जबलपुर। कोरोना के मरीजों को ठीक तरह से उपचार नहीं मिल पा रहा है ना ही उनके परिजनों से उनकी मुलाकात हो पाती है, जिसके कारण पिछले दिनों इंदौर के बजरंगी भाईजान कहलाने वाले ज्ञानेंद्र पुरोहित की मां की भी मौत हो गई थी. जब अस्पतालों की लापरवाही से जुड़े पूरे मामले में पिछले दिनों जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो उस समय इंदौर के अधिवक्ता अभिनव धनोतकर ने अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट का ध्यान आकर्षित किया, इसके लिए अधिवक्ता ने इंदौर के बजरंगी भाईजान ज्ञानेन्द्र पुरोहित की मां की कोरोना से मौत के मामले को कोर्ट में बतौर नज़ीर पेश किया. हाईकोर्ट ने पूरा मामला समझने के बाद विभिन्न तरह के निर्देश जारी किए.
इंदौरी बजरंगी भाईजान की मां की मौत बनी कोर्ट में नज़ीर
पिछले दिनों जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई हुई थी और सुनवाई के दौरान विभिन्न तरह के आदेश भी जबलपुर हाईकोर्ट ने जारी किए. उसी याचिका की सुनवाई करते हुए इंदौर के अधिवक्ता अभिनव धनोतकर ने इंदौर के बजरंगी भाईजान कहलाए जाने वाले ज्ञानेंद्र पुरोहित की बुजुर्ग मां पुष्पा पुरोहित की मौत जो कि अस्पताल की लापरवाही के चलते हुई थी, उसे कोर्ट को विस्तार में बताया। दरअसल ज्ञानेंद्र पुरोहित की बुजुर्ग मां पुष्पा पुरोहित कोरोना संक्रमित थी उन्हें इलाज के लिए इंदौर के एमटीएच हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था लेकिन भर्ती करने के बाद ज्ञानेंद्र पुरोहित को हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से मरीज के बारे में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जा रही थी. साथ ही ये जानकारी भी सामने आई थी कि अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को खाना भी नहीं दिया था. बाहर से जो खाना मरीज के परिजनों के द्वारा भेजा जाता था वह भी मरीज तक नहीं पहुंचाया जाता था. अस्पताल प्रबंधन परिजनों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाला देकर मरीज से दूर कर देता था. इन्हीं सब अव्यवस्थाओं का ध्यान अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान आकर्षित किया. सारा मामला सुनकर जबलपुर हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कलेक्टरों को यह निर्देश दिए थे कि हॉस्पिटलों में भोजन व दवा के प्रबंध सुनिश्चित किया जाए.
अस्पतालों में लगातार जारी है अव्यवस्था
इंदौर के साथ ही पूरे प्रदेश के अस्पतालों में जमकर अव्यवस्था जारी है और इन्हीं अव्यवस्थाओं के कारण लगातार विभिन्न अस्पतालों में मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. फिलहाल जबलपुर हाईकोर्ट ने विभिन्न तरह के आदेश जारी कर दिए हैं, अब देखना ये है कि हाईकोर्ट के इन आदेशों का पालन प्रदेश सरकार किस तरह से करती है. बता दे इस पूरे मामले में लगातार ऑनलाइन सुनवाई चल रही थी और इंदौर के अधिवक्ता अभिनव धनोतकर इंदौर से ऑनलाइन उस याचिका में शामिल हुए थे और जमकर बहस भी की थी और इंदौर के अधिवक्ता ने ही ज्ञानेंद्र पुरोहित की मां की जिस तरह से अव्यवस्था में मौत हुई थी उसका जिक्र कोर्ट के समक्ष किया था उसके बाद ही कोर्ट ने विभिन्न तरह के आदेश जारी किए.