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कोरोना को हराने में कारगर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कच्चा माल इंदौर में हो रहा तैयार

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोविड-19 के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ऐसे इस मांग बढ़ गई है. इस दवा का रॉ- मटेरियल इंदौर में तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद देहरादून और सिक्किम में इसकी गोलियां तैयार होती है.

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Published : Apr 21, 2020, 4:48 PM IST

Raw material of hydroxychloroquine is ready
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का रॉ मटेरियल हो रहा तैयारहाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का रॉ मटेरियल हो रहा तैयार

इंदौर। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नाम की दवा की मांग पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है. इस दवा को फिलहाल पूरी दुनिया में सिर्फ भारत में मौजूद कंपनियां ही तैयार कर रही हैं. कोविड-19 के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण इसी दवा को माना जा रहा है. खुद विश्व की सबसे बड़ी ताकत माने जाने वाले अमेरिका ने भी इस दवा के लिए भारत से मांग की थी. इस दवा का रॉ मटेरियल इंदौर में तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद देहरादून और सिक्किम में इसकी गोलियां तैयार होती हैं.

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का रॉ मटेरियल हो रहा तैयार

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के इलाज के लिए प्रामाणिक मानी जाती है. हालांकि इसके कोरोना वायरस को लेकर क्लीनिकल ट्रायल फिलहाल जारी है. जिसके अलग-अलग परिणाम सामने आ रहे हैं, लेकिन एक मात्र यही दवा है. जिसकी मांग पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी की जा रही है. भारत में इस दवा की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी इप्का लेबोरेटरीज है, जो इसे देश में सबसे ज्यादा बनाती है और भारत में बिकने वाली एचसीक्यूएस दवा के मार्केट पर 80 फीसदी इसी कंपनी का कब्जा भी है.

इप्का लेबोरेटरीज के के इंदौर प्लांट पर इस बेसिक ड्रग का रॉ मटेरियल तैयार किया जा रहा है. जिसमें की 600 कर्मचारी लगातार इस मटेरियल को तैयार करने में लगे हैं. इंदौर स्थित प्लांट पर रॉ मटेरियल तैयार होने के बाद देहरादून और सिक्किम स्थित प्लांट पर भेजा जाता है. जहां पर इस बेसिक ड्रग को पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है. लॉकडाउन के बाद इंदौर स्थित प्लांट इसलिए भी चर्चाओं में आया था क्योंकि विशेष विमान से यहां से 1000 किलो से अधिक रॉ मैटेरियल देहरादून भेजा गया था. इस दवा का महत्व इसलिए भी अधिक माना जा रहा है. क्योंकि यह दवा अमेरिका में 1000 से अधिक संक्रमित लोगो पर आजमाएं गई है और उसके परिणामों का इंतजार किया जा रहा है.

इंदौर। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नाम की दवा की मांग पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है. इस दवा को फिलहाल पूरी दुनिया में सिर्फ भारत में मौजूद कंपनियां ही तैयार कर रही हैं. कोविड-19 के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण इसी दवा को माना जा रहा है. खुद विश्व की सबसे बड़ी ताकत माने जाने वाले अमेरिका ने भी इस दवा के लिए भारत से मांग की थी. इस दवा का रॉ मटेरियल इंदौर में तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद देहरादून और सिक्किम में इसकी गोलियां तैयार होती हैं.

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का रॉ मटेरियल हो रहा तैयार

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के इलाज के लिए प्रामाणिक मानी जाती है. हालांकि इसके कोरोना वायरस को लेकर क्लीनिकल ट्रायल फिलहाल जारी है. जिसके अलग-अलग परिणाम सामने आ रहे हैं, लेकिन एक मात्र यही दवा है. जिसकी मांग पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी की जा रही है. भारत में इस दवा की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी इप्का लेबोरेटरीज है, जो इसे देश में सबसे ज्यादा बनाती है और भारत में बिकने वाली एचसीक्यूएस दवा के मार्केट पर 80 फीसदी इसी कंपनी का कब्जा भी है.

इप्का लेबोरेटरीज के के इंदौर प्लांट पर इस बेसिक ड्रग का रॉ मटेरियल तैयार किया जा रहा है. जिसमें की 600 कर्मचारी लगातार इस मटेरियल को तैयार करने में लगे हैं. इंदौर स्थित प्लांट पर रॉ मटेरियल तैयार होने के बाद देहरादून और सिक्किम स्थित प्लांट पर भेजा जाता है. जहां पर इस बेसिक ड्रग को पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है. लॉकडाउन के बाद इंदौर स्थित प्लांट इसलिए भी चर्चाओं में आया था क्योंकि विशेष विमान से यहां से 1000 किलो से अधिक रॉ मैटेरियल देहरादून भेजा गया था. इस दवा का महत्व इसलिए भी अधिक माना जा रहा है. क्योंकि यह दवा अमेरिका में 1000 से अधिक संक्रमित लोगो पर आजमाएं गई है और उसके परिणामों का इंतजार किया जा रहा है.

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