इंदौर। जिस अस्पताल में लापरवाही से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले कई मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई, उस अस्पताल के प्रबंधन ने राज्य शासन को भी लाखों रुपए का चूना लगाया है. आई अस्पताल के खिलाफ जारी जांच में पता चला है कि जब से इंदौर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन को जमीन लीज पर दी, तब से आज तक ना तो लीज की शर्तों का पालन हुआ, ना लीज की राशि और ना ही उसका प्रीमियम जमा किया गया.
न्यूनतम लीज के भुगतान पर आवंटित हुई थी जमीन
लिहाजा अब जिला प्रशासन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लाखों की वसूली का डिमांड नोटिस जारी कर रहा है. अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर सुधीर महाशब्दे के नाम से राज्य शासने ने अस्पताल खोलने के लिए न्यूनतम लीज के भुगतान के आधार पर करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन आवंटित की थी. आवंटन के दौरान राज्य शासन ने जो शर्तें निर्धारित की थी, उनका अस्पताल प्रबंधन ने पालन नहीं किया.
आंखफोड़वा कांड के बाद जांच में हुआ खुलासा
इतना ही नहीं हॉस्पिटल प्रबंधन ने आवंटन के बाद से ही जमीन के लिए निर्धारित लीज रेंट और भूमि का प्रीमियम भी राज्य शासन को नहीं चुकाया. हाल ही में इस अस्पताल में धार से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने भेजे गए मरीजों की आंखों की रोशनी लापरवाही के कारण चली गई थी. जिसके बाद अस्पताल के खिलाफ जारी बिंदुवार जांच में इस लंबित लीज राशि का भी खुलासा हुआ है.
डिमांड नोटिस होगा जारी
जिला प्रशासन के अनुसार यह राशि लाखों रुपए में है, जिसकी गणना के बाद अस्पताल के प्रबंधन को डिमांड नोटिस जारी किया जा रहा है. गौरतलब है आंख फोडवा कांड उजागर होने के बाद अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. साथ ही लीज निरस्त करने की भी कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लीज शर्तों का उल्लंघन का मामला भी सामने आ गया है. लिहाजा अब माना जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन की मुसीबतें और बढ़ने वाली हैं.