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बुढ़ापे में बच्चों ने ठुकराया तो भगवान ने अपनाया, 77 की उम्र में अम्मा बना रहीं सुपारी के गणेश जी

जबलपुर की 77 साल की बुजुर्ग महिला गोमती प्रजापति को जब बच्चों ने छोड़ दिया तो भगवान श्रीगणेश ने उनका हाथ थाम लिया. गोमती आज इस उम्र के पड़ाव पर भी भगवान गणेश की सुपारी से मूर्ति बना रही हैं. यही नहीं अपनी कमाई का 17% हिस्सा गरीब बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करती हैं.

Elderly woman making idol of Lord Ganesha with betel nut
सुपारी से भगवान गणेश की मूर्ति बनाती बुजुर्ग महिला
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Published : Sep 7, 2021, 8:09 PM IST

जबलपुर। मन में लगन और जीवन में जज्बा हो तो फिर जिंदगी जीने के लिए कोई उम्र बाधक नहीं बनती है और न ही फिर किसी की जरूरत पड़ती है. हम बात कर रहे हैं, मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहने वाली 77 साल की बुजुर्ग महिला गोमती प्रजापति (Old lady Gomati Prajapati) की. बच्चों ने जब उनका साथ छोड़ दिया तो भगवान श्रीगणेश (Lord Shri Ganesh) ने उनका हाथ थाम लिया. भगवान गणेश की उन पर आज इतनी कृपा है कि 77 साल की उम्र में भी वो अपने पैरों पर खड़ी हैं. इतना ही नही गोमती बाई आज दूसरों के लिए भी मिशाल बन गई हैं.

सुपारी से भगवान गणेश की मूर्ति बनाती बुजुर्ग महिला

पति के देहान्त के बाद बच्चो ने किया किनारा
जबलपुर के अधारताल में रहने वाली गोमती प्रजापति के पति का कुछ साल पहले निधन हो गया. बच्चों को अब बूढ़ी मां खटकने लगी थी. गोमती अपने आपको अकेला पाकर गायत्री पीठ मंदिर (Gayatri Peeth Temple) पहुंच गई. जहां से उन्होंने अपने नए जीवन की शुरुआत की. गोमती प्रजापति ने इंदौर से आए एक व्यक्ति से गायत्री पीठ में सुपारी के गणेश जी बनाना सीखा. कुछ ही दिनों में गोमती मूर्ति बनाने में इतनी निपुण हो गईं कि उन्हें लगने लगा वो अपने पैरों में खड़ी हो गईं हैं. अब उन्हें किसी की मदद की जरूरत नहीं है.

बुढ़ापा नही आया आड़े हाथ
शुरू में गोमती को भी लगा कि उसकी उम्र 75 के पार है. इस काम में सफल हो जाएगी या नहीं. यह सब चिंता छोड़कर भगवान गणेश की लगन में धुन गोमती ने छोटे स्तर से शुरू किए गए काम को आज खूब फैला लिया है. गोमती बताती हैं कि गायत्री मंदिर में कुछ संस्था के लोगों से मुलाकात हुई जो कि उन्हें मूर्ति बनाने के लिए कच्चा माल जैसे- सुपारी, लकड़ी के गुट्टे, कपड़ा, मोती के माला, रंग इत्यादि उपलब्ध करवाते हैं.

elderly woman painting the idol
मूर्ति में रंग भरती बुजुर्ग महिला

बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करतीं हैं कमाई का 17% भाग
अपने एक कमरे के घर में गोमती बाई दिन भर सुपारी के गणेश जी बनाने में व्यस्त रहती हैं. गोमती एक से तीन दिन के भीतर 10 से 15 गणेश जी बनाकर तैयार कर देती हैं. इसके बाद जो भी उनको मेहनताना मिलता है, उस पैसे को वह गरीब बच्चों (Poor Student Education) की पढ़ाई पर खर्च कर देती हैं. बाकी के पैसों से अपना जीवन यापन करती हैं. गोमती को जो भी देखता है उन्हें यकीन नहीं होता कि वह इस उम्र में भी काम कर रही हैं और दूसरों की मदद कर रही हैं.

