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आंखफोड़वा कांड के बाद आई हॉस्पिटल का नया कारनामा, राज्य शासन को लगाया है लाखों का चूना - आवंटित जमीन

आई अस्पताल के प्रबंधन ने राज्य शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया है. इस बात का खुलासा बिंदुवार जांच के बाद हुआ है. अस्पताल को खोलने के लिए लीज पर जो जमीन ली गई थी उसकी राशि और प्रीमियम अब तक जमा नहीं की गई है.

आई अस्पताल
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Published : Sep 10, 2019, 11:16 PM IST

इंदौर। जिस अस्पताल में लापरवाही से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले कई मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई, उस अस्पताल के प्रबंधन ने राज्य शासन को भी लाखों रुपए का चूना लगाया है. आई अस्पताल के खिलाफ जारी जांच में पता चला है कि जब से इंदौर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन को जमीन लीज पर दी, तब से आज तक ना तो लीज की शर्तों का पालन हुआ, ना लीज की राशि और ना ही उसका प्रीमियम जमा किया गया.

आंखफोड़वा कांड के बाद आई हॉस्पिटल का नया कारनामा

न्यूनतम लीज के भुगतान पर आवंटित हुई थी जमीन
लिहाजा अब जिला प्रशासन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लाखों की वसूली का डिमांड नोटिस जारी कर रहा है. अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर सुधीर महाशब्दे के नाम से राज्य शासने ने अस्पताल खोलने के लिए न्यूनतम लीज के भुगतान के आधार पर करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन आवंटित की थी. आवंटन के दौरान राज्य शासन ने जो शर्तें निर्धारित की थी, उनका अस्पताल प्रबंधन ने पालन नहीं किया.

आंखफोड़वा कांड के बाद जांच में हुआ खुलासा

इतना ही नहीं हॉस्पिटल प्रबंधन ने आवंटन के बाद से ही जमीन के लिए निर्धारित लीज रेंट और भूमि का प्रीमियम भी राज्य शासन को नहीं चुकाया. हाल ही में इस अस्पताल में धार से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने भेजे गए मरीजों की आंखों की रोशनी लापरवाही के कारण चली गई थी. जिसके बाद अस्पताल के खिलाफ जारी बिंदुवार जांच में इस लंबित लीज राशि का भी खुलासा हुआ है.

डिमांड नोटिस होगा जारी
जिला प्रशासन के अनुसार यह राशि लाखों रुपए में है, जिसकी गणना के बाद अस्पताल के प्रबंधन को डिमांड नोटिस जारी किया जा रहा है. गौरतलब है आंख फोडवा कांड उजागर होने के बाद अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. साथ ही लीज निरस्त करने की भी कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लीज शर्तों का उल्लंघन का मामला भी सामने आ गया है. लिहाजा अब माना जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन की मुसीबतें और बढ़ने वाली हैं.

इंदौर। जिस अस्पताल में लापरवाही से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले कई मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई, उस अस्पताल के प्रबंधन ने राज्य शासन को भी लाखों रुपए का चूना लगाया है. आई अस्पताल के खिलाफ जारी जांच में पता चला है कि जब से इंदौर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन को जमीन लीज पर दी, तब से आज तक ना तो लीज की शर्तों का पालन हुआ, ना लीज की राशि और ना ही उसका प्रीमियम जमा किया गया.

आंखफोड़वा कांड के बाद आई हॉस्पिटल का नया कारनामा

न्यूनतम लीज के भुगतान पर आवंटित हुई थी जमीन
लिहाजा अब जिला प्रशासन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लाखों की वसूली का डिमांड नोटिस जारी कर रहा है. अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर सुधीर महाशब्दे के नाम से राज्य शासने ने अस्पताल खोलने के लिए न्यूनतम लीज के भुगतान के आधार पर करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन आवंटित की थी. आवंटन के दौरान राज्य शासन ने जो शर्तें निर्धारित की थी, उनका अस्पताल प्रबंधन ने पालन नहीं किया.

आंखफोड़वा कांड के बाद जांच में हुआ खुलासा

इतना ही नहीं हॉस्पिटल प्रबंधन ने आवंटन के बाद से ही जमीन के लिए निर्धारित लीज रेंट और भूमि का प्रीमियम भी राज्य शासन को नहीं चुकाया. हाल ही में इस अस्पताल में धार से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने भेजे गए मरीजों की आंखों की रोशनी लापरवाही के कारण चली गई थी. जिसके बाद अस्पताल के खिलाफ जारी बिंदुवार जांच में इस लंबित लीज राशि का भी खुलासा हुआ है.

डिमांड नोटिस होगा जारी
जिला प्रशासन के अनुसार यह राशि लाखों रुपए में है, जिसकी गणना के बाद अस्पताल के प्रबंधन को डिमांड नोटिस जारी किया जा रहा है. गौरतलब है आंख फोडवा कांड उजागर होने के बाद अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. साथ ही लीज निरस्त करने की भी कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लीज शर्तों का उल्लंघन का मामला भी सामने आ गया है. लिहाजा अब माना जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन की मुसीबतें और बढ़ने वाली हैं.

Intro:इंदौर के जिस अस्पताल की लापरवाही से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले कई मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई उस अस्पताल के प्रबंधन ने राज्य शासन को भी लाखों रुपए का चूना लगाया है दरअसल इस अस्पताल के खिलाफ जारी जांच में पता चला है कि जब से इंदौर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन को जमीन लीज पर दी गई थी तब से आज तक ना तो लीज की शर्तों का पालन हुआ ना ही लीज की राशि और प्रीमियम आदि ही जमा किया गया लिहाजा अब इंदौर जिला प्रशासन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लाखों की वसूली का डिमांड नोटिस जारी कर रहा है


Body:दरअसल शहर के m.o.g. लाइन क्षेत्र में मौजूद इंदौर नेत्र चिकित्सालय के प्रमुख डॉक्टर सुधीर महाशब्दे के नाम से राज्य शासन ने अस्पताल खोलने के लिए न्यूनतम लीज के भुगतान के आधार पर करोड़ों रुपए की बेशकीमती जमीन आवंटित की थी आवंटन के दौरान राज्य शासन ने जो शर्तें निर्धारित की थी आज तक इस अस्पताल में उन शर्तों का पालन नहीं किया इतना ही नहीं इंदौर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन ने आवंटन के बाद से ही जमीन के लिए निर्धारित लीज रेंट और भूमि का प्रीमियम भी राज्य शासन को नहीं चुकाया हाल ही में इस अस्पताल में धार से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने भेजे गए मरीजों की आंखों की रोशनी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण चली गई तो इस अस्पताल के खिलाफ जारी बिंदुवार जांच में इस लंबित लीज राशि का भी खुलासा हुआ है जिला प्रशासन के अनुसार यह राशि लाखों रुपए में है जिसकी गणना के बाद अस्पताल के प्रबंधन को डिमांड नोटिस जारी किया जा रहा है गौरतलब है इस अस्पताल में आंख कोरबा कांड उजागर होने के बाद से ही अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है साथ ही लीज निरस्त करने की भी कार्यवाही की जा रही है इसके पहले ही अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लीज शर्तों का उल्लंघन का मामला भी सामने आ गया है लिहाजा अब माना जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन की मुसीबतें और बढ़ने वाली हैं


Conclusion:बाइट लोकेश जाटव कलेक्टर इंदौर
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