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रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले पुलिस के हत्थे चढ़े, मामला दर्ज - रेमडेसिविर इंजेक्शन

इंदौर क्राइम ब्रांच और बाणगंगा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है.आरोपियों के पास से इंजेक्शन सहित एक कार भी बरामद हुई है. फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी गई है.

रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग
रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग
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Published : Apr 29, 2021, 9:15 PM IST

इंदौर। पुलिस के द्वारा लगातार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों की धरपकड़ की जा रही है. इसी कड़ी में इंदौर क्राइम ब्रांच और बाणगंगा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है.आरोपियों के पास से इंजेक्शन सहित एक कार भी बरामद हुई है. वहीं, पूरे मामले में पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग


पूछताछ में जुटी पुलिस

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी की घटनाओं की वारदातों पर अंकुश लगाने के साथ ऐसे आरोपियों की धरपकड कर आवश्यक कार्रवाई हेतु जिले के थानों के साथ क्राइम ब्रांच की टीमों को भी निर्देशित किया गया था. वहीं, इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने बाणगंगा पुलिस के साथ कार्रवाई करते हुए आरोपियो को गिफ्तार किया और उनके पास से इंजेक्शन और नकद रूपए भी बदरामद किए. वहीं, पकड़े गए आरोपियो से पुलिस लगातार पूछताछ में जुटी हुई है.


इस तरह से पकड़ा आरोपियों को

क्राइम ब्रांच की टीम को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि थाना बाणगंगा इलाके में लव-कुश चौराहे के आसपास एक कार में चार लडके जोकि मेल नर्स व होम आईसोलेशन वाले पेशेंट के प्राइवेट केयर टेकर का भी काम करते हैं, चारों कार मे घूमकर रेमडेसिविर इंजेक्शनों को बेचने के लिए ग्राहकों की तलाश में हैं, इसी सूचना पर विश्वास कर क्राइम ब्रांच की टीम ने थाना बाणगंगा के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों की घेरा बंदी कर गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की पहचान संदीप ओझा, चिरंजीव भारद्वाज, हरिराम केवट और सोनू बैरवा के रूप में हुई है. इनके पास से कुल 5 नग रेमडेसिवीर इंजेक्शन और चार नग मोबाइल एवं नगदी कुल 60,650 रूपए जब्त किए हैं.


मेल नर्स का करते हैं काम

पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ मे मेल नर्स की नौकरी करना स्वीकार किया है. इसके अलावा मरीजों को इंजेक्शन न देकर उनकी चोरी करने की भी बात स्वीकार की है. रेमडीसीवर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग कर 25000 से 40000 रूपए प्रति इंजेक्शन की दर से विक्रय कर लाखों रूपए कमाना भी स्वीकार किया है. फिलहाल, पुलिस अब ये जानने में जुट गई है कि आरोपियों ने ये इंजेक्शन कहां से लिए और अब तक किसे-किसे बेचे हैं.

अन्य आरोपियों की भी हो सकती है गिरफ्तारी

फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस पकड़े गए आरोपियों से लगातार पूछताछ करने में जुटी हुई है. वहीं पूर्व में पकड़े गए आरोपियों पर पुलिस ने रासुका के तहत कार्रवाई भी की है. संभवत पुलिस पकड़े गए आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई भी कर सकती है. पुलिस आरोपियों से काफी बारीकी से पूछताछ करने में जुटी हुई है. जल्द ही इस पूरे मामले में कुछ और आरोपियों को भी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है.

इंदौर। पुलिस के द्वारा लगातार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों की धरपकड़ की जा रही है. इसी कड़ी में इंदौर क्राइम ब्रांच और बाणगंगा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है.आरोपियों के पास से इंजेक्शन सहित एक कार भी बरामद हुई है. वहीं, पूरे मामले में पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग


पूछताछ में जुटी पुलिस

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी की घटनाओं की वारदातों पर अंकुश लगाने के साथ ऐसे आरोपियों की धरपकड कर आवश्यक कार्रवाई हेतु जिले के थानों के साथ क्राइम ब्रांच की टीमों को भी निर्देशित किया गया था. वहीं, इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने बाणगंगा पुलिस के साथ कार्रवाई करते हुए आरोपियो को गिफ्तार किया और उनके पास से इंजेक्शन और नकद रूपए भी बदरामद किए. वहीं, पकड़े गए आरोपियो से पुलिस लगातार पूछताछ में जुटी हुई है.


इस तरह से पकड़ा आरोपियों को

क्राइम ब्रांच की टीम को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि थाना बाणगंगा इलाके में लव-कुश चौराहे के आसपास एक कार में चार लडके जोकि मेल नर्स व होम आईसोलेशन वाले पेशेंट के प्राइवेट केयर टेकर का भी काम करते हैं, चारों कार मे घूमकर रेमडेसिविर इंजेक्शनों को बेचने के लिए ग्राहकों की तलाश में हैं, इसी सूचना पर विश्वास कर क्राइम ब्रांच की टीम ने थाना बाणगंगा के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों की घेरा बंदी कर गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की पहचान संदीप ओझा, चिरंजीव भारद्वाज, हरिराम केवट और सोनू बैरवा के रूप में हुई है. इनके पास से कुल 5 नग रेमडेसिवीर इंजेक्शन और चार नग मोबाइल एवं नगदी कुल 60,650 रूपए जब्त किए हैं.


मेल नर्स का करते हैं काम

पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ मे मेल नर्स की नौकरी करना स्वीकार किया है. इसके अलावा मरीजों को इंजेक्शन न देकर उनकी चोरी करने की भी बात स्वीकार की है. रेमडीसीवर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग कर 25000 से 40000 रूपए प्रति इंजेक्शन की दर से विक्रय कर लाखों रूपए कमाना भी स्वीकार किया है. फिलहाल, पुलिस अब ये जानने में जुट गई है कि आरोपियों ने ये इंजेक्शन कहां से लिए और अब तक किसे-किसे बेचे हैं.

अन्य आरोपियों की भी हो सकती है गिरफ्तारी

फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस पकड़े गए आरोपियों से लगातार पूछताछ करने में जुटी हुई है. वहीं पूर्व में पकड़े गए आरोपियों पर पुलिस ने रासुका के तहत कार्रवाई भी की है. संभवत पुलिस पकड़े गए आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई भी कर सकती है. पुलिस आरोपियों से काफी बारीकी से पूछताछ करने में जुटी हुई है. जल्द ही इस पूरे मामले में कुछ और आरोपियों को भी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है.

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