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Sanwer Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE: रीना बोरासी के सामने तुलसी सिलावट की चुनौती, देखें लाइव रिजल्ट

LIVE Sanwer, Madhya Pradesh Vidhan Sabha Chunav, Assembly Elections Result 2023 News Updates: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हर सीट का एक महत्व है. ग्वालियर की डबरा सीट के बाद भितरवार सीट भी खास है. जहां पिछले तीन विधानसभा चुनाव से कांग्रेस का कब्जा देखने को मिल रहा है. यहां भाजपा ने मंत्री तुलसी सिलावट को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, कांग्रेस की ओर से रीना बोरासी प्रत्याशी हैं. सांवेर सीट का पढ़िए राजनीतिक समीकरण

Sanwer assembly constituency
सांवेर विधानसभा क्षेत्र विधायक
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Published : May 13, 2023, 6:15 AM IST

Updated : Dec 3, 2023, 6:21 AM IST

Sanwer Assembly Seat: मध्यप्रदेश विधानसभा का सियासी संग्राम एक बार फिर छुटने को है इसी साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर सभी का फोकस रहने वाला है. इन्हीं सीटों में एक वीआईपी सीट है सांवेर विधानसभा. जिसे लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच खास सियासी खींचतान और राजनीतिक रूप से हर तरह के गांव पर और संघर्ष की स्थिति बनती है. इस बार भी यहां राज्य सरकार के मंत्री और वर्तमान विधायक तुलसी सिलावट की राह आसान नहीं है. दरअसल इसकी वजह है तमाम विकास कार्यों के दावों के बावजूद क्षेत्र में जनता की नाराजगी. यही वजह है कि कांग्रेस इस नाराजगी को भुनाकर यहां से 2023 के चुनाव में विजय पताका फहराने के लिए अभी से मैदान संभाल चुकी है. यहां तुलसी सिलावट और कांग्रेस प्रत्याशी रीना बोरासी के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा.

मतदाताओं का रुझान: अनुसूचित जाति बहुल 2 लाख 70 हजार से ज्यादा मतदाता वाली इस विधानसभा सीट में 1 लाख 40 हजार पुरुष मतदाता और 1 लाख 30 हजार के लगभग महिला मतदाता यहां से प्रत्याशी के भाग्य का फैसला करते हैं. इस सीट को दल बदलू सीट इसलिए भी कहा जाता है कि यहां के मतदाता अपनी सहमति असहमति के आधार पर राजनीतिक दल को महत्व नहीं देते हुए प्रत्याशी को प्रमुखता देते हैं और कमोबेश हर चुनाव में ऐसी स्थिति होती है कि वर्तमान विधायक को हटाकर मतदाता विरोधी दल के उम्मीदवार को जिता देती है.

सांवेर विधानसभा के राजनीतिक इतिहास पर गौर किया जाए तो 1962 के बाद जहां 13 विधानसभा चुनाव हुए हैं जिसमें 2 बार भारतीय जनसंघ की जीत हुई जबकि 6 बार बीजेपी के प्रत्याशी जीते कुल मिलाकर कुल चुनाव में 8 बार बीजेपी के प्रत्याशी यहां जीते हैं जबकि पांच बार सांवेर की जनता ने कांग्रेस प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है. यहां से एक बार जनता दल के उम्मीदवार भी जीत दर्ज कर चुके हैं.

इसलिए वीआईपी सीट है सांवेर: सांवेर विधानसभा इंदौर की 8 विधानसभाओं में से एक प्रमुख विधानसभा है जहां पर कांग्रेस ने 1962 पहला चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. 1962 से 2018 बीजेपी ने 8 बार जीत हासिल की है और 5 बार कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है. यहां से विधायक तुलसीराम सिलावट जो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं ने अपने कैरियर का पहला चुनाव 1985 में लड़कर 3544 वोट से जीत हासिल की थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से तुलसीराम सिलावट ने बीजेपी के राजेश सोनकर को 2945 वोटों से हरा कर अपनी जीत का परचम लहराया था. 2018 में 15 महीने की कांग्रेस की सरकार रहने के बाद तख्तापलट हुआ और तुलसीराम सिलावट कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी में शामिल होने के बाद उपचुनाव में कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू जो कि दिग्विजय सिंह के काफी खास माने जाते हैं उन को 54 हजार वोट से हराकर जीत का परचम लहराया था जिसके बाद तुलसीराम सिलावट को बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

