इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में लंबे समय बाद कार्यपरिषद अपने अस्तित्व में लौटी है. बीते दिनों से ही कार्य परिषद के नवीनतम सदस्यों की नियुक्तियां जारी हैं. विश्वविद्यालय में अब कार्यपरिषद का पूर्ण गठन हो चुका है. परिषद का गठन होने से अब विश्वविद्यालय के कामों में गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, करीब 1 साल से विश्वविद्यालय कार्यपरिषद नहीं थी.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ अनिल शर्मा के अनुसार विश्वविद्यालय के विधान के अनुसार कार्य परिषद का गठन किया जाता है, पर विश्वविद्यालय में धारा 52 लगने के चलते कार्य परिषद भंग कर दी गई थी, वहीं विश्वविद्यालय से धारा 52 हटने के बाद कार्य परिषद के गठन की कार्रवाई शुरू की गई थी.
अब विश्वविद्यालय में कार्य परिषद का गठन हो चुका है, जिसके बाद 25 सितंबर को नवीनतम कार्य परिषद की पहली बैठक आयोजित की गई है, कार्यपरिषद में अलग-अलग सदस्यों को लिया गया है.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में करीब 21 सदस्य होते हैं. जिनमें तीन सदस्य पदेन एवं 18 सदस्यों का चयन किया जाता है. बीते दिनों राज्यपाल द्वारा छह सदस्यों की नियुक्ति की गई है. पूर्व में 12 सदस्यों का चयन व नियुक्ति हो चुकी है, जिसके बाद आप कार्य परिषद का पूर्ण गठन किया जा चुका है.
विश्वविद्यालय में कार्य परिषद द्वारा विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यों के लिए सामूहिक रूप से फैसले लिए जाते हैं, ऐसे में अब कार्य परिषद के गठन के बाद विश्वविद्यालय के कामों को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.