इंदौर । जिले में सोमवार से गणेश उत्सव की धूम चारों और देखने मिलेगी, वहीं अगर बात करें पर्यावरण की तो गणेश उत्सव के समय पीओपी की गणेश मूर्तियों के वजह से पर्यावरण के लिए चिंता थोड़ी बढ़ जाती है.पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इंदौर जिला जेल में एक नई शुरुआत की गई है , जहां जेल में बंद कैदियों ने मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया है जिसकी संख्या करीब 1 हजार है.
कैदियों ने बनाई मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
जिला जेल के कैदियों ने 1 हजार से अधिक मिट्टी की गणेश मूर्तियों का निर्माण किया है , जिसे बाजार में काफी कम दामों में बेचा जा रहा है .
कैदियों द्वारा निर्मित मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं
इंदौर । जिले में सोमवार से गणेश उत्सव की धूम चारों और देखने मिलेगी, वहीं अगर बात करें पर्यावरण की तो गणेश उत्सव के समय पीओपी की गणेश मूर्तियों के वजह से पर्यावरण के लिए चिंता थोड़ी बढ़ जाती है.पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इंदौर जिला जेल में एक नई शुरुआत की गई है , जहां जेल में बंद कैदियों ने मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया है जिसकी संख्या करीब 1 हजार है.
Intro:एंकर - पर्यावरण को सहेजने के लिए कई संस्थाएं शहर में काम कर रही है और उसी कड़ी में इंदौर की जिला जेल में भी एक नई शुरुआत कर दी है इंदौर की जिला जेल में बंद कैदियों ने मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया है। और शुरुआती दौर में तकरीबन एक हजार से अधिक गणेश प्रतिमाओं का निर्माण जेल में बंद कैदियों ने सीमित संसाधनों के माध्यम से किया है।
Body:वीओ - बीते कुछ सालों से पर्यावरण को समझने के लिए कई तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं उन्हीं में से एक प्रमुख प्रयोग गणेश उत्सव में विराजित होने वाली गणेश प्रतिमाओं से संबंधित भी है पिछले कुछ सालों से शहर में गणेश प्रतिमाओं का जो निर्माण होता था वह पीओपी से होता था पीओपी के निर्माण से बनी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन जब नदी और तालाबों में किया जाता था तो उन्हें गलने में एक लंबा समय लगता था जिसके कारण काफी पानी खराब हो जाता था तथा इस समस्या से निपटने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गई इस पहल के अंतर्गत गणेश प्रतिमाओं का निर्माण मिट्टी से होगा और इसका असर भी इंदौर शहर में होने लगा और बड़ी संख्या में लोग मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं का उपयोग करने लगे अतः पर्यावरण को सहजने के लिए इंदौर की केंद्रीय जेल ने एक नई पहल की शुरुआत कर दी किस पहल के अंतर्गत इंदौर की केंद्रीय जेल में बंद कैदियों ने गणेश उत्सव को देखते हुए 1000 से अधिक मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया है इन प्रतिमा का निर्माण करने के लिए जेल में बंद कैदियों ने सीमित संसाधनों का उपयोग किया साथ ही जो हुनरबंद मूर्तिकार केंद्रीय जेल में बंद थे उन्होंने अन्य कैदियों को मार्गदर्शन दिया और उनके मार्गदर्शन में केंद्रीय जेल में बंद कैदियों ने मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया और इस तरह से इंदौर की केंद्रीय जेल में पर्यावरण को समझने के लिए अपनी ओर से पहला कदम बढ़ा दिया वही बंदियों के द्वारा जो गणेश प्रतिमाएं बनाई गई है उन्हें इंदौर की कई संस्थाओं ने हाथों-हाथ खरीद लिया है वही बताया जा रहा है कि केंद्रीय जेल के कैदियों ने जो गणेश प्रतिमा बनाई है उनका मूल्य बाजार मूल्य की गणेश प्रतिमा से काफी कम है और दिखने में भी काफी सुंदर है।
बाईट -सन्तोष सिंह सोलंकी , जेल अधीक्षक , केंद्रीय जेल , इंदौर
Conclusion:वीओ - फिलहाल पर्यावरण को सहेजने के लिए इंदौर की केंद्रीय जेल ने अपना पहला कदम बढ़ा दिया है अब इसका असर अन्य विभागों पर किस तरह से होता है या देखने वाला आएगा।
Body:वीओ - बीते कुछ सालों से पर्यावरण को समझने के लिए कई तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं उन्हीं में से एक प्रमुख प्रयोग गणेश उत्सव में विराजित होने वाली गणेश प्रतिमाओं से संबंधित भी है पिछले कुछ सालों से शहर में गणेश प्रतिमाओं का जो निर्माण होता था वह पीओपी से होता था पीओपी के निर्माण से बनी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन जब नदी और तालाबों में किया जाता था तो उन्हें गलने में एक लंबा समय लगता था जिसके कारण काफी पानी खराब हो जाता था तथा इस समस्या से निपटने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गई इस पहल के अंतर्गत गणेश प्रतिमाओं का निर्माण मिट्टी से होगा और इसका असर भी इंदौर शहर में होने लगा और बड़ी संख्या में लोग मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं का उपयोग करने लगे अतः पर्यावरण को सहजने के लिए इंदौर की केंद्रीय जेल ने एक नई पहल की शुरुआत कर दी किस पहल के अंतर्गत इंदौर की केंद्रीय जेल में बंद कैदियों ने गणेश उत्सव को देखते हुए 1000 से अधिक मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया है इन प्रतिमा का निर्माण करने के लिए जेल में बंद कैदियों ने सीमित संसाधनों का उपयोग किया साथ ही जो हुनरबंद मूर्तिकार केंद्रीय जेल में बंद थे उन्होंने अन्य कैदियों को मार्गदर्शन दिया और उनके मार्गदर्शन में केंद्रीय जेल में बंद कैदियों ने मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया और इस तरह से इंदौर की केंद्रीय जेल में पर्यावरण को समझने के लिए अपनी ओर से पहला कदम बढ़ा दिया वही बंदियों के द्वारा जो गणेश प्रतिमाएं बनाई गई है उन्हें इंदौर की कई संस्थाओं ने हाथों-हाथ खरीद लिया है वही बताया जा रहा है कि केंद्रीय जेल के कैदियों ने जो गणेश प्रतिमा बनाई है उनका मूल्य बाजार मूल्य की गणेश प्रतिमा से काफी कम है और दिखने में भी काफी सुंदर है।
बाईट -सन्तोष सिंह सोलंकी , जेल अधीक्षक , केंद्रीय जेल , इंदौर
Conclusion:वीओ - फिलहाल पर्यावरण को सहेजने के लिए इंदौर की केंद्रीय जेल ने अपना पहला कदम बढ़ा दिया है अब इसका असर अन्य विभागों पर किस तरह से होता है या देखने वाला आएगा।