Statue of Lord Ganesha made of betel nut
सुपारी से बनी भगवान गणेश की मूर्ति

गोमती ने बच्चों को भी सिखाया गणेश जी बनाना
एक छोटी से रोशनी ने आज न जाने कितने घरों में उजाला कर दिया है. गोमती के द्वारा शुरू किया गया सुपारी के गणेशजी बनाने का काम आज अधिकतर महिला-बच्चियां कर रही हैं. गोमती की स्टूडेंट साधना अपने पूरे परिवार के साथ सुपारी के गणेश जी बना रही हैं. एक गणेश जी की कीमत बाजार में 111 रुपये है, जबकि उसका कच्चा समान 60 रुपये में आता है. प्रति गणेश जी में 35 रुपये का मेहनताना अम्मा को बचता है. जबकि अम्मा 16 रुपये बच्चों की पढ़ाई में खर्च करती हैं.

Elderly woman making idol of Lord Ganesha
भगवान गणेश की मूर्ति बनाती बुजुर्ग महिला

जबलपुर के बाहर भी बिकते हैं अम्मा के गणेश जी
सुपारी से बने गणेश जी (Ganesh ji Of Supari) की धूम आज खूब है. अम्मा और उनके स्टूडेंट जहां दिन भर गणेश जी को बनाते हैं, तो वहीं गायत्री पीठ से जुड़े युवक इस सुपारी वाले गणेश जी को बाजार में बेचते हैं. आज आलम यह है कि सुपारी वाले गणेश जी की मांग सिर्फ जबलपुर ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी है.

Woman giving final shape to Ganesha idol
गणेश जी की मूर्ति को अंतिम रूप देती महिला

फूल में दिखे गणेश जी! लोगों ने जोड़ लिए हाथ, कहा-अब होगा corona का अंत

जबलपुर कलेक्टर-एसपी करेंगे सम्मानित
भगवान गणेश के बीच अपना जीवन व्यतीत कर रहीं गोमती बाई आज उन महिलाओं के लिए प्रेरणा साबित हो रही हैं, जो कि थोड़ी सी ही समस्या से हार जाती हैं. बहरहाल 77 साल की गोमती प्रजापति को जबलपुर कलेक्टर-एसपी ने सम्मानित करने की तैयारी कर ली है.

जबलपुर। मन में लगन और जीवन में जज्बा हो तो फिर जिंदगी जीने के लिए कोई उम्र बाधक नहीं बनती है और न ही फिर किसी की जरूरत पड़ती है. हम बात कर रहे हैं, मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहने वाली 77 साल की बुजुर्ग महिला गोमती प्रजापति (Old lady Gomati Prajapati) की. बच्चों ने जब उनका साथ छोड़ दिया तो भगवान श्रीगणेश (Lord Shri Ganesh) ने उनका हाथ थाम लिया. भगवान गणेश की उन पर आज इतनी कृपा है कि 77 साल की उम्र में भी वो अपने पैरों पर खड़ी हैं. इतना ही नही गोमती बाई आज दूसरों के लिए भी मिशाल बन गई हैं.

सुपारी से भगवान गणेश की मूर्ति बनाती बुजुर्ग महिला

पति के देहान्त के बाद बच्चो ने किया किनारा
जबलपुर के अधारताल में रहने वाली गोमती प्रजापति के पति का कुछ साल पहले निधन हो गया. बच्चों को अब बूढ़ी मां खटकने लगी थी. गोमती अपने आपको अकेला पाकर गायत्री पीठ मंदिर (Gayatri Peeth Temple) पहुंच गई. जहां से उन्होंने अपने नए जीवन की शुरुआत की. गोमती प्रजापति ने इंदौर से आए एक व्यक्ति से गायत्री पीठ में सुपारी के गणेश जी बनाना सीखा. कुछ ही दिनों में गोमती मूर्ति बनाने में इतनी निपुण हो गईं कि उन्हें लगने लगा वो अपने पैरों में खड़ी हो गईं हैं. अब उन्हें किसी की मदद की जरूरत नहीं है.

