इंदौर। जिले में आगामी 19 फरवरी को समाप्त हो रहे महापौर और परिषद के कार्यकाल के पहले महापौर द्वारा अंतिम परिषद सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. इस अंतिम परिषद सम्मेलन को एक ओर जहां महापौर ऐतिहासिक बता रही हैं, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष इसे पार्षदों और महापौर के विदाई समारोह के रूप में मनाने की बात कह रही है.
इंदौर में 19 फरवरी से पहले नगर निगम का परिषद सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. महापौर की अध्यक्षता में 4 फरवरी को एमआईसी की बैठक आयोजित की जाएगी, जहां पर शहर हित और शहर विकास से जुड़े विभिन्न प्रस्तावों को रखा जाएगा. इस कार्यकाल में अंतिम बार आयोजित हो रहे इस परिषद सम्मेलन में जहां सत्तापक्ष 5 सालों में उनके द्वारा किए गए कार्यों का श्रेय लेने का पुरजोर प्रयास करेगा, तो वहीं विपक्ष भी सत्तापक्ष को घेरने और महापौर के कार्यकाल पर सवाल उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता है.
आगामी निकाय चुनाव को देखते हुए दोनों ही दल इस परिषद सम्मेलन में पुरजोर तरीके से अपनी बात रखने की तैयारी कर रहे हैं. पूर्व में हुए परिषद सम्मेलनों में दोनों ही पक्षों के द्वारा जमकर हंगामा देखने को मिला था. इस बार भी आखिरी परिषद सम्मेलन में भी ऐसी ही परिस्थितियां निर्मित होने की आशंका है, जिसके चलते पुलिस के साए में इस परिषद सम्मेलन को आयोजित किया जाएगा.
परिषद को लेकर महापौर मालिनी गौड़ का कहना है कि इस बार शहर को कई सौगातें दी जाएगी, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि शहर और शहर विकास में सहभागी रहे महापौर और पार्षदों को अंतिम बार आयोजित हो रहे इस सम्मेलन को एक मिलन समारोह के रूप में आयोजित किया जाएगा और सभी पार्षदों का विदाई समारोह भी होगा.