इंदौर। हाईकोर्ट में संस्कृत कॉलेज में क्षमता से ज्यादा एडमिशन दिए जाने के मामले में एक जनहित याचिका लगी हुई है. जिस पर आज हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई होने के बाद याचिकाकर्ता के आग्रह पर अदालत ने प्रतिउत्तर प्रस्तुत करने के लिए आगामी 2 सप्ताह का समय दिया है.
हाईकोर्ट में संस्कृत कॉलेज में क्षमता से ज्यादा एडमिशन को लेकर एक जनहित याचिका लगी हुई है. याचिका के जरिए यह सवाल उठाए गए हैं कि 400 सीटों की क्षमता वाले संस्कृत कॉलेज में 1000 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है. क्षमता से अधिक छात्रों को प्रवेश दिए जाने से कॉलेज के मुख्य उद्देश्य के प्रभावित होने के आरोप भी याचिका के माध्यम से लगाए गए हैं. साथ ही संस्कृत कॉलेज में महज 8 कमरे हैं, जिसमें 1000 छात्रों को नियमित रूप से कैसे पढ़ाया जा सकता है.
वहीं इतने अत्यधिक एडमिशन होने के कारण शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता और छात्रों के भविष्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर के मुद्दों को भी रखा गया है. वहीं इस पूरे मामले में इंदौर कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी. आज सुनवाई होने के बाद संबंधित पक्षों की ओर से इंदौर कोर्ट के सामने जवाब पेश किए गए. वहीं अब इसके प्रति उत्तर प्रस्तुत करने के लिए हाईकोर्ट ने 2 सप्ताह का समय दिया है.
सालों पुराना है, संस्कृत कॉलेज
इंदौर शहर का संस्कृत कॉलेज काफी सालों पुराना है, लेकिन जिस तरह से यहां पर व्यवस्थाओं का अभाव है. उसको देखते हुए ही इंदौर कोर्ट के सामने याचिका लगाई गई है. जहां एडमिशन को लेकर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं, वहीं जिन छात्रों को जहां पर एडमिशन दिए गए हैं. उन्हें पढ़ाने के लिए भी यहां पर केवल 6 असिस्टेंट प्रोफेसर और एक प्रोफेसर ही है.