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बारिश से गिरा जर्जर मकान, नगर निगम के दावों की खुली पोल - इंदौर बारिश मकान गिरा

शहर में नगर निगम के दावों की पोल खुल गई है, लगातार हुई बारिश से जर्जर मकान गिर गया है. जिससे पास का मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया है. किसी जानमाल की कोई खबर नहीं है.

Municipal corporation's open poll, 70-year-old house collapses
नगर निगम की खुली पोल, 70 साल पुराना मकान भरभरा कर गिरा
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Published : Aug 27, 2020, 10:15 AM IST

इंदौर। शहर में पिछले दिनों हुई लगातार बारिश के बाद एक बार फिर निगम की लापरवाही सामने आई हैं. निगम ने दावे किए थे की बारिश से पहले शहर के सभी जर्जर मकानों को तोड़ दिया गया है, लेकिन दो दिन पहले हुई बारिश से शहर में फिर से मकान गिरने का मामले सामने आया है.

दरअसल शहर में मौजूद जर्जर मकानों पर नगर निगम ने कुछ समय तक कार्रवाई की थी, लेकिन मकानों को गिराने के बाद पिछले कुछ दिनों के बाद यह कार्रवाई ठप पड़ी है. जिसके चलते शहर में अभी भी कई जर्जर मकान मौजूद हैं.

इसी कड़ी में छिपा बाखल में मौजूद मकान 70 साल पुराना मकान भरभरा कर गिर गया, जिसके कारण पड़ोस के मकान का हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया. हालांकि जिस समय यह घटना हुई तब वहां पर कोई मौजूद नहीं था, लेकिन मकान के गिरने के बाद नगर निगम के उन सभी दावों की पोल जरूर खुल गई, जिसमें यह दावा किया गया था कि शहर के जर्जर मकानों को तोड़ दिया जाएगा और बारिश में ऐसी कोई घटना देखने को नहीं मिलेगी.

दरअसल जो मकान गिरा है वह नगर निगम के भवनों की सूची में नहीं था, हालांकि निगम अधिकारी लगातार यह कहते नजर आए कि इस भवन को भी खतरनाक होने पर नोटिस दिया गया था.

इंदौर। शहर में पिछले दिनों हुई लगातार बारिश के बाद एक बार फिर निगम की लापरवाही सामने आई हैं. निगम ने दावे किए थे की बारिश से पहले शहर के सभी जर्जर मकानों को तोड़ दिया गया है, लेकिन दो दिन पहले हुई बारिश से शहर में फिर से मकान गिरने का मामले सामने आया है.

दरअसल शहर में मौजूद जर्जर मकानों पर नगर निगम ने कुछ समय तक कार्रवाई की थी, लेकिन मकानों को गिराने के बाद पिछले कुछ दिनों के बाद यह कार्रवाई ठप पड़ी है. जिसके चलते शहर में अभी भी कई जर्जर मकान मौजूद हैं.

इसी कड़ी में छिपा बाखल में मौजूद मकान 70 साल पुराना मकान भरभरा कर गिर गया, जिसके कारण पड़ोस के मकान का हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया. हालांकि जिस समय यह घटना हुई तब वहां पर कोई मौजूद नहीं था, लेकिन मकान के गिरने के बाद नगर निगम के उन सभी दावों की पोल जरूर खुल गई, जिसमें यह दावा किया गया था कि शहर के जर्जर मकानों को तोड़ दिया जाएगा और बारिश में ऐसी कोई घटना देखने को नहीं मिलेगी.

दरअसल जो मकान गिरा है वह नगर निगम के भवनों की सूची में नहीं था, हालांकि निगम अधिकारी लगातार यह कहते नजर आए कि इस भवन को भी खतरनाक होने पर नोटिस दिया गया था.

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