इंदौर। शहर के वन्यजीव प्रेमियों के लिए बुधवार का दिन खुशियों भरा रहा है. शहर के Kamala Nehru Zoo में बीते दिनों लाए गए White Tiger को बुधवार को सैलानियों के लिए बाड़े में छोड़ा गया. विधायक महेंद्र हार्डिया ने रिमोट के माध्यम से पिंजरे को खोलकर व्हाइट टाइगर को बाड़े में छोड़ा. अब प्राणी संग्रहालय में पहुंचने वाले सैलानी यहां येलो टाइगर के साथ-साथ व्हाइट टाइगर को भी देख सकेंगे. हालांकि कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में मौजूद ब्लैक मेलेनिस्टिक टाइगर (Black Tiger) को देखने के लिए सैलानियों को थोड़ा इंतजार करना होगा.
Kamala Nehru Zoo में है Yellow, Black और White Tiger
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में येलो, ब्लैक और व्हाइट टाइगर मौजूद है. मध्य प्रदेश का यह एकमात्र प्राणी संग्रहालय है, जहां तीनों कलर के टाइगर मौजूद है. जो आने वाले समय में सैलानियों को एक साथ देखने को मिलेंगे. र्तमान में देश के सीमित प्राणी संग्रहालय में येलो, ब्लैक और व्हाइट टाइगर मौजूद है, जिनमें कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय शामिल है. कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय ने बुधवार को व्हाइट टाइगर को खुले बाड़े में छोड़ा गया है. विधायक महेंद्र हार्डिया ने व्हाइट टाइगर को बाड़े में छोड़ने के लिए रिमोट के माध्यम से पिंजरा खोला.
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एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत प्राणी संग्रहालय में आया व्हाइट टाइगर
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में नंदनकानन जू (Nandankanan Zoo) से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत 30 अप्रैल को व्हाइट और ब्लैक मेलेनिस्टिक टाइगर लाए गए हैं. नंदनकानन जू के बाद अब कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में येलो, ब्लैक मेलेनिस्टिक और व्हाइट टाइगर मौजूद है. वर्तमान में येलो और ब्लैक टाइगर को अलग-अलग पिंजरे में रखा गया है. केवल व्हाइट टाइगर को आज बाड़े में छोड़ा गया है. कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के अनुसार आने वाले दिनों में तीनों टाइगर को एक साथ छोड़ा जाएगा. इसके बाद सैलानी इन्हें एक साथ देख सकेंगे.
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कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में मौजूद है कई प्रकार के वन्यजीव
शहर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में अलग-अलग दुर्लभ प्रजातियों के कई वन्यजीव मौजूद है. वहीं एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत यहां कई अलग-अलग वन्यजीवों को लाया गया. प्रतिदिन यहां बड़ी संख्या में सैलानी वन्यजीवों को देखने के लिए पहुंचते हैं. प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के अनुसार तीन अलग-अलग कलर के टाइगरों के यहां मौजूद होने से वन्यजीवों का अध्ययन करने वाले लोगों को भी काफी हद तक मदद मिलेगी.