इंदौर। राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के खात्मे की खातिर नीलभस्मी रोबोट तैयार किया है. इस रोबोट को देवी अहिल्याबाई होलकर अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट को सौंपा गया है. रोबोट में चार भुजाओं में 8 लैंप लगे हुए हैं, जिससे यूवी रेडिएशन निकलती है. इसे कैट ने तैयार किया है. बताया जा रहा है कि ‘नीलभस्मी’ टर्मिनल को और सुरक्षित रखेगा.
इन किरणों को सैटेलाइट के माध्यम से कंट्रोल किया जा सकता है और किसी भी दिशा में घुमाया जा सकता है. इसमें लगी अल्ट्रावायलेट किरणें जहां भी पड़ती हैं वायरस को खत्म कर देती हैं. फिलहाल ये दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), साउथ ब्लाॅक समेत कई और बड़े शासकीय कार्यालयों में लगा है। यानी कई विश्वसनीय संस्थाओं से पास होने के बाद ही बाजार में उपलब्ध हुआ है.
'नीलभस्मी' क्यों है खास
इस उपकरण के माध्यम से 10 वर्गमीटर के कमरे को 45 मिनट के अंदर वायरस मुक्त किया जा सकता है. कई प्रयोगों के बाद यह सिद्ध हुआ है कि इससे कोरोना वायरस नष्ट किए जा सकते हैं. कैट के मुताबिक यूवी-सी लाइट के जरिए मर्स कोव और सार्स-कोव-1 जैसे कोरोना वायरस का खात्मा होता साबित हो चुका है. लेकिन ये लाइट, कोविड-19 बीमारी के लिए जिम्मेदार सार्स-कोव-2 वायरस को भी खत्म करती है, यह फिलहाल प्रमाणित नहीं हुआ है। इस उपकरण को बनाने में 20,0000 की लागत लगी है. हैदराबाद के ईएसआईसी (ESIC) मेडिकल कॉलेज में इसे प्रमाणित भी किया जा चुका है. इसका 1998 माइक्रोवाट, 35cm ऊर्जा से एक वर्गमीटर क्षेत्र 1 मिनट में साफ करता है. मशीन एक मीटर के दायरे में आने वाली किसी सतह को पांच मिनट में बैक्टीरिया मुक्त कर देती है।
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शाम 6 बजे के बाद उपयोग किया जाता है
इस उपकरण का उपयोग तभी किया जा सकता जब वह स्थान पूरी तरह से खाली हो. इसी कारण फिलहाल इसका उपयोग एयरपोर्ट पर शाम 6 बजे के बाद किया जाता है क्योंकि कम ट्रैफिक की वजह से एयरपोर्ट शाम 6 बजे बंद कर दिया जाता है.