इंदौर। देश की नई संसद का रविवार को उद्घाटन होना है. हालांकि उद्घाटन के पहले से ही देश और प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है. करीब 19 विपक्षी दलों ने नई संसद के उद्घाट का विरोध जताया है. विपक्षी दलों ने संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा न कराए जाने पर इसे देश के सभी आदिवासियों और राष्ट्रपति का अपमान बताया है. वहीं इस मामले पर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बयान दिया है. सुमित्रा महाजन ने संसद को लोकतंत्र का मंदिर बताते हुए कहा कि इस पर दलगत राजनीति नहीं होनी चाहिए.
पुरानी संसद में बैठने की समस्या: सुमित्रा महाजन ने कहा कि मुझे लगता है कि विपक्षी दलों के सांसदों को नए संसद भवन का विरोध नहीं करना चाहिए. ताई ने कहा कि आज नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करने वाले विपक्षी सदस्य मेरे लोकसभा अध्यक्ष के कार्यकाल (2014 और 2019 के बीच) के दौरान अक्सर मुझसे शिकायत करते थे कि जगह की कमी के चलते उन्हें सदन में बैठने में कठिनाई हो रही है. इसके अलावा पूर्व लोकसभा स्पीकर ने कहा कि जो लोग पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रहना चाहिए कि पीएम मोदी सांसद होने के साथ-साथ लोकसभा में सदन के नेता भी हैं.
पुरानी संसद में कुछ सांसदों को कहते थे पिलर पीड़ित: साथ ही सुमित्रा महाजन ने कहा कि पुरानी संसद में कुछ सांसदों को मजाक में पिलर पीड़ित कहा जाता था, क्योंकि उनकी सीट खंभे के ठीक पीछे होती थी. इसलिए मैं उन्हें आगे आकर सदन में बोलने के लिए कहती थी. पूर्व लोकसभा स्पीकर ने कहा कि 1989 में जब वह पहली बार सांसद बनी तो गोल आकार के कारण उन्हें याद नहीं रहता था कि किस दरवाजे से प्रवेश करना है और किससे बाहर निकलना है.
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ऐतिहासिक कार्यक्रम में होंगे शामिल: पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन सुबह हवन और बहु-धर्म प्रार्थना के साथ शुरू होगा. इसके बाद पीएम द्वारा लोकसभा में औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा. रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन में 25 दलों के शामिल होने की उम्मीद है, जबकि 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. ताई ने कहा हम सब इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होंगे.