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इंदौर के एमवाय अस्पताल में भरा बारिश का पानी, कैजुअल्टी वॉर्ड हुआ जलमग्न - Casualty ward was submerged

इंदौर के एमवायएच अस्पताल में बारिश का पानी भर गया. इसके चलते कैजुअल्टी वॉर्ड जलमग्न हो गया है और मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

एमवाय अस्पताल
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Published : Sep 13, 2019, 3:33 PM IST

Updated : Sep 13, 2019, 6:44 PM IST

इंदौर। जिले में लगातार हो रही तेज बारिश के कारण प्रदेश के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल के कैजुअल्टी वार्ड में पानी भर गया. जिसके चलते मरीजों और स्टाफ दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति इतनी खराब हो गई है कि तलघर स्थित दवा स्टोर में भी पानी भर गया है, जिससे मरीजों को दवाइयां देने में मुश्किल हो रही है.

एमवाय अस्पताल में भरा बारिश का पानी

दरअसल, नगर निगम द्वारा यहां तीन साल पहले ही वॉटर प्रूफिंग का काम कराया गया था, फिर भी कैजुअल्टी वॉर्ड की छत से पानी टपकता रहता है, जिसके चलते जलभराव हुआ. इसे लेकर अधीक्षक डॉ पीएस ठाकुर ने नगर निगम के कर्मचारियों से जवाब मांगा है कि बारिश के मौसम से पहले वॉटर प्रूफिंग का काम क्यों नहीं किया गया.

सफाई कर्मचारी बार-बार पानी हटा रहे थे, वहीं मरीजों का इलाज भी किया जा रहा था. बता दें कि तीन साल पहले ही अस्पताल में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से वॉटर प्रूफिंग का काम कराया गया था, लेकिन यह दो बारिश भी ठीक से नहीं झेल पाया. पानी भर जाने से फिसलन के कारण मरीजों को लाना ले जाना मुश्किल हो रहा है. वहीं गन्दे पानी से मरीजों में इंफेक्शन भी हो सकता है.

इंदौर। जिले में लगातार हो रही तेज बारिश के कारण प्रदेश के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल के कैजुअल्टी वार्ड में पानी भर गया. जिसके चलते मरीजों और स्टाफ दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति इतनी खराब हो गई है कि तलघर स्थित दवा स्टोर में भी पानी भर गया है, जिससे मरीजों को दवाइयां देने में मुश्किल हो रही है.

एमवाय अस्पताल में भरा बारिश का पानी

दरअसल, नगर निगम द्वारा यहां तीन साल पहले ही वॉटर प्रूफिंग का काम कराया गया था, फिर भी कैजुअल्टी वॉर्ड की छत से पानी टपकता रहता है, जिसके चलते जलभराव हुआ. इसे लेकर अधीक्षक डॉ पीएस ठाकुर ने नगर निगम के कर्मचारियों से जवाब मांगा है कि बारिश के मौसम से पहले वॉटर प्रूफिंग का काम क्यों नहीं किया गया.

सफाई कर्मचारी बार-बार पानी हटा रहे थे, वहीं मरीजों का इलाज भी किया जा रहा था. बता दें कि तीन साल पहले ही अस्पताल में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से वॉटर प्रूफिंग का काम कराया गया था, लेकिन यह दो बारिश भी ठीक से नहीं झेल पाया. पानी भर जाने से फिसलन के कारण मरीजों को लाना ले जाना मुश्किल हो रहा है. वहीं गन्दे पानी से मरीजों में इंफेक्शन भी हो सकता है.

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 Water IN  my Hospital in Indore


Conclusion:
Last Updated : Sep 13, 2019, 6:44 PM IST
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