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भारी बारिश से सोयाबीन की फसल हुई बर्बाद, मुआवजे के लिए चक्कर काट रहे किसान

जिले में पिछले दिनों हुई बारिश से नदी में बाढ़ आ जाने से देपालपुर-गौतमपुरा के किसान परेशान हैं, उनकी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं.

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Published : Aug 26, 2020, 1:15 PM IST

Updated : Aug 26, 2020, 3:09 PM IST

Soybean crop wasted due to excess rain, farmers are demanding compensation
सोयाबीन की फसल बर्बाद

इंदौर। प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ ही है, साथ ही किसानों की फसलें भी खराब हो गई हैं, जिससे किसान परेशान हैं. अतिवृष्टि के कारण गौतमपुरा और देपालपुर क्षेत्र में किसानों की हजारों बीघा सोयाबीन की फसलें चौपट हो गई हैं. जिसका सर्वे कराने के लिए किसान अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, पर कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

सोयाबीन की फसल बर्बाद

क्षेत्र में बीते दिनों हुई अतिवृष्टि के कारण नदी में बाढ़ आ जाने से ग्राम रलायता, खरसोड़ा, चम्बल, अत्यणा, नोलाना, चित्तोड़ा, जलोदियाज्ञान सहित कई गांवों समेत देपालपुर-गौतमपुरा के किसान जिनके खेत नदी या नालों से सटे हैं, उन किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.

ऐसे किसानों के सामने विकट परिस्थिति है कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है, वे अपना गुजारा कैसे करेंगे. किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. रलायता के किसान मुकेश राठौर का कहना है कि बीमा का पैसा काट लिया गया है और उसकी 52 बीघा फसल बारिश के कारण पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है. किसान पटवारी के पास जाते हैं तो उन्हें बैंक का हवाला देकर बैंक पहुंचा दिया जाता है और बैंक वालों के पास जाओ तो वो सर्वे करने वालों से बात करने को कहते हैं, जिससे किसान परेशान हो चुके हैं.

खरसोड़ा गांव के अंतिम गुर्जर का कहना है कि बारिश के कारण 12 बीघा से ज्यादा फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है, जिसके बाद वो मुआवजे के लिए सरकार से उम्मीद लगाकर बैठे हैं.

इंदौर। प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ ही है, साथ ही किसानों की फसलें भी खराब हो गई हैं, जिससे किसान परेशान हैं. अतिवृष्टि के कारण गौतमपुरा और देपालपुर क्षेत्र में किसानों की हजारों बीघा सोयाबीन की फसलें चौपट हो गई हैं. जिसका सर्वे कराने के लिए किसान अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, पर कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

सोयाबीन की फसल बर्बाद

क्षेत्र में बीते दिनों हुई अतिवृष्टि के कारण नदी में बाढ़ आ जाने से ग्राम रलायता, खरसोड़ा, चम्बल, अत्यणा, नोलाना, चित्तोड़ा, जलोदियाज्ञान सहित कई गांवों समेत देपालपुर-गौतमपुरा के किसान जिनके खेत नदी या नालों से सटे हैं, उन किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.

ऐसे किसानों के सामने विकट परिस्थिति है कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है, वे अपना गुजारा कैसे करेंगे. किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. रलायता के किसान मुकेश राठौर का कहना है कि बीमा का पैसा काट लिया गया है और उसकी 52 बीघा फसल बारिश के कारण पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है. किसान पटवारी के पास जाते हैं तो उन्हें बैंक का हवाला देकर बैंक पहुंचा दिया जाता है और बैंक वालों के पास जाओ तो वो सर्वे करने वालों से बात करने को कहते हैं, जिससे किसान परेशान हो चुके हैं.

खरसोड़ा गांव के अंतिम गुर्जर का कहना है कि बारिश के कारण 12 बीघा से ज्यादा फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है, जिसके बाद वो मुआवजे के लिए सरकार से उम्मीद लगाकर बैठे हैं.

Last Updated : Aug 26, 2020, 3:09 PM IST
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