Indore-4 Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE। जिले की चार नंबर विधानसभा भाजपा का गढ़ मानी जाती है. इस विधानसभा क्षेत्र को इसीलिए भाजपा की अयोध्या कहा जाता है. यहां बीते 30 सालों से स्वर्गीय लक्ष्मण सिंह गौड के बाद उनकी पत्नी मालिनी लक्ष्मण गौड विधायक रही है. इस बार भी भाजपा ने उन्हें ही मौका दिया है. हालांकि, कांग्रेस ने इस बार जातिगत समीकरण के कारण राजा मंधवानी को मौका दिया है. हालांकि, शुरुआती दौर में माना जा रहा है कि कांग्रेस के उम्मीदवार सिंधी समाज के बड़े वोट बैंक के आधार पर मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ को चुनौती दे सकते हैं.राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस को मालिनी गौड के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार को उतारना था. फिलहाल भाजपा और कांग्रेस मतदाताओं के बीच चुनाव प्रचार में सक्रिय है.
पिछले चुनाव का लेखा-जोखा: इंदौर शहर के मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र जवाहर मार्ग क्लॉथ मार्केट राजवाड़ा और महू नाका जैसे क्षेत्र में समाहित इंदौर की चार नंबर विधानसभा भारतीय जनता पार्टी की अयोध्या के रूप में चर्चित है. यहां पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह गौड़ ने अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन के बाद यहां ऐसी पकड़ बनाई की यह विधानसभा क्षेत्र बीते 30 साल से अब भारतीय जनता पार्टी के खाते में है. पिछले चुनाव में मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ को लाख 2673 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के सुरजीत सिंह चड्ढा को 59583 वोट से ही संतोष करना पड़ा था.
इस चुनाव में 43090 वोटों से मालिनी गौड़ की जीत हुई थी. इसी प्रकार 2013 में मालिनी गौड़ ने ही कांग्रेस के सुरेश मंडा को हराया था. उस दौरान मालिनी को 91998 वोट मिले थे जबकि सुरेश मंडा को 58175 वोटो से ही संतोष करना पड़ा था. उस दौरान भी मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ 33823 वोटो से जीत गई थी.
2008 के चुनाव में भी मालिनी गौड़ ने गोविंद मंघाणी को 28043 वोटों से हराया था. उसे दौरान मालिनी को 63920 वोट मिले थे और गोविंद को 35877 वोट ही मिल पाए थे. इन चुनाव के पूर्व मालिनी गौड़ के स्वर्गीय पति लक्ष्मण सिंह गौड़ यहां से लगातार तीन बार से विधायक रहे. उनके अचानक निधन होने के बाद से लक्ष्मण सिंह गौड़ की राजनीतिक विरासत उनकी पत्नी मालिनी लक्ष्मण सिंह के जिम्मे है.
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क्षेत्र में विकास की मांग: बीते 30 साल से एक ही परिवार का विधायक होने के बावजूद इस विधानसभा के बड़े इलाके में अभी भी विकास कार्य लंबित हैं. यहां पर व्यापारियों की अपनी समस्या है. वहीं आम गरीब तबका और स्थानीय लोग सड़कों से लेकर जल संकट और गुंडागर्दी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ और उनके परिवार ने इस दिशा में नियंत्रण के बजाय सत्ता में बने रहकर अपने पारिवारिक और राजनीतिक हितों को प्राथमिकता दी है. लिहाजा करीब ढाई लाख की आबादी वाले इस विधानसभा क्षेत्र में इस बार मतदाता महंगाई और अन्य समस्याओं को लेकर कहीं ना कहीं निराशा है.
हालांकि, इस विधानसभा का एक बड़ा हिस्सा अल्पसंख्यक समुदाय और सिंधी समुदाय के प्रभाव वाला है. इसलिए यहां कई बार धार्मिक ध्रुवीकरण की स्थिति बन जाती है, जिसका फायदा भाजपा उम्मीदवार को मिलता रहा है. हालांकि, सांप्रदायिक घटनाओं के दौरान भी उप ऐसे ही हालातो के मद्दे नजर गौड़ परिवार को इस स्थिति का राजनीतिक लाभ मिलता रहा है. इसके अलावा क्षेत्र में अपराध की स्थिति चिंताजनक है. ऐसे में इस बार मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग भाजपा से दूरियां भी बना सकता है. हालांकि भाजपा को उम्मीद है कि हर बार की तरह ही उनकी अयोध्या विधानसभा में रहने वाली जनता और मतदाता उन्हें इस बार फिर समर्थन देंगे.
अन्य दावेदार हुए निराश: इंदौर की चार नंबर विधानसभा सीट पर मालिनी गॉड के अलावा अन्य तीन प्रभावशाली दावेदार थे. जिनमें सांसद शंकर लालवानी यहां के सिंधी वोट बैंक के कारण दावेदारी कर रहे थे. वही पुष्यमित्र भार्गव यहां के स्थानीय होने के कारण चार नंबर विधानसभा से टिकट मांग रहे थे. हालांकि, मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ निकटता और उन्हें नरेंद्र सिंह तोमर का सहयोग होने के कारण टिकट मिलना संभव हो सका.