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इंदौर नगर निगम परिषद् का कार्यकाल हुआ पूरा, महापौर ने स्वच्छता को बताया सबसे बड़ी उपलब्धि - इंदौर न्यूज

इंदौर में नगर निगम की महापौर का कार्यकाल पूरा हो रहा है, इसे लेकर महापौर मालिनी गौड़ ने अपने कार्यकाल पर संतोष जताया है. विपक्ष ने कहा कि अपने कार्यकाल में हमने काम किया है और उससे संतोष भी है, इसलिए अंतिम दिन होने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.

Indore Corporation Council
इंदौर निगम परिषद
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Published : Feb 19, 2020, 9:49 AM IST

Updated : Feb 19, 2020, 2:57 PM IST

इंदौर। नगर निगम परिषद का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है. निगम निगम परिषद के कार्यकाल पूरा होने पर एक ओर जहां महापौर मालिनी गौड़ ने अपने पांच साल के कामों पर संतोष जताया है, तो वहीं विपक्ष ने इसे महापौर का सबसे बड़ा विफल कार्यकाल करार दिया. अंतिम दिन होने से कई कामों को महापौर मंजूरी देती दिखाई दीं. वहीं विपक्ष ने कहा कि उनके द्वारा पांच साल काम ही किया गया है, इसलिए अंतिम दिन होने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. स्वच्छता को महापौर मालिनी गौड़ ने अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया है.

नगर निगम परिषद् का कार्यकाल हुआ पूरा
महापौर मालिनी गौड़ सहित नगर निगम के सभी एमआईसी सदस्यों और पार्षदों का आज अंतिम दिन है. नगर निगम परिषद का कार्यकाल खत्म होने पर नगर निगम में प्रशासक की नियुक्ति हो जाएगी. पिछले पांच सालों की बात की जाए, तो नगर निगम परिषद् के इस कार्यकाल में कई ऐसी उपलब्धियां रहीं, जिससे इंदौर शहर पूरे देश ही नहीं विश्व में पहचाना जाने लगा.पिछले पांच साल की उपलब्धियां
  • स्वच्छता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पूरे देश से आह्वान किया, तो इंदौर में भी स्वच्छता की अलख जगाई गई, जिसके कारण पूरे देश में तीन बार स्वच्छता में इंदौर नंबर वन बना.
  • शहर विकास के लिए नगर निगम ने बॉन्ड जारी करना शुरू किया, इसके लिए नगर निगम ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज में बांड जारी कर उन्हें दर्ज करवाया.
  • शहर को आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने में नगर निगम की इस परिषद को हमेशा याद किया जाएगा. 25 हजार से अधिक आवारा पशुओं को शहर से बाहर छोड़ा गया.
  • निगम परिषद के इस कार्यकाल में बल्ला कांड की गूंज रही. बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने निगम अफसर की बैट से पिटाई की, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा.
  • इंदौर नगर निगम ने 15 लाख टन कचरे का निपटान किया. शहर में मौजूद कचरे के पहाड़ को भी इसी निगम परिषद के कार्यकाल में खत्म किया गया और वहां पर सिटी फॉरेस्ट को विकसित करने का काम शुरू हुआ.

नगर निगम परिषद ने अपने कार्यकाल में कई उपलब्धियां तो अपने नाम की लेकिन, कई ऐसे भी काम थे, जो निगम परिषद नहीं कर पाई. इन कामों के लिए पांच साल पहले दावे तो कई किए गए थे, लेकिन आज भी वे सिर्फ घोषणा ही बनकर रह गए.

पिछले पांच साल के वह काम जो नहीं हो सके

  • शहर में मौजूद 950 अवैध कॉलोनियों में से 576 कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया नगर निगम ने शुरू की थी, लेकिन अभी तक इसमें से किसी भी कॉलोनी को वैध नहीं किया जा सका.
  • नगर निगम पूरे शहर में विकास के तमाम दावे करता रहा, लेकिन नगर निगम खुद का भवन भी पांच सालों में तैयार नहीं कर पाया. नगर निगम मुख्यालय के भवन का निर्माण 2016 में पूरा होना था, लेकिन आज तक इस बिल्डिंग का काम जारी है.
  • एक ओर जहां नगर निगम ने 100 दिन में जवाहर मार्ग पुलिया को बनाकर पूरा कर दिया था, तो वहीं शहर के 25 से ज्यादा पुल-पुलिया का निर्माण तो शुरू हुआ, लेकिन वे अभी तक अधूरे हैं.
  • शहर का मशहूर नेहरू स्टेडियम अंत तक अपनी कायाकल्प की राह देखता रहा, शहर में ना तो कोई नया खेल का मैदान तैयार हुआ ना ही पुराने मैदानों का कायाकल्प किया जा सका.
  • शहर की ऐतिहासिक इमारतों को संवारने का काम तो शुरू किया गया, लेकिन उनका काम अभी भी जारी है. शहर की ऐतिहासिक इमारतों का जीर्णोद्धार अभी भी अधूरा है.

    नगर निगम के कामों को लेकर एक ओर जहां महापौर संतुष्टि जता रही हैं, तो वहीं स्वच्छता को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि भी बता रही हैं. हालांकि शहर के कई ऐसे काम अभी भी शेष रह गए थे, जो महापौर की घोषणा पत्र में शामिल थे, लेकिन पूरे नहीं किए जा सके.

