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बिजली खरीदी के बहाने 150 करोड़ डकार गयी पिछली सरकार, आयोग को मिली शिकायत - जबलपुर

नागरिक उपभोक्ता मंच ने नियामक आयोग के अध्यक्ष को तत्कालीन शिवराज सरकार पर 150 करोड़ बिजली खरीदी घोटाले को लेकर शिकायत दर्ज कराई है

नागरिक उपभोक्ता मंच
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Published : Jun 25, 2019, 8:46 PM IST

जबलपुर। नागरिक उपभोक्ता मंच ने नियामक आयोग के अध्यक्ष को तत्कालीन शिवराज सरकार पर 150 करोड़ बिजली खरीदी घोटाले को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें कहा गया है कि शिवराज सरकार के कार्यकाल में आर्या एनर्जी नाम की कंपनी से बिना नियम-कानून का पालन किए महंगी दर पर 150 करोड़ रूपए की बिजली खरीदी गई है.

जबलपुर की एक समाजसेवी संस्था नागरिक उपभोक्ता मंच ने दस्तावेजी सबूतों के साथ विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर देवराज विरदी से शिकायत की है. इन दस्तावेजों मे छत्तीसगढ़ के कोटमा की एक बायोमास से बिजली बनाने वाली कंपनी आर्या एनर्जी से बिजली खरीदने का जिक्र किया गया है. आर्या एनर्जी से प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने 2013 से 2017 तक करीब 150 करोड़ की बिजली खरीदी की है.

नागरिक उपभोक्ता मंच ने की शिकायत


जिस दौरान ये बिजली 6-6.5 रुपए प्रति यूनिट में खरीदी गई. उस दौरान एक से लेकर 4 रुपए तक सस्ती बिजली उपलब्ध थी, उसके बावजूद आर्या एनर्जी से महंगी दरों पर पावर मैनेजमेंट कंपनी ने बिजली खरीदी. उन्होंने कहा कि कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए न तो टेंडर मंगाए गए और न ही कोई एग्रीमेंट किया गया. सीधे कंपनी से बिजली खरीद ली गई. ये संस्था पहले भी बिजली खरीदी का बड़ा घोटाला उजागर कर चुकी है. जिसकी जांच चल रही है. अगर नियामक आयोग ने इस मामले की जांच नहीं की तो मजबूरन उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा.

जबलपुर। नागरिक उपभोक्ता मंच ने नियामक आयोग के अध्यक्ष को तत्कालीन शिवराज सरकार पर 150 करोड़ बिजली खरीदी घोटाले को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें कहा गया है कि शिवराज सरकार के कार्यकाल में आर्या एनर्जी नाम की कंपनी से बिना नियम-कानून का पालन किए महंगी दर पर 150 करोड़ रूपए की बिजली खरीदी गई है.

जबलपुर की एक समाजसेवी संस्था नागरिक उपभोक्ता मंच ने दस्तावेजी सबूतों के साथ विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर देवराज विरदी से शिकायत की है. इन दस्तावेजों मे छत्तीसगढ़ के कोटमा की एक बायोमास से बिजली बनाने वाली कंपनी आर्या एनर्जी से बिजली खरीदने का जिक्र किया गया है. आर्या एनर्जी से प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने 2013 से 2017 तक करीब 150 करोड़ की बिजली खरीदी की है.

नागरिक उपभोक्ता मंच ने की शिकायत


जिस दौरान ये बिजली 6-6.5 रुपए प्रति यूनिट में खरीदी गई. उस दौरान एक से लेकर 4 रुपए तक सस्ती बिजली उपलब्ध थी, उसके बावजूद आर्या एनर्जी से महंगी दरों पर पावर मैनेजमेंट कंपनी ने बिजली खरीदी. उन्होंने कहा कि कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए न तो टेंडर मंगाए गए और न ही कोई एग्रीमेंट किया गया. सीधे कंपनी से बिजली खरीद ली गई. ये संस्था पहले भी बिजली खरीदी का बड़ा घोटाला उजागर कर चुकी है. जिसकी जांच चल रही है. अगर नियामक आयोग ने इस मामले की जांच नहीं की तो मजबूरन उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा.

Intro:शिवराज सरकार के कार्यकाल में आर्या एनर्जी नाम की कंपनी से बिना नियम कानून पालन किए महंगी दरों पर डेढ़ सौ करोड़ रुपए की बिजली खरीदी नियामक आयोग को हुई शिकायत


Body:जबलपुर शिवराज सरकार के अंतिम कार्यकाल के दौरान मध्यप्रदेश में हुआ लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपए का बिजली घोटाला जबलपुर की एक समाजसेवी संस्था जो बिजली मामलों की जानकार है नागरिक उपभोक्ता मंच ने दस्तावेजी सबूतों के साथ विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ देवराज विरदी को शिकायत भेजी है

इन दस्तावेजों मे छत्तीसगढ़ के कोतमा की एक बायोमास से बिजली बनाने वाली कंपनी आर्या एनर्जी से बिजली खरीदने का जिक्र किया गया है आर्या एनर्जी से मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 2013 से लेकर 2017 तक लगभग 150 करोड़ की बिजली खरीदी है जिस दौरान यह बिजली ₹6 और साडे ₹6 प्रति यूनिट में खरीदी गई उस दौरान 1 से लेकर ₹4 तक सस्ती बिजली उपलब्ध थी लेकिन उसके बावजूद आर्या एनर्जी से महंगी दरों में पावर मैनेजमेंट कंपनी ने बिजली खरीदी

रिन्यूअल एनर्जी से बिजली बनाने वाली कंपनियों को mast run की श्रेणी में रखा जाता है और इन से बिजली महंगे दामों में भी खरीदी जाती है लेकिन आर्य एनर्जी इस शर्त का भी पालन नहीं करती वह 15 मेगावाट बिजली बनाने वाली कंपनी है और इतनी बड़ी कंपनी मस्ट रन रन की श्रेणी में नहीं आती वहीं कंपनी को फायदा देने के लिए ना तो टेंडर बुलाए गए और ना ही कोई एग्रीमेंट किया गया और सीधे कंपनी से बिजली खरीद ली गई

नागरिक उपभोक्ता मंच इसके पहले भी बिजली खरीदी की एक बड़े घोटाले को उजागर कर चुका है जिसमें जांच चल रही है यह दूसरा बड़ा मामला है जब लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपए की बिजली मनमाने तरीके से खरीदी गई है


Conclusion:नागरिक उपभोक्ता मंच का कहना है कि यदि नियामक आयोग ने इस मामले की जांच नहीं की तो मजबूरन मंच को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा बाइट डॉक्टर पीजी नाज पांडे संरक्षण नागरिक उपभोक्ता मंच जबलपुर
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