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'मिनी मुंबई' में युवतियों ने जाहिर की बजट-2021 पर राय

इंदौर में युवतियों ने बजट 2021 को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. युवतियों का कहना है कि जिस तहर की उम्मीदें बजट से थीं, बजट वैसा तो नहीं है. लेकिन इस बजट से संतोष किया जा सकता है.

budget 2021
बजट-2021 पर युवतियों की राय
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Published : Feb 1, 2021, 4:38 PM IST

इंदौर। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को इस दशक का पहला आम बजट पेश कर दिया है. पेश किए गए आम बजट का असर घरेलू महिलाओं, कामकाजी महिलाओं पर किस तरह से होगा, इसके लेकर मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में युवतीयों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. युवतियों का कहना है कि यह बजट उम्मीदों केव मुताबिक नहीं है, लेकिन इससे संतोष किया जा सकता है.

बजट-2021 पर युवतियों की राय

महिलाओं के लिए करने थे नए प्रावधान

बजट को लेकर युवतियों का कहना है कि घरेलू और कामकाजी महिलाओं के लिए नए प्रावधान पेश किए जाना चाहिए थे. उनके लिए रोजगार मुहैया कराने के साथ-साथ कई योजनाएं लागू होनी चाहिए थी, ताकि वे भी अपने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहयोग प्रदान कर सकें.

नए रोजगार होने चाहिए तैयार

बजट को लेकर युवतियों का कहना है कि बजट में निजी और सरकारी दोनों ही क्षेत्रों में नए रोजगार पैदा हो सकें, ऐसी योजनाएं भी इस बजट में सरकार को लानी चाहिए थी. हालांकि जिस तरह के बजट को सरकार ने पेश किया है, वो सिर्फ संतोषजनक रहा है. इस बजट से महामारी के बाद काफी उम्मीदें जताई जा रही थीं लेकिन यह बजट उम्मीदों के अनुसार नहीं रहा है.

ये भी पढ़ेंः MP में चार IPS के तबादले: राजीव टंडन बने DG लोकायुक्त

गरीब तबके के लिए होने थे विशेष प्रावधान

युवतियों का कहना है कि आम बजट में गरीब और मध्यमवर्ग के लिए जो योजनाएं लागू की गई हैं, वह काफी कम हैं. वर्तमान में महामारी के बाद मध्यमवर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति में काफी बदहाल हुई हैं. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए विशेष बजट जारी किया जाना चाहिए था. जो बजट प्रतिमान में रखा गया है वह वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कम है. ऐसे में गरीब तबके के लिए विशेष बजट को लाया जाना चाहिए था.

महंगाई कम करने के लिए होने थे प्रावधान

वर्तमान में देश भर में दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के दाम कई ज्यादा बढ़ चुके हैं. पेट्रोल-डीजल, दालें सहित कई वस्तु के दाम प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. ऐसे में शासन को इस पर कंट्रोल करना चाहिए. साथ ही दैनिक जरूरत वस्तु आसानी से उपलब्ध हो सकें, ऐसी व्यवस्थाएं शासन को करनी चाहिए थी. इसके लिए बजट में विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए थे. लेकिन इस तरह के प्रावधान अब तक देखने को नहीं मिले हैं.

ये भी पढ़ेंः युवा अर्थशास्त्री से जानिए कैसा हो सकता है आम बजट

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए होना चाहिए विशेष योजना

बजट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने के लिए विशेष योजनाएं तैयार की जानी चाहिए थी ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों व ग्रामीण जनों को रोजगार उपलब्ध हो सके और उन्हें इस महामारी के बाद जिस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उससे निजात मिल सके ऐसी व्यवस्थाएं सरकार को बजट के माध्यम से करनी चाहिए परंतु इस बजट में ऐसी व्यवस्थाएं सामने नजर नहीं आई

इंदौर। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को इस दशक का पहला आम बजट पेश कर दिया है. पेश किए गए आम बजट का असर घरेलू महिलाओं, कामकाजी महिलाओं पर किस तरह से होगा, इसके लेकर मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में युवतीयों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. युवतियों का कहना है कि यह बजट उम्मीदों केव मुताबिक नहीं है, लेकिन इससे संतोष किया जा सकता है.

बजट-2021 पर युवतियों की राय

महिलाओं के लिए करने थे नए प्रावधान

बजट को लेकर युवतियों का कहना है कि घरेलू और कामकाजी महिलाओं के लिए नए प्रावधान पेश किए जाना चाहिए थे. उनके लिए रोजगार मुहैया कराने के साथ-साथ कई योजनाएं लागू होनी चाहिए थी, ताकि वे भी अपने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहयोग प्रदान कर सकें.

नए रोजगार होने चाहिए तैयार

बजट को लेकर युवतियों का कहना है कि बजट में निजी और सरकारी दोनों ही क्षेत्रों में नए रोजगार पैदा हो सकें, ऐसी योजनाएं भी इस बजट में सरकार को लानी चाहिए थी. हालांकि जिस तरह के बजट को सरकार ने पेश किया है, वो सिर्फ संतोषजनक रहा है. इस बजट से महामारी के बाद काफी उम्मीदें जताई जा रही थीं लेकिन यह बजट उम्मीदों के अनुसार नहीं रहा है.

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गरीब तबके के लिए होने थे विशेष प्रावधान

युवतियों का कहना है कि आम बजट में गरीब और मध्यमवर्ग के लिए जो योजनाएं लागू की गई हैं, वह काफी कम हैं. वर्तमान में महामारी के बाद मध्यमवर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति में काफी बदहाल हुई हैं. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए विशेष बजट जारी किया जाना चाहिए था. जो बजट प्रतिमान में रखा गया है वह वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कम है. ऐसे में गरीब तबके के लिए विशेष बजट को लाया जाना चाहिए था.

महंगाई कम करने के लिए होने थे प्रावधान

वर्तमान में देश भर में दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के दाम कई ज्यादा बढ़ चुके हैं. पेट्रोल-डीजल, दालें सहित कई वस्तु के दाम प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. ऐसे में शासन को इस पर कंट्रोल करना चाहिए. साथ ही दैनिक जरूरत वस्तु आसानी से उपलब्ध हो सकें, ऐसी व्यवस्थाएं शासन को करनी चाहिए थी. इसके लिए बजट में विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए थे. लेकिन इस तरह के प्रावधान अब तक देखने को नहीं मिले हैं.

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ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए होना चाहिए विशेष योजना

बजट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने के लिए विशेष योजनाएं तैयार की जानी चाहिए थी ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों व ग्रामीण जनों को रोजगार उपलब्ध हो सके और उन्हें इस महामारी के बाद जिस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उससे निजात मिल सके ऐसी व्यवस्थाएं सरकार को बजट के माध्यम से करनी चाहिए परंतु इस बजट में ऐसी व्यवस्थाएं सामने नजर नहीं आई

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