सांवेर की जनता असंतुष्ट: सांवेर विधानसभा क्षेत्र की जनता तुलसीराम सिलावट के विकास कार्यों को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है. मतदाताओं का मानना है कि सिलावट ने क्षेत्र की जनता से किए वादे पूरे नहीं किए हालांकि सिलावट का दावा है कि जितने विकास कार्य उनके कार्यकाल में हुए हैं वह सांवेर विधानसभा में आज तक नहीं हुए. सांवेर विधानसभा के मतदाताओं का मानना है तुलसी सिलावट से मुलाकात तो होती है लेकिन जब काम की बात की जाती है तो तुलसी सिलावट उसे करने की बात करते हैं और उसके बाद वह काम पूरे नहीं होते क्षेत्र में नर्मदा जल पहुंचाने का वादा किया गया था लेकिन अब तक क्षेत्र में नर्मदा का पानी नहीं पहुंच रहा है लिहाजा क्षेत्रीय मतदाताओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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राजनीतिक समीकरण: सांवेर सीट भी दलबदलू सीट है इस सीट पर बीजेपी सिंधिया और असल बीजेपी के बीच लड़ाई साफ नजर आती है. भले ही तुलसी सिलावट बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर बंपर वोटों से चुनाव जीता है लेकिन सांवेर के मूल भाजपा कार्यकर्ता तुलसी सिलावट को मन स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. नेताओं के बीच बातचीत में साफ नजर आता है. अंदरूनी तौर पर बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ता खासे नाराज हैं. स्थानी कार्यकर्ताओं का कहना है जो लोग कांग्रेस से दल बदल कर बीजेपी में आ चुके हैं. उनके सभी काम किए जा रहे हैं लेकिन स्थानीय कार्यकर्ता जिसने सालों से पार्टी के लिए अपनी चप्पल एबीसी हैं. उसे शांत रहने को कहा जाता है और उसके एक भी काम होते नजर नहीं आते ऐसे में 2023 के चुनाव में तुलसीराम सिलावट से आम जनता तो नाराज है ही वहीं अब सिलावट को पार्टी में ही भितरघात का सामना करना पड़ सकता है.

जातिगत समीकरण: सांवेर विधानसभा सीट में अनुसूचित जाति रिजर्व सीट है इसलिए यहां बीएसपी भी चुनाव लड़ती है लेकिन बीएसपी ने अब तक कुछ खास नहीं किया है. सांवेर में सभी वर्ग के मतदाता है जो पार्टी के चेहरे को महत्व देते हैं ना की जाति को.

विकास के बड़े-बड़े दावे: विधायक के मुताबिक पिछले चुनाव में जो वादे किए गए थे उनमें से सभी वादे पूरे करने का दावा विधायक तुलसी सिलावट कर रहे हैं. पिछले 5 वर्षों में अब तक के सबसे अधिक विकास कार्यों का रिकार्ड बना है.

  1. नर्मदा जल पहुंचाने का वादा- 179 गांव में नर्मदा जल पहुंचाने का वादा किया था हर घर नर्मदा जल पहुंच चुका है कुछ काम बाकी है जिसे जल्द पूरा किया जाएगा.
  2. सांवेर के बच्चों के लिए कॉलेज शिक्षा का वादा किया था जो कि पूरा कर दिया गया है अब सांवेर नहीं इंदौर जैसे शिक्षा दी जाती है सांवेर में करोड़ों रुपए की लागत से महाविद्यालय बनाकर तैयार कर दिया गया है.
  3. सांवेर विधानसभा में सड़कों का सबसे बड़ा जाल बिछाया है जिसमें प्रधानमंत्री सड़क योजना के साथ गांव को खेत से जोड़ने वाली सड़कों का भी विस्तार किया गया है.
  4. 50 बेड का अस्पताल- सांवेर विधानसभा में पहले छोटा अस्पताल हुआ करता था अब उसे बढ़ाकर 50 बेड का अस्पताल सर्व सुविधा युक्त कर दिया गया है. इसके साथ ही कनाडिया में 20 बिस्तर का अस्पताल बनाया गया है. लगभग 13 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च कर अस्पतालों को विस्तार दिया है.
  5. सिंचाई के लिए ग्रामीणों को पानी की व्यवस्था डैम के माध्यम से की गई है सांवेर विधानसभा में डेम बनाने का वादा किया था. डैम का काम जारी है जल्द ही डैम बनकर तैयार होगा जिसका फायदा ग्रामीण किसानों को मिलेगा खेत में सिंचाई के लिए