बुढ़ापा नही आया आड़े हाथ
शुरू में गोमती को भी लगा कि उसकी उम्र 75 के पार है. इस काम में सफल हो जाएगी या नहीं. यह सब चिंता छोड़कर भगवान गणेश की लगन में धुन गोमती ने छोटे स्तर से शुरू किए गए काम को आज खूब फैला लिया है. गोमती बताती हैं कि गायत्री मंदिर में कुछ संस्था के लोगों से मुलाकात हुई जो कि उन्हें मूर्ति बनाने के लिए कच्चा माल जैसे- सुपारी, लकड़ी के गुट्टे, कपड़ा, मोती के माला, रंग इत्यादि उपलब्ध करवाते हैं.

elderly woman painting the idol
मूर्ति में रंग भरती बुजुर्ग महिला

बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करतीं हैं कमाई का 17% भाग
अपने एक कमरे के घर में गोमती बाई दिन भर सुपारी के गणेश जी बनाने में व्यस्त रहती हैं. गोमती एक से तीन दिन के भीतर 10 से 15 गणेश जी बनाकर तैयार कर देती हैं. इसके बाद जो भी उनको मेहनताना मिलता है, उस पैसे को वह गरीब बच्चों (Poor Student Education) की पढ़ाई पर खर्च कर देती हैं. बाकी के पैसों से अपना जीवन यापन करती हैं. गोमती को जो भी देखता है उन्हें यकीन नहीं होता कि वह इस उम्र में भी काम कर रही हैं और दूसरों की मदद कर रही हैं.

Statue of Lord Ganesha made of betel nut
सुपारी से बनी भगवान गणेश की मूर्ति

गोमती ने बच्चों को भी सिखाया गणेश जी बनाना
एक छोटी से रोशनी ने आज न जाने कितने घरों में उजाला कर दिया है. गोमती के द्वारा शुरू किया गया सुपारी के गणेशजी बनाने का काम आज अधिकतर महिला-बच्चियां कर रही हैं. गोमती की स्टूडेंट साधना अपने पूरे परिवार के साथ सुपारी के गणेश जी बना रही हैं. एक गणेश जी की कीमत बाजार में 111 रुपये है, जबकि उसका कच्चा समान 60 रुपये में आता है. प्रति गणेश जी में 35 रुपये का मेहनताना अम्मा को बचता है. जबकि अम्मा 16 रुपये बच्चों की पढ़ाई में खर्च करती हैं.

Elderly woman making idol of Lord Ganesha
भगवान गणेश की मूर्ति बनाती बुजुर्ग महिला

जबलपुर के बाहर भी बिकते हैं अम्मा के गणेश जी
सुपारी से बने गणेश जी (Ganesh ji Of Supari) की धूम आज खूब है. अम्मा और उनके स्टूडेंट जहां दिन भर गणेश जी को बनाते हैं, तो वहीं गायत्री पीठ से जुड़े युवक इस सुपारी वाले गणेश जी को बाजार में बेचते हैं. आज आलम यह है कि सुपारी वाले गणेश जी की मांग सिर्फ जबलपुर ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी है.

Woman giving final shape to Ganesha idol
गणेश जी की मूर्ति को अंतिम रूप देती महिला

फूल में दिखे गणेश जी! लोगों ने जोड़ लिए हाथ, कहा-अब होगा corona का अंत

जबलपुर कलेक्टर-एसपी करेंगे सम्मानित
भगवान गणेश के बीच अपना जीवन व्यतीत कर रहीं गोमती बाई आज उन महिलाओं के लिए प्रेरणा साबित हो रही हैं, जो कि थोड़ी सी ही समस्या से हार जाती हैं. बहरहाल 77 साल की गोमती प्रजापति को जबलपुर कलेक्टर-एसपी ने सम्मानित करने की तैयारी कर ली है.

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