जबलपुर। शहर में प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आम जनता के सहयोग से 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर बनाया गया है. इसका नाम रानी दुर्गावती कोविड केयर सेंटर रखा गया है. बंद पड़े हुए मॉल में इस सेंटर का निर्माण किया गया है. शुभारंभ के दौरान जबलपुर के तमाम जनप्रतिनिधि जिसमें कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी और शहर की कई अस्पतालों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
- ग्रामीण इलाके के लोगों को सुविधा
इस मौके पर जबलपुर सांसद राकेश सिंह ने बताया कि इस सेंटर में एसिंप्टोमेटिक मरीजों को रखा जाएगा और यदि इनकी तबीयत नहीं सुधरती है, तो फिर इन्हें दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा. वहीं इस सेंटर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रखे गए हैं, यदि जरूरत पड़ेगी तो लोगों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए जाएंगे. सांसद राकेश सिंह का कहना है कि इस सेंटर में ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के मरीजों को रखने की कोशिश की जाएगी. क्योंकि आसपास के कई ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस पैर पसार चुका है, लेकिन वहां स्वास्थ्य की इतनी अच्छी सुविधाएं नहीं है. इसलिए इस सेंटर पर उन्हें लाकर उनका इलाज किया जाएगा.
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- जन सहयोग से बना सेंटर
इस सेंटर का निर्माण पूरी तरह से जन सहयोग से किया गया है. इसमें काम करने वाला स्टाफ खासतौर पर डॉक्टर फ्री में सेवा देंगे और उन्हें इसके लिए कोई पैसा नहीं मिलेगा. वहीं इस सेंटर में उपकरणों और संसाधनों का जो इंतजाम किया गया है वह भी जन सहयोग से किया गया है. इसमें कई अस्पतालों ने आगे आकर जन सहयोग दिया है.
- वेंटिलेटर बेड की ज्यादा जरूरत
हालांकि जबलपुर में फिलहाल कई कोविड सेंटर बंद पड़े हुए हैं, क्योंकि अस्पतालों में ही मरीजों का इंतजाम हो रहा है और अस्पतालों में लगातार बिस्तर खाली हो रहे हैं. इसलिए ज्यादातर लोग अस्पतालों में रहकर ही इलाज करवा रहे हैं. राज्य सरकार ने भी कोविड केयर सेंटर बनाने पर रोक लगा दी है. प्रशासन से वेंटिलेटर बेड को बढ़ाने के लिए कहा गया है, लेकिन वेंटिलेटर बेड को इस तेजी से नहीं बनाया जा सकता.