इंदौर। भारत में पहली बार इंदौर के एक सूखे नाले में क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया. स्वच्छता में पांचवीं बार नंबर वन बनने की तैयारी कर रहे इंदौर ने यह कीर्तिमान करके दिखाया है. किसी समय पूरी तरह से बदबूदार रहने वाला नाला अब इतना सूख गया है कि वहां पर क्रिकेट मैच खेला जा सकता है. इंदौर शहर में नाला सफाई अभियान के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने सूखे नाले पर क्रिकेट मैच खेला.
इंदौर में रविवार को एक अनूठा आयोजन देखने को मिला जहां पर प्रशासन और विधायक की टीम ने क्रिकेट मैच खेला. दिलचस्प बात यह रही कि यह मैच इंदौर के उस नाले में खेला गया जहां पर कभी गंदगी हुआ करती थी और बदबू के कारण लोग जाने से भी कतराते थे. नदी सफाई अभियान के तहत इस नाले को पूरी तरह से साफ कर दिया गया और अब वह पूरी तरह से सूख चुका है.
पहले रहवासियों को सताती थी डेंगू और मलेरिया की चिंता, अब बच्चों ने क्रिकेट मैच खेलना किया शुरू
नगर निगम के द्वारा नदी सफाई अभियान के तहत इस नाले को सफाई अभियान चला कर साफ किया गया, पहले सभी कॉलोनी से आने वाले गंदे पानी को पाइप लाइन डालकर चेंबर में जोड़ा गया और उसके बाद नाले के नीचे लाइन डालकर पॉइंट छोड़े गए थे, उन्हें सीधे लाइन से जोड़ दिया गया. पहले नाले के पास से गुजरने वाले लोगों को डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों की चिंता सताती थी लेकिन नाले को साफ करने के बाद अब यहां पर बच्चों के खेलने की जगह बन गई है.
प्रशासन और विधायक की टीमों ने खेला मैच, कलेक्टर ने की गेंदबाजी, सांसद ने की बैटिंग
इंदौर में इस मैच के लिए दो टीमें बनाई गई थी. एक टीम इंदौर संभाग आयुक्त पवन शर्मा की कप्तानी में थी तो वहीं दूसरी टीम विधायक महेंद्र हार्डिया की थी. जिसमें सांसद से लेकर पार्षद तक खिलाड़ी थे. दोनों टीमों ने यहां पर क्रिकेट मैच खेल कर इस नाले की सफाई के बारे में लोगों को बताया, नगर निगम का उद्देश्य इस सफाई के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का है. कुछ दिनों में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए केंद्रीय चलाना है जिसके लिए तैयारी की जा रही है.
इंदौर में नदी और नालों की सफाई के लिए सभी आउटफॉल्स बंद करने का नगर निगम दावा कर रहा है, लेकिन अभी भी नाले में कई जगह से सीवरेज का पानी छोड़ा जा रहा है, जो कि नगर निगम के लिए चुनौती बना हुआ है. वह इंदौर का लगातार चार बार नंबर वन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली पूर्व महापौर मालिनी गौड़ की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय रही.