इंदौर। उच्च शिक्षा विभाग ने लॉकडाउन के बाद शुरू की गई प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों को ऑनलाइन पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया था. पंजीयन की अंतिम तिथि 30 अगस्त तक तय की गई थी, 30 अगस्त के बाद प्रवेश प्रक्रिया को लेकर पहली सूची तीन सितंबर को जारी की गई, जहां प्रवेश प्रक्रिया के लिए चयनितों की पहली सूची जारी किए जाने के बाद सभी छात्रों द्वारा फीस को लेकर विरोध किया जा रहा था, छात्रों का कहना था कि वर्तमान में 50 फीसदी फीस प्रवेश को सुनिश्चित करने के लिए जमा कराना अनिवार्य है, जिसमें छात्रों को रियायत देने की मांग की जा रही थी.
छात्रों द्वारा कोरोनावायरस के चलते लगातार फीस में रियायत देने की मांग की जा रही थी, मामले में अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग इंदौर, संभाग डॉक्टर सुरेश सिलावट के मुताबिक राज्य शासन द्वारा छात्रों की मांग के बाद वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए नया फैसला लिया गया है, जिसमें अब एक हजार रुपए से अधिक वाले विषय की फीस के लिए छात्रों को 50 फीसदी की जगह केवल एक हजार की राशि जमा करानी होगी, साथ ही एक हजार रुपए से कम फीस वाले मामलों में छात्रों को 50 फीसदी फीस की राशि प्रवेश के लिए सुनिश्चित करनी होगी.
डॉ. सुरेश सिलावट के अनुसार छात्रों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी जिसके बाद छात्रों की सुविधा के लिए यह फैसला लिया गया है. फैसले को लेकर महाविद्यालय को सूचित कर दिया गया है ताकि छात्रों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो.