इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े नगरीय निकाय यानी नगर निगम इंदौर का प्रतिनिधित्व आगामी नगर निगम चुनाव के बाद महिलाओं के हाथ में होगा. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार यहां नगर निगम के वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है. जिसमें 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं.
मध्यप्रदेश में आरक्षण नियम 1994 के तहत नगरीय निकायों में आगामी चुनाव के पहले वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस क्रम में इंदौर के 85 वार्ड में सीटों का आरक्षण लॉटरी निकाल कर किया गया, जिसमें 42 वार्डों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है. निर्धारित आरक्षण प्रक्रिया के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग की 4 श्रेणियों में आरक्षण प्रक्रिया संपन्न कराई गई. जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग की 13 वार्डों में 7 पर महिलाएं है, जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग में 5 सीटों में से दो महिलाएं, वहीं ओबीसी के 21 वार्डों में से 11 महिलाएं और सामान्य वर्ग के 48 वार्डों में से 22 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं.
आरक्षण से कई पार्षदों के क्षेत्र हुए प्रभावित
नगर निगम के आरक्षण से इंदौर बीजेपी के कई पार्षदों को अब नए वार्ड तलाशने होंगे, जिनमें कई वार्ड ऐसे हैं, जो आरक्षण के बाद महिला सहित आरक्षित क्षेत्र हो गए. जिसके बाद बीजेपी और कांग्रेस के कई नेताओं के पारंपरिक वार्ड अब उन्हें बदलने होंगे. कई क्षेत्रों के जातिगत समीकरण भी प्रभावित होने से कई स्थानीय नेताओं को पार्षद बनने के लिए अब अन्य क्षेत्रों से मैदान में उतरना पड़ेगा.