जबलपुर। जबलपुर में सिटी अस्पताल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से लोगों की जान जाने के मामले में कई लोगों ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई है. अब तक 4 लोग थाने आकर अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा चुके हैं. इसी में से एक हैं जगदीश बिरानी के पिता टेकचंद बिरानी. इन्होंने अस्पताल में चल रहे काले कारनामों का खुलासा किया है.
नकली इंजेक्शन ने ली जान
जबलपुर के पनागर के रहने वाले टेकचंद ने अपने बुढ़ापे का सहारा, अपने बेटे को खो दिया. टेकचंद ने बताया या कि उनके बेटे को उन्होंने 21 अप्रैल को सिटी अस्पताल में भर्ती कराया था. इस दौरान 18 दिन में उनके बेटे को 9 रेमडेसिविर इंजेक्शन लगे. लेकिन हर दिन उनके बेटे की हालत बिगड़ती ही गई. टेकचंद न आरोप लगाया कि उनके बेटे को भी अस्पताल में नकली इंजेक्शन लगाया गया था.
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जगदीश के पिता का खुलासा
टेकचंद बिरानी ने बताया कि जब उनका बेटा अस्पताल में था तभी अस्पताल में पुलिस की रेड पड़ी थी. इस दौरान उन्होंने अपनी आंखों से देखा कि कैसे अस्पताल प्रशासन ने नकली दवाईयों को वहां से बाहर निकाला और नष्ट किया. उनका आरोप है कि बिल के रूप में अस्पताल ने न सिर्फ उनसे 6 लाख रुपए से ज्यादा लिए जबकि उनके बेटे को नकली इंजेक्शन लगाकर उनसे छीन लिया.
परिवार का सहारा छिन गया
टेकचंद ने बताया कि जगदीश उनके बुढ़ापे का सहारा था. उसकी कुछ सालों पहले ही शादी हुई थी. जगदीश के बारे में बात करते हुए टेकचंद कई बार भावुक हो गए. उन्होंने बताया कि कुछ सालों पहले ही जगदीश की शादी हुई थी. उसकी 6 साल की बेटी है. टेकचंद ने थाने पहुंचकर आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है.
आरोपियों पर होगी सख्त कार्रवाई
एएसपी रोहित काशवानी ने बताया कि उनके पास लगातार सिटी अस्पताल के खिलाफ शिकायतें आ रही है. सभी शिकायतों पर जांच जारी है. जांच के बाद आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.