Sanwer Assembly Seat: मध्यप्रदेश विधानसभा का सियासी संग्राम एक बार फिर छुटने को है इसी साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर सभी का फोकस रहने वाला है. इन्हीं सीटों में एक वीआईपी सीट है सांवेर विधानसभा. जिसे लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच खास सियासी खींचतान और राजनीतिक रूप से हर तरह के गांव पर और संघर्ष की स्थिति बनती है. इस बार भी यहां राज्य सरकार के मंत्री और वर्तमान विधायक तुलसी सिलावट की राह आसान नहीं है. दरअसल इसकी वजह है तमाम विकास कार्यों के दावों के बावजूद क्षेत्र में जनता की नाराजगी. यही वजह है कि कांग्रेस इस नाराजगी को भुनाकर यहां से 2023 के चुनाव में विजय पताका फहराने के लिए अभी से मैदान संभाल चुकी है. यहां तुलसी सिलावट और कांग्रेस प्रत्याशी रीना बोरासी के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा.

मतदाताओं का रुझान: अनुसूचित जाति बहुल 2 लाख 70 हजार से ज्यादा मतदाता वाली इस विधानसभा सीट में 1 लाख 40 हजार पुरुष मतदाता और 1 लाख 30 हजार के लगभग महिला मतदाता यहां से प्रत्याशी के भाग्य का फैसला करते हैं. इस सीट को दल बदलू सीट इसलिए भी कहा जाता है कि यहां के मतदाता अपनी सहमति असहमति के आधार पर राजनीतिक दल को महत्व नहीं देते हुए प्रत्याशी को प्रमुखता देते हैं और कमोबेश हर चुनाव में ऐसी स्थिति होती है कि वर्तमान विधायक को हटाकर मतदाता विरोधी दल के उम्मीदवार को जिता देती है.

सांवेर विधानसभा के राजनीतिक इतिहास पर गौर किया जाए तो 1962 के बाद जहां 13 विधानसभा चुनाव हुए हैं जिसमें 2 बार भारतीय जनसंघ की जीत हुई जबकि 6 बार बीजेपी के प्रत्याशी जीते कुल मिलाकर कुल चुनाव में 8 बार बीजेपी के प्रत्याशी यहां जीते हैं जबकि पांच बार सांवेर की जनता ने कांग्रेस प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है. यहां से एक बार जनता दल के उम्मीदवार भी जीत दर्ज कर चुके हैं.

इसलिए वीआईपी सीट है सांवेर: सांवेर विधानसभा इंदौर की 8 विधानसभाओं में से एक प्रमुख विधानसभा है जहां पर कांग्रेस ने 1962 पहला चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. 1962 से 2018 बीजेपी ने 8 बार जीत हासिल की है और 5 बार कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है. यहां से विधायक तुलसीराम सिलावट जो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं ने अपने कैरियर का पहला चुनाव 1985 में लड़कर 3544 वोट से जीत हासिल की थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से तुलसीराम सिलावट ने बीजेपी के राजेश सोनकर को 2945 वोटों से हरा कर अपनी जीत का परचम लहराया था. 2018 में 15 महीने की कांग्रेस की सरकार रहने के बाद तख्तापलट हुआ और तुलसीराम सिलावट कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी में शामिल होने के बाद उपचुनाव में कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू जो कि दिग्विजय सिंह के काफी खास माने जाते हैं उन को 54 हजार वोट से हराकर जीत का परचम लहराया था जिसके बाद तुलसीराम सिलावट को बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

