इंदौर। कांफ्रेंस के दौरान आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने बताया कि कैसे COVID महामारी ने हमें अपनी दृष्टि (विज़न), आत्मनिरीक्षण (इंट्रोस्पेक्शन) और खोज (डिस्कवरी) करने का अवसर प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक संगठन की तरह हम मनुष्यों को भी अपने लिए एक दृष्टि तय करनी चाहिए. दृष्टि हमें अपने अस्तित्व के उद्देश्य की पहचान कराती है. शिक्षकों और शोधार्थियों के रूप में हमें अपना उद्देश्य खोजने और फिर उसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है.
ये तय करें कि आपका लक्ष्य क्या है : इस प्रकार जब आप इस कांफ्रेंस में भाग ले रहे हैं तो इस अवसर का उपयोग अपना नेटवर्क बनाने और यह तय करने के लिए करें कि आपका लक्ष्य क्या है, शिक्षक होने से व्यक्ति स्वाभाविक तौर पर एक लीडर भी बन जाता है. आपके विद्यार्थी निश्चित रूप से आपके कार्यों का अनुसरण करेंगे, क्योंकि वे आपसे ही सीखते हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा ने भी अपने काम करने के तरीकों में बड़े पैमाने पर बदलाव देखा है.
एक तरफ गरीबों को फ्री राशन वहीं मध्यप्रदेश में स्कूली बच्चों को नहीं मिला मार्च का मध्याह्न भोजन
इस कांफ्रेंस से एक मंच मिला : अमित पालीवाल ने आईआईएम इंदौर के साथ सहयोग करने पर अपनी खुशी साझा की. उन्होंने कहा कि पिछले दो साल दुनिया के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण रहे हैं. खासकर भारत के लिए. आर्थिक क्षेत्रों को पहले की तरह व्यवधानों का सामना करना पड़ा है, जो उद्योग आमतौर पर प्रभावित नहीं थे, जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा ने भी अपने काम करने के तरीकों में बड़े पैमाने पर बदलाव देखा. आईआईएम इंदौर के साथ इस फलदायी सहयोग ने हमें शिक्षाविदों, उद्योगपतियों और शोधकर्ताओं को एक साथ आने और अपने विचारों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करने का अवसर प्रदान किया है. (learning and management related to covid)