इंदौर : हाईकोर्ट में सितंबर माह में एमओजी लाइन के रहवासियों ने एक याचिका लगाई थी, मामले में इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई जिसके बाद बाद इंदौर हाईकोर्ट ने रहवासियों को राहत देते हुए सुनवाई को खत्म कर दिया.
अगले तीन माह में शिफ्ट करने होंगे मकान
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एमओजी लाइन के रहवासियों को मकान तोड़ने के आदेश पिछले दिनों इंदौर नगर निगम ने दिए थे. इस पूरे मामले को लेकर रहवासियों ने इंदौर हाईकोर्ट का रुख किया और हाईकोर्ट में पूरे मामले में सुनवाई हुई. सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह तर्क दिए कि इस पूरे मामले में याचिका लगाई गई थी उस समय सितंबर माह चल रहा था और उस समय कोरोना संक्रमण अधिक था, लेकिन अब कोरोना संक्रमण थोड़ा कम हो गया है. अतः मकानों की शिफ्टिंग आसानी से की जा सकती है. वही इंदौर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद रहवासियों को यह आदेश दिए हैं कि वह अगले 3 महीनों तक आराम से अपने मकानों को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट कर लें.
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वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जिस एमओजी लाइन को लिया गया है. उस एमओजी लाइन में जो रहवासी रहते हैं उनमें से कई रहवासी स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ हैं और कोरोना संक्रमण के दौर में फ्रंटलाइन वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे थे. वहीं कई रहवासी पुलिसकर्मी के साथ ही अन्य जगह पर पदस्थ हैं अचानक से उन्हें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इंदौर नगर निगम में मकान तोड़ने के नोटिस थमा दिया. जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले में इंदौर हाई कोर्ट का रुख किया था. वहीं काफी दिन बीत जाने के बाद इंदौर हाईकोर्ट ने रहवासियों की समस्या को समझते हुए उन्हें विभिन्न तरह के दिशा निर्देश दिए और अगले 3 महीने तक अपने मकानों को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट करने के आदेश भी दे दिए.