इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में एक याचिकाकर्ता ने याचिका लगाई है कि 2015 में अलग-अलग तरह के पेड़ों की कटाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है लेकिन उसके बाद भी शहर में पेड़ों की कटाई का दौरान रुकने का नाम नहीं ले रहा है. याचिकाकर्ता का आरोप है कि वन विभाग के कुछ अधिकारी तस्करों के साथ मिले हुए हैं. जिनकी नाक के नीचे तस्कर पेड़ों का परिवहन कर उन्हें बेच रहे है.
याचिकाकर्ता राम बहादुर ने बताया कि मध्यप्रदेश की पूववर्ती सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर 2015 में पेड़ों की 53 प्रजातियों को टीपी मुक्त किया था और ये सुविधा किसानों को दी गई थी और ये सुविधा किसानों को इसलिए दी गई थी जिससे किसान इन पेड़ों को काटकर अपना जीवन यापन कर सकें.
लेकिन इसकी आड़ में बिचौलियों ने बेहताशा फायदा उठाया और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर शहर का भी वातावरण बिगाड़ दिया है. उन्होंने बताया कि पेड़ों की जिस प्रकार से कटाई की जा रही है उससे मध्यप्रदेश रेगिस्तान की तरफ अग्रसर हो रहा है.
बता दें कि याचिककर्ता के मुताबिक अवैध तरीके से पेड़ों को काटने पर एक याचिका लगाई है. वहीं पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के बाद भी वन विभाग आरोपियों पर कार्रवाई से बच रहा है. इन सब बातों को ध्यान में रखकर एक बार फिर याचिकाकर्ता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.