जबलपुर। सतपुड़ा के पहाड़ अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से भरे पड़े हैं, लेकिन इन प्राकृतिक सुंदर स्थलों को सही तरीके से खोजा नहीं गया है. आज जिस गुफा के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं, वो गुफा लगभग 100 फीट लंबी है, 30 फीट गहरी है और 15 फीट ऊंची है. बरसात में गुफा के ठीक सामने पानी का पर्दा होता है. गुफा के बाहर खड़े होकर नीचे का नजारा स्वर्ग जैसा लगता है. लंबा-चौड़ा, घना जंगल और अद्भुत शांति और यदि आवाज है तो सिर्फ चिड़ियों के चहचहाना की. ऐसा जान पड़ता है कि किसी ने इसे बहुत सोच विचार कर बनाया होगा.
गुफा में ना तो कोई भित्ति चित्र है, ना कोई पुरानी ऐसी बात जो इसके मानव निर्मित होने की गवाही देती हो. ये अद्भुत गुफा अब तक अछूती है. गुफा तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पगडंडियां ही एकमात्र रास्ता हैं. इन पगडंडियों के अलावा यहां किसी दूसरे जरिए से नहीं पहुंचा जा सकता. गुफा के आसपास लगभग 1 किलोमीटर तक कोई गांव नहीं है. बिजली नहीं है, पानी नहीं है, लेकिन सुंदरता ऐसी है जो सिर्फ कल्पना में ही की जा सकती है.
ये पूरा क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आता है, हालांकि यहां सिलसिलेवार वृक्षारोपण नहीं है और ना ही जंगल में कोई वन विभाग मिला. यहां वन विभाग के लोगों का आना जाना भी बहुत कम है. इसलिए इस जगह को अब तक एक्सप्लोर नहीं किया जा सका है.