इंदौर। शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों को बढ़ती संख्या के मद्देनजर जिला प्रशासन और नगर निगम ने इंदौर के प्रीतमलाल दुआ सभागृह में प्लाज्मा डोनेशन सेंटर बनाया है. इस दौरान संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के इलाज में अलग-अलग दवाई उपयोग में लाई जाती है, इसमें सबसे ज्यादा प्लाज्मा थैरेपी संक्रमित मरीज को बचाने में कारगर है.
- प्लाज्मा डोनेट करने के लिए जागरुकता अभियान
दरअसल, कोरोना संक्रमण से उभरे लोगों ने इस बार प्लाज्मा डोनेशन में कम हिस्सा लिया है, जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन और एमवाई अस्पताल ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्लाज्मा डोनेशन को लेकर प्रेरित करने के लिए यह आयोजन किया है. प्लाज्मा कैंप के जरिए इंदौर में उन लोगों को प्ररित किया जा रहा है जो कोरोना वायरस से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. फिलहाल 35 से ज्यादा लोग प्लाज्मा डोनेट करेंगे. गौरतलब है कि एक व्यक्ति से 200 ml के दो डोज प्लाज्मा ली जाती है और यहां इन 35 लोगों के प्लाज्मा से करीब 70 लोगों का इलाज किया जाएगा.
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संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा ने बताया कि यह कैंप लगातार संचालित किया जाएगा. रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी को लेकर संभागायुक्त ने कहा कि फिलहाल 2 दिनों से पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं और करीब 130 टन ऑक्सीजन रोजाना अस्पतालों में उपलब्ध कराई जा रही है. ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की स्थिति फिलहाल अस्पतालों में ठीक नजर आ रही है. वहीं, एमवाई अस्पताल में भी एक और नई बिल्डिंग में एक और कोरोना अस्पताल बनाया जा रहा है ताकि एमवाय अस्पताल में दूसरे रोगों के मरीजों का उपचार प्रभावित न हो. इस बिल्डिंग में करीब 20 आईसीयू बेड, 20 एसडीयू बेड और करीब 60 नॉर्मल ऑक्सीजन बेड रखे गए हैं. जिसकी शुरुआत शुक्रवार को होगी और शुक्रवार 12 बजे से पहले मरीजों की भर्ती से प्रक्रिया शुरू की जाएगी.