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सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित अपराधिक मामले, मंत्री पटवा पर सबसे ज्यादा - हाई कोर्ट

सांसदों और विधायकों के खिलाफ 192 अपराधिक मामले अभी भी पेंडिंग है, जिसमें सबसे अधिक मामले पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा के खिलाफ है, जिसको लेकर अगली सुनवाई 15 जनवरी 2021 को होगी.

Pending criminal cases against MPs and MLAs
सांसदों विधायकों के खिलाफ लंबित अपराधिक मामले
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Published : Jan 5, 2021, 9:53 AM IST

जबलपुर। सामान्य तौर पर विधायकों और सांसदों के खिलाफ थानों में मुकदमें दर्ज नहीं होते है, क्योंकि ये अपने खिलाफ मामला दर्ज होने नहीं देते है और अगर मालूम हो भी जाए, तो राजनीतिक नेताओं के रसूख के आगे इन पर सुनवाई नहीं होती है. इसके बावजूद मध्य प्रदेश में अभी भी 192 मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं.

जबलपुर हाई कोर्ट में बीते दिनों सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जल्द सुनवाई करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी. यह याचिका स्वत संज्ञान याचिका थी. इसी याचिका के आदेश पर सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित प्रकरणों को एक विशेष अदालत में सुनने का आदेश दिया गया था, जिस पर भोपाल में एक विशेष अदालत बनाई गई है. इसमें लगातार सुनवाई चल रही है. वहीं 15 दिसंबर 2020 को इस याचिका की सुनवाई हुई थी, जिसमें हाई कोर्ट ने पेंडिंग मामलों की जानकारी मांगी थी, लेकिन जानकारी 2 दिन पहले ही जमा की गई थी, जिसे केस में शामिल नहीं किया गया था. इसलिए इससे संबंधित अगली सुनवाई 15 जनवरी 2021 को होगी.

अभी भी 192 मामले लंबित

विधायकों और सांसदों के खिलाफ अभी भी 192 मामले विचाराधीन हैं. दरअसल, विधायक और सांसद अपने खिलाफ लगे आपराधिक मामलों में अपनी ताकत का प्रभाव दिखाकर उन्हें अपने पक्ष में करवा लेते थे या फिर उनमें इतनी ढील बरस दी जाती है कि विधायक और सांसदों के मामले सालों तक अदालतों में अटके रहते थे.

192 विचाराधीन मामले

  • अपराधी के बयान 14 मामले
  • अपराधी की उपस्थिति 23
  • मामले हाई कोर्ट तक फाइल ना पहुंचने का 1 मामला
  • आरोप पर बहस के 11 मामले
  • अंतरिम आवेदन के 3 मामले काउंटर केस का एक आवेदन कर्ता के साक्ष्य या गवाही के 29 मामले
  • प्रतिरक्षा का 1 मामला
  • गवाहों की पेशी के 61 मामले
  • अंतिम बहस के लिए 27 मामले
  • आरोप पर बहस के लिए 8 मामले
    Pending criminal cases against MPs and MLAs
    सांसदों विधायकों के खिलाफ लंबित अपराधिक मामले


    पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले

    इस तरह लगभग 192 मामले विचाराधीन हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा के खिलाफ हैं, जिसमें चेक बाउंस के केस है. सुरेंद्र पटवा के वकील का कहना है कि जल्द ही उनकी एक संपत्ति का निपटारा होने वाला है. इसके बाद चेक बाउंस के तमाम मामलों में पैसा वापस कर दिया जाएगा.
    Pending criminal cases against MPs and MLAs
    सांसदों विधायकों के खिलाफ लंबित अपराधिक मामले


    अंतिम बहस वाले मामलों में जल्द निपटारा होगा

    इसमें 27 मामले अंतिम बहस के लिए रखे गए हैं. अगर इनकी बहस हो जाती है, तो इन पर जल्द ही कोर्ट निपटारा भी कर देगी. जिस तरीके से यह सुनवाई चल रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि जल्द ही यह वीआईपी केस खत्म हो जाएंगे.

