जबलपुर। जबलपुर की गोविंदगंज रामलीला 155 साल पुरानी रामलीला है आज भी इसका मंचन पुराने अंदाज में ही किया जाता है लेकिन इसके बावजूद भी लोग रामलीला देखने पहुंचते हैं गोविंदगंज रामलीला जबलपुर की पहचान है.
जबलपुर के पुराने बाजार में यह रामलीला बीते 155 सालों से मंचित हो रही है आज भी रामलीला के कलाकार जो राम सीता और लक्ष्मण का पात्र निभाते हैं वे 9 दिनों तक घर नहीं जाते और पास में ही बने राम मंदिर में रहते हैं.
यहां तक कि ऐसी मान्यता है की लोग उन्हें राम मानकर ही इनका पूजन करते हैं और मनोकामनाएं मानते हैं रामलीला सदियों तक हमारे समाज का अभिन्न अंग रही है और गांव कस्बों से लेकर शहर तक नवरात्रि के दौरान रामलीला का मंचन जरूर होता था लेकिन मनोरंजन के साधन विकसित होने के साथ समाज की यह पुरानी परंपरा धीरे-धीरे कमजोर हो गई और लोग रामलीला देखने के लिए अब नहीं जाते शहर की कई रामलीला हैं बंद हो गई हैं लेकिन इसके बावजूद जबलपुर की गोविंदगंज रामलीला आज भी अपने उसी स्वरूप में मंचित हो रही है.
जैसी आज से 100 साल पहले होती थी और लोग बड़े चाव से इसे देखने के लिए जाते हैं पुरानी बाजार में 50 फीट लंबा एक रैंप बनाया जाता है जिस पर रामलीला का मंचन किया जाता है हालांकि आयोजकों का कहना है नए जमाने की लड़के कार्यक्रम देखना तो चाहते हैं लेकिन मंचन करना नहीं चाहते इसलिए कलाकारों की कमी होने लगी है और पुराने कलाकार ही अभी काम कर रहे हैं