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ऑफलाइन कक्षाओं के साथ क्लास में बढ़ने लगी छात्रों की संख्या - Number of students increased with offline class

ऑफलाइन कक्षाओं में छात्रों को प्रवेश देने से पहले उनके माता-पिता से अनुमति ली जा रही है.

student in class
कक्षा में छात्र
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Published : Mar 16, 2021, 3:22 AM IST

Updated : Mar 24, 2021, 10:33 PM IST

इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल बंद कर दिए थे. अनलॉक होने के बाद वर्तमान में राज्य शासन के आदेशों के बाद इंदौर में 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को खोला गया है. जिनमें ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. हालांकि जो छात्र स्कूल पहुंच रहे हैं, उन्हें अपने माता-पिता की अनुमति लेना अनिवार्य रखा गया है.

ऑनलाइन पढ़ाई के साथ साथ शुरू हुई ऑफलाइन पढ़ाई

राज्य शासन के निर्देशों पर बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्कूलों को बंद किया गया था. बंद के दौरान बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यमों से कराई जा रही थी. हालांकि संक्रमण की स्थिति में कमी आने के बाद राज्य शासन के निर्देशों पर 10वीं और 12वीं की कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया. जिसके साथ साथ 9वी और 11वीं की कक्षा में भी ऑफलाइन शुरू की गई. जिसमें बच्चों को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही रूप से पढ़ाया जा रहा है.

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ऑफलाइन कक्षा में बढ़ने लगी छात्रों की उपस्थिति

शासन के निर्देशों पर निजी और शासकीय दोनों ही स्कूलों में कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया. हालांकि शुरुआती दौर में ऑफलाइन कक्षाओं में छात्रों की कमी देखी जा रही थी लेकिन समय के साथ-साथ धीरे-धीरे कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति या बढ़ने लगी है. अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी नरेंद्र जैन के अनुसार जब कक्षाओं की शुरुआत की गई थी, तब छात्रों की उपस्थिति में लगभग 11% के आसपास थी. यह उपस्थिति अब बढ़कर 50% से अधिक हो चुकी है, धीरे-धीरे छात्रों की संख्याओं के बढ़ने की उम्मीद है.

माता-पिता की अनुमति के बाद क्लास में एंट्री

वर्तमान में जिन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है, उन्हें पढ़ने वाले छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों से पढ़ाया जा रहा है. हालांकि जिन छात्रों को ऑफलाइन कक्षाओं में शामिल होना होता है. उन्हें अपने माता-पिता की अनुमति लाना अनिवार्य किया गया है, जो छात्र अपने माता-पिता की लिखित अनुमति स्कूल को देते हैं उन्हें ही कक्षा में ऑफलाइन पढ़ाई के लिए प्रवेश दिया जाता है. धीरे-धीरे अब कक्षाओं में छात्रों की संख्या बढ़ने लगी है, जो आने वाले दिनों में और भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

Teacher teaching students
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कोरोना गाइडलाइन के साथ कक्षाओं का संचालन

वर्तमान में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. इन कक्षाओं के संचालन के दौरान कोरोना गाइडलाइन का विशेष तौर पर पालन किया जा रहा है. एक और जहां छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने की व्यवस्था की गई है. वहीं कक्षा में बैठने के दौरान छात्रों को मास्क लगाना भी अनिवार्य किया गया है. स्कूल प्रबंधन को समय-समय पर कक्षा और विद्यालय परिसर को सैनिटाइज कराने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी तरह के संक्रमण की स्थिति निर्मित ना हो.

अर्धवार्षिक परीक्षा में भी रही छात्रों की अधिक उपस्थिति

अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी नरेंद्र कुमार जैन के अनुसार 18 दिसंबर से स्कूलों की शुरुआत की गई थी. जिसके बाद धीरे-धीरे कक्षाओं में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं एक फरवरी से आयोजित की गई अर्धवार्षिक परीक्षा में भी छात्रों की संख्या काफी अच्छी रही थी, आने वाले दिनों में आयोजित की जाने वाली प्री बोर्ड परीक्षा में 100% छात्रों की उपस्थिति रहने की उम्मीद जताई जा रही है.

इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल बंद कर दिए थे. अनलॉक होने के बाद वर्तमान में राज्य शासन के आदेशों के बाद इंदौर में 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को खोला गया है. जिनमें ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. हालांकि जो छात्र स्कूल पहुंच रहे हैं, उन्हें अपने माता-पिता की अनुमति लेना अनिवार्य रखा गया है.

ऑनलाइन पढ़ाई के साथ साथ शुरू हुई ऑफलाइन पढ़ाई

राज्य शासन के निर्देशों पर बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्कूलों को बंद किया गया था. बंद के दौरान बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यमों से कराई जा रही थी. हालांकि संक्रमण की स्थिति में कमी आने के बाद राज्य शासन के निर्देशों पर 10वीं और 12वीं की कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया. जिसके साथ साथ 9वी और 11वीं की कक्षा में भी ऑफलाइन शुरू की गई. जिसमें बच्चों को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही रूप से पढ़ाया जा रहा है.

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ऑफलाइन कक्षा में बढ़ने लगी छात्रों की उपस्थिति

शासन के निर्देशों पर निजी और शासकीय दोनों ही स्कूलों में कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया. हालांकि शुरुआती दौर में ऑफलाइन कक्षाओं में छात्रों की कमी देखी जा रही थी लेकिन समय के साथ-साथ धीरे-धीरे कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति या बढ़ने लगी है. अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी नरेंद्र जैन के अनुसार जब कक्षाओं की शुरुआत की गई थी, तब छात्रों की उपस्थिति में लगभग 11% के आसपास थी. यह उपस्थिति अब बढ़कर 50% से अधिक हो चुकी है, धीरे-धीरे छात्रों की संख्याओं के बढ़ने की उम्मीद है.

माता-पिता की अनुमति के बाद क्लास में एंट्री

वर्तमान में जिन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है, उन्हें पढ़ने वाले छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों से पढ़ाया जा रहा है. हालांकि जिन छात्रों को ऑफलाइन कक्षाओं में शामिल होना होता है. उन्हें अपने माता-पिता की अनुमति लाना अनिवार्य किया गया है, जो छात्र अपने माता-पिता की लिखित अनुमति स्कूल को देते हैं उन्हें ही कक्षा में ऑफलाइन पढ़ाई के लिए प्रवेश दिया जाता है. धीरे-धीरे अब कक्षाओं में छात्रों की संख्या बढ़ने लगी है, जो आने वाले दिनों में और भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

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वर्तमान में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. इन कक्षाओं के संचालन के दौरान कोरोना गाइडलाइन का विशेष तौर पर पालन किया जा रहा है. एक और जहां छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने की व्यवस्था की गई है. वहीं कक्षा में बैठने के दौरान छात्रों को मास्क लगाना भी अनिवार्य किया गया है. स्कूल प्रबंधन को समय-समय पर कक्षा और विद्यालय परिसर को सैनिटाइज कराने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी तरह के संक्रमण की स्थिति निर्मित ना हो.

अर्धवार्षिक परीक्षा में भी रही छात्रों की अधिक उपस्थिति

अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी नरेंद्र कुमार जैन के अनुसार 18 दिसंबर से स्कूलों की शुरुआत की गई थी. जिसके बाद धीरे-धीरे कक्षाओं में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं एक फरवरी से आयोजित की गई अर्धवार्षिक परीक्षा में भी छात्रों की संख्या काफी अच्छी रही थी, आने वाले दिनों में आयोजित की जाने वाली प्री बोर्ड परीक्षा में 100% छात्रों की उपस्थिति रहने की उम्मीद जताई जा रही है.

Last Updated : Mar 24, 2021, 10:33 PM IST
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