    इंदौर नगर निगम के इन पांच सालों में जो भी काम किया गया, उसमें निगम अधिकारियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही. यही कारण था कि कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर इंदौर के निगम आयुक्त शहर की सफाई व्यवस्था के बारे में भी बताते हुए दिखाई दिए.

इंदौर। नगर निगम परिषद का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है. निगम निगम परिषद के कार्यकाल पूरा होने पर एक ओर जहां महापौर मालिनी गौड़ ने अपने पांच साल के कामों पर संतोष जताया है, तो वहीं विपक्ष ने इसे महापौर का सबसे बड़ा विफल कार्यकाल करार दिया. अंतिम दिन होने से कई कामों को महापौर मंजूरी देती दिखाई दीं. वहीं विपक्ष ने कहा कि उनके द्वारा पांच साल काम ही किया गया है, इसलिए अंतिम दिन होने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. स्वच्छता को महापौर मालिनी गौड़ ने अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया है.

नगर निगम परिषद् का कार्यकाल हुआ पूरा
महापौर मालिनी गौड़ सहित नगर निगम के सभी एमआईसी सदस्यों और पार्षदों का आज अंतिम दिन है. नगर निगम परिषद का कार्यकाल खत्म होने पर नगर निगम में प्रशासक की नियुक्ति हो जाएगी. पिछले पांच सालों की बात की जाए, तो नगर निगम परिषद् के इस कार्यकाल में कई ऐसी उपलब्धियां रहीं, जिससे इंदौर शहर पूरे देश ही नहीं विश्व में पहचाना जाने लगा.पिछले पांच साल की उपलब्धियां
  • स्वच्छता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पूरे देश से आह्वान किया, तो इंदौर में भी स्वच्छता की अलख जगाई गई, जिसके कारण पूरे देश में तीन बार स्वच्छता में इंदौर नंबर वन बना.
  • शहर विकास के लिए नगर निगम ने बॉन्ड जारी करना शुरू किया, इसके लिए नगर निगम ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज में बांड जारी कर उन्हें दर्ज करवाया.
  • शहर को आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने में नगर निगम की इस परिषद को हमेशा याद किया जाएगा. 25 हजार से अधिक आवारा पशुओं को शहर से बाहर छोड़ा गया.
  • निगम परिषद के इस कार्यकाल में बल्ला कांड की गूंज रही. बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने निगम अफसर की बैट से पिटाई की, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा.
  • इंदौर नगर निगम ने 15 लाख टन कचरे का निपटान किया. शहर में मौजूद कचरे के पहाड़ को भी इसी निगम परिषद के कार्यकाल में खत्म किया गया और वहां पर सिटी फॉरेस्ट को विकसित करने का काम शुरू हुआ.

नगर निगम परिषद ने अपने कार्यकाल में कई उपलब्धियां तो अपने नाम की लेकिन, कई ऐसे भी काम थे, जो निगम परिषद नहीं कर पाई. इन कामों के लिए पांच साल पहले दावे तो कई किए गए थे, लेकिन आज भी वे सिर्फ घोषणा ही बनकर रह गए.

पिछले पांच साल के वह काम जो नहीं हो सके

  • शहर में मौजूद 950 अवैध कॉलोनियों में से 576 कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया नगर निगम ने शुरू की थी, लेकिन अभी तक इसमें से किसी भी कॉलोनी को वैध नहीं किया जा सका.
  • नगर निगम पूरे शहर में विकास के तमाम दावे करता रहा, लेकिन नगर निगम खुद का भवन भी पांच सालों में तैयार नहीं कर पाया. नगर निगम मुख्यालय के भवन का निर्माण 2016 में पूरा होना था, लेकिन आज तक इस बिल्डिंग का काम जारी है.
  • एक ओर जहां नगर निगम ने 100 दिन में जवाहर मार्ग पुलिया को बनाकर पूरा कर दिया था, तो वहीं शहर के 25 से ज्यादा पुल-पुलिया का निर्माण तो शुरू हुआ, लेकिन वे अभी तक अधूरे हैं.
  • शहर का मशहूर नेहरू स्टेडियम अंत तक अपनी कायाकल्प की राह देखता रहा, शहर में ना तो कोई नया खेल का मैदान तैयार हुआ ना ही पुराने मैदानों का कायाकल्प किया जा सका.
  • शहर की ऐतिहासिक इमारतों को संवारने का काम तो शुरू किया गया, लेकिन उनका काम अभी भी जारी है. शहर की ऐतिहासिक इमारतों का जीर्णोद्धार अभी भी अधूरा है.

    नगर निगम के कामों को लेकर एक ओर जहां महापौर संतुष्टि जता रही हैं, तो वहीं स्वच्छता को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि भी बता रही हैं. हालांकि शहर के कई ऐसे काम अभी भी शेष रह गए थे, जो महापौर की घोषणा पत्र में शामिल थे, लेकिन पूरे नहीं किए जा सके.

    इंदौर नगर निगम के इन पांच सालों में जो भी काम किया गया, उसमें निगम अधिकारियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही. यही कारण था कि कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर इंदौर के निगम आयुक्त शहर की सफाई व्यवस्था के बारे में भी बताते हुए दिखाई दिए.
Last Updated : Feb 19, 2020, 2:57 PM IST
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