इंदौर। उपचुनाव के पहले भाजपा और कांग्रेस द्वारा एक दूसरे पर हो रही बयानबाजी के बीच मंत्री उषा ठाकुर ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए वक्फ बोर्ड में संचालित गतिविधियों पर सवाल उठाए हैं. उषा ठाकुर ने कहा है कि 'पूरा देश जानता है कि आतंकवादी मदरसों में पले बढ़े हैं और मदरसे आर्थिक दृष्टि से मजबूत संगठन है. वहां कोई भी व्यवस्था करनी होती है तो अल्पसंख्यकों के माध्यम से ही की जा सकती है. इसलिए सरकार का इन पर अतिरिक्त खर्च करना, अन्य वर्गों के हकों को छीनने वाली बात है. इसलिए वक्फ बोर्ड को सरकारी मदद देने से अच्छा है कि खून पसीने की कमाई विकास कार्यों में लगाई जाए.'
उषा ठाकुर ने पूर्व की कमलनाथ सरकार पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा है कि कमलनाथ सरकार ने इमाम को 5 हजार और मोहिदीन को साढ़े चार हजार देने का फैसला किया. जबकि मंदिरों से प्राप्त आय पर कर लगाने की तैयारी की. इसके अलावा मंदिरों की जमीनों को बेचने का भी फैसला कर लिए थे. जोकि ये कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण नीति का परिणाम है.
दरअसल उषा ठाकुर कमलनाथ सरकार में अल्पसंख्यक वर्गों को लेकर लिए गए फैसलों से असहमत नजर आई. उन्होंने कहा 'जिन लोगों ने नागरिकता कानून का विरोध किया, कांग्रेस उन्हीं की लड़ाई लड़ने तैयार हो गई. और ऐसे तमाम मुद्दों पर अब भाजपा जन जागरण अभियान चला रही है. जिससे कि ऐसे तमाम चेहरे और विघटनकारी ताकतों को पहचाना जा सके.'
उषा ठाकुर के बयान पर कांग्रेस के सवाल
उषा ठाकुर के इस बयान के बाद कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा है कि 'इस तरह के बयान से नफरत और विद्वेष फैलता है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता ने कहा है कि उषा ठाकुर को सीमित ज्ञान होगा. उनकी पार्टी की केंद्र की सरकार के एक मंत्री आरके सिंह हैं, उन्होंने एक शपथ पत्र पेश किया था और उसमें संघ के लोगों की जानकारी दी थी, उनका शपथ पत्र उन्हें जरूर पढ़ना चाहिए.
बीजेपी नेता कर रहे बयान का समर्थन
मंत्री उषा ठाकुर के मदरसों को लेकर दिए गए बयान का समर्थन अब बीजेपी भी कर रही है. बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि मंत्री उषा ठाकुर ने कुछ गलत नहीं कहा है जिन मदरसों में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां संचालित की जा रही है उन मदरसों को बंद ही कर देना चाहिए.