जबलपुर। केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह जबलपुर के संभागीय कार्यालय में महाकौशल क्षेत्र की 38 सीटों के लिए बैठक लेने के लिए पहुंचे. इस बैठक में महाकौशल क्षेत्र की सांसद पूर्व सांसद, विधायक पूर्व विधायक, संगठन पदाधिकारी सहित लगभग 350 लोग मौजूद रहे. अमित शाह की इस महत्वपूर्ण बैठक में जबलपुर से भारतीय जनता पार्टी की नेता और राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि को भी बुलाया गया था. लेकिन उन्हें पुलिस अधिकारियों ने पहचानने से ही मना कर दिया. जब उन्होंने परिचय दिया उसके बाद ही उन्हें भीतर जाने दिया गया. उसके पहले पुलिस अधिकारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार करके उन्हें गेट पर ही रोक दिया था.
38 सीटों को जीतने की रणनीति: इस बैठक से मीडिया को दूर रखा गया है, और जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार, अमित शाह अपनी टीम के साथ बैठकर भोजन किया. उनकी टीम में भूपेंद्र यादव, हेतानंद शर्मा, अश्विनी वैष्णव और सीटी रवि शामिल हैं. इस बैठक में महाकौशल क्षेत्र की 38 सीटों को जीतने की रणनीति बनाई जा रही है. इस रणनीति में वे संसद भी शामिल हुए हैं जिन्हें विधानसभा का टिकट दिया गया है. मीटिंग में शामिल होने के लिए नरसिंहपुर विधानसभा के प्रत्याशी प्रहलाद पटेल, मंडला से फगगन सिंह और जबलपुर से राकेश सिंह भी पहुंचे हैं. मीटिंग में मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद हैं. हालांकि मीटिंग के बीच में ही मीटिंग में मौजूद प्रत्याशियों को फील्ड में जाकर प्रचार करने के लिए कहा.
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डैमेज कंट्रोल की कोशिश: दरअसल भारतीय जनता पार्टी के इसी कार्यालय में बीते दिनों जबलपुर की मध्य विधानसभा की टिकट की घोषणा के बाद केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ दुर्व्यवहार हो गया था. जबलपुर मध्य विधानसभा की टिकट को बदलने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में हंगामा मचाया था. इस घटना के दौरान अमित शाह की पूरी टीम यही मौजूद थी. इसमें संगठन प्रभारी हितानंद शर्मा और सीटी रवि भी मौजूद थे. जबलपुर की मध्य विधानसभा से अभिलाष पांडे को टिकट दी गई है. इस मीटिंग में धीरज पटेरिया को बुलाकर समझाएं दी गई है.
कार्यकर्ता तक पहुंचे पदाधिकारी: भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि ''कांग्रेस में अभी भी धरने चल रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी चुनाव को गति देने के लिए मीटिंग कर रही है. इस मीटिंग के जरिए संगठन के पदाधिकारी को यह समझने की कोशिश की जा रही है कि वह अपने अंतिम कार्यकर्ता तक पहुंचे और हर हाल में चुनाव जीतने की कोशिश करें.''