    हालांकि इनमें बहुत गंभीर किस्म के मामले नहीं है. ज्यादातर मामलों में या तो राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े हुए हैं या फिर आर्थिक अपराध से जुड़े हुए हैं. इनके खत्म होने पर ऐसा नहीं लगता कि किसी राजनेता को कोई बड़ी सजा मिल पाएगी.

जबलपुर। सामान्य तौर पर विधायकों और सांसदों के खिलाफ थानों में मुकदमें दर्ज नहीं होते है, क्योंकि ये अपने खिलाफ मामला दर्ज होने नहीं देते है और अगर मालूम हो भी जाए, तो राजनीतिक नेताओं के रसूख के आगे इन पर सुनवाई नहीं होती है. इसके बावजूद मध्य प्रदेश में अभी भी 192 मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं.

जबलपुर हाई कोर्ट में बीते दिनों सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जल्द सुनवाई करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी. यह याचिका स्वत संज्ञान याचिका थी. इसी याचिका के आदेश पर सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित प्रकरणों को एक विशेष अदालत में सुनने का आदेश दिया गया था, जिस पर भोपाल में एक विशेष अदालत बनाई गई है. इसमें लगातार सुनवाई चल रही है. वहीं 15 दिसंबर 2020 को इस याचिका की सुनवाई हुई थी, जिसमें हाई कोर्ट ने पेंडिंग मामलों की जानकारी मांगी थी, लेकिन जानकारी 2 दिन पहले ही जमा की गई थी, जिसे केस में शामिल नहीं किया गया था. इसलिए इससे संबंधित अगली सुनवाई 15 जनवरी 2021 को होगी.

अभी भी 192 मामले लंबित

विधायकों और सांसदों के खिलाफ अभी भी 192 मामले विचाराधीन हैं. दरअसल, विधायक और सांसद अपने खिलाफ लगे आपराधिक मामलों में अपनी ताकत का प्रभाव दिखाकर उन्हें अपने पक्ष में करवा लेते थे या फिर उनमें इतनी ढील बरस दी जाती है कि विधायक और सांसदों के मामले सालों तक अदालतों में अटके रहते थे.

192 विचाराधीन मामले

  • अपराधी के बयान 14 मामले
  • अपराधी की उपस्थिति 23
  • मामले हाई कोर्ट तक फाइल ना पहुंचने का 1 मामला
  • आरोप पर बहस के 11 मामले
  • अंतरिम आवेदन के 3 मामले काउंटर केस का एक आवेदन कर्ता के साक्ष्य या गवाही के 29 मामले
  • प्रतिरक्षा का 1 मामला
  • गवाहों की पेशी के 61 मामले
  • अंतिम बहस के लिए 27 मामले
  • आरोप पर बहस के लिए 8 मामले
    Pending criminal cases against MPs and MLAs
    सांसदों विधायकों के खिलाफ लंबित अपराधिक मामले


    पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले

    इस तरह लगभग 192 मामले विचाराधीन हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा के खिलाफ हैं, जिसमें चेक बाउंस के केस है. सुरेंद्र पटवा के वकील का कहना है कि जल्द ही उनकी एक संपत्ति का निपटारा होने वाला है. इसके बाद चेक बाउंस के तमाम मामलों में पैसा वापस कर दिया जाएगा.
    Pending criminal cases against MPs and MLAs
    सांसदों विधायकों के खिलाफ लंबित अपराधिक मामले


    अंतिम बहस वाले मामलों में जल्द निपटारा होगा

    इसमें 27 मामले अंतिम बहस के लिए रखे गए हैं. अगर इनकी बहस हो जाती है, तो इन पर जल्द ही कोर्ट निपटारा भी कर देगी. जिस तरीके से यह सुनवाई चल रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि जल्द ही यह वीआईपी केस खत्म हो जाएंगे.

    हालांकि इनमें बहुत गंभीर किस्म के मामले नहीं है. ज्यादातर मामलों में या तो राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े हुए हैं या फिर आर्थिक अपराध से जुड़े हुए हैं. इनके खत्म होने पर ऐसा नहीं लगता कि किसी राजनेता को कोई बड़ी सजा मिल पाएगी.
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