सांवेर की जनता असंतुष्ट: सांवेर विधानसभा क्षेत्र की जनता तुलसीराम सिलावट के विकास कार्यों को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है. मतदाताओं का मानना है कि सिलावट ने क्षेत्र की जनता से किए वादे पूरे नहीं किए हालांकि सिलावट का दावा है कि जितने विकास कार्य उनके कार्यकाल में हुए हैं वह सांवेर विधानसभा में आज तक नहीं हुए. सांवेर विधानसभा के मतदाताओं का मानना है तुलसी सिलावट से मुलाकात तो होती है लेकिन जब काम की बात की जाती है तो तुलसी सिलावट उसे करने की बात करते हैं और उसके बाद वह काम पूरे नहीं होते क्षेत्र में नर्मदा जल पहुंचाने का वादा किया गया था लेकिन अब तक क्षेत्र में नर्मदा का पानी नहीं पहुंच रहा है लिहाजा क्षेत्रीय मतदाताओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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राजनीतिक समीकरण: सांवेर सीट भी दलबदलू सीट है इस सीट पर बीजेपी सिंधिया और असल बीजेपी के बीच लड़ाई साफ नजर आती है. भले ही तुलसी सिलावट बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर बंपर वोटों से चुनाव जीता है लेकिन सांवेर के मूल भाजपा कार्यकर्ता तुलसी सिलावट को मन स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. नेताओं के बीच बातचीत में साफ नजर आता है. अंदरूनी तौर पर बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ता खासे नाराज हैं. स्थानी कार्यकर्ताओं का कहना है जो लोग कांग्रेस से दल बदल कर बीजेपी में आ चुके हैं. उनके सभी काम किए जा रहे हैं लेकिन स्थानीय कार्यकर्ता जिसने सालों से पार्टी के लिए अपनी चप्पल एबीसी हैं. उसे शांत रहने को कहा जाता है और उसके एक भी काम होते नजर नहीं आते ऐसे में 2023 के चुनाव में तुलसीराम सिलावट से आम जनता तो नाराज है ही वहीं अब सिलावट को पार्टी में ही भितरघात का सामना करना पड़ सकता है.

जातिगत समीकरण: सांवेर विधानसभा सीट में अनुसूचित जाति रिजर्व सीट है इसलिए यहां बीएसपी भी चुनाव लड़ती है लेकिन बीएसपी ने अब तक कुछ खास नहीं किया है. सांवेर में सभी वर्ग के मतदाता है जो पार्टी के चेहरे को महत्व देते हैं ना की जाति को.

विकास के बड़े-बड़े दावे: विधायक के मुताबिक पिछले चुनाव में जो वादे किए गए थे उनमें से सभी वादे पूरे करने का दावा विधायक तुलसी सिलावट कर रहे हैं. पिछले 5 वर्षों में अब तक के सबसे अधिक विकास कार्यों का रिकार्ड बना है.

  1. नर्मदा जल पहुंचाने का वादा- 179 गांव में नर्मदा जल पहुंचाने का वादा किया था हर घर नर्मदा जल पहुंच चुका है कुछ काम बाकी है जिसे जल्द पूरा किया जाएगा.
  2. सांवेर के बच्चों के लिए कॉलेज शिक्षा का वादा किया था जो कि पूरा कर दिया गया है अब सांवेर नहीं इंदौर जैसे शिक्षा दी जाती है सांवेर में करोड़ों रुपए की लागत से महाविद्यालय बनाकर तैयार कर दिया गया है.
  3. सांवेर विधानसभा में सड़कों का सबसे बड़ा जाल बिछाया है जिसमें प्रधानमंत्री सड़क योजना के साथ गांव को खेत से जोड़ने वाली सड़कों का भी विस्तार किया गया है.
  4. 50 बेड का अस्पताल- सांवेर विधानसभा में पहले छोटा अस्पताल हुआ करता था अब उसे बढ़ाकर 50 बेड का अस्पताल सर्व सुविधा युक्त कर दिया गया है. इसके साथ ही कनाडिया में 20 बिस्तर का अस्पताल बनाया गया है. लगभग 13 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च कर अस्पतालों को विस्तार दिया है.
  5. सिंचाई के लिए ग्रामीणों को पानी की व्यवस्था डैम के माध्यम से की गई है सांवेर विधानसभा में डेम बनाने का वादा किया था. डैम का काम जारी है जल्द ही डैम बनकर तैयार होगा जिसका फायदा ग्रामीण किसानों को मिलेगा खेत में सिंचाई के लिए
Last Updated : Dec 3, 2023, 6:21 AM IST
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