ष व महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू का कहना है कि "यदि जबलपुर में कोई सरकारी आयोजन जिला प्रशासन करवा रहा है तो यदि उन्हें आमंत्रित किया जाता तो वे जरूर जाते, लेकिन उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया, बल्कि उनकी जानकारी में भी यह बात नहीं है कि संत रविदास से जुड़ी हुई कोई यात्रा शासन द्वारा निकाली जा रही है. जिला कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को अपना कार्यक्रम सरकारी पैसे में नहीं करना था."
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बीजेपी बोली, कांग्रेस को दिक्कत क्यों: बीजेपी के नगर अध्यक्ष प्रभात साहू का कहना है कि सरकार यदि संत रविदास के बारे में सोच रही है तो कांग्रेस को इससे दिक्कत क्यों है. बल्कि प्रभात साहू का आरोप है कि कांग्रेस ने अनुसूचित वर्ग को हमेशा एक वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, लेकिन कभी संत रविदास के सम्मान की चिंता नहीं की. बीजेपी यदि उनके सम्मान में 100 करोड़ की लागत से मंदिर बना रही है, तो कांग्रेस को समस्या क्यों हो रही है. प्रभात साहू का कहना है कि संत रविदास किसी जाति के संत नहीं थे, बल्कि पूरे मानव समाज के संत थे. इसलिए उन्हें सम्मान मिलना चाहिए."