इंदौर। ग्वालियर में छात्रों द्वारा कुलपति को बेहतर इलाज दिलाने के मकसद से शासकीय कार को लूटा गया था. इस मामले में इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने ग्वालियर हाई कोर्ट में याचिका लगाई. इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. महापौर ने विभिन्न तरह के तर्क भी कोर्ट के समक्ष रखे. बताया जाता है कि इन तर्कों से कोर्ट ने सहमति जताई.
इमरजेंसी में सरकारी वाहनों का इस्तेमाल हो : निजी विश्वविद्यालय के कुलपति को त्वरित उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के लिए शासकीय वाहन का उपयोग करने के मामले में ग्वालियर में दो छात्रों पर लूट का प्रकरण दर्ज करने के मामले में इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने याचिका लगाई थी. हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर कर न्यायाधीश रोहित आर्य एवं बीके द्विवेदी की युगलपीठ के समक्ष पैरवी की गई. पैरवी में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने संबंधित मामले को लेकर हुई एफआईआर के ख़ात्मे हेतु पक्ष रखा.
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दिशा-निर्देश जारी करने की मांग : इंदौर महापौर ने न्यायालय से मांग की कि ऐसे दिशा-निर्देश जारी करें. जिसमें प्रोटोकॉल में लगने वाली शासकीय वाहनों का प्रयोग यदि एम्ब्यूलेंस को आने में समय है तो उसका इस्तेमाल किया जा सके. महापौर द्वारा उठाये गए विषय की लोग प्रसंशा कर रहे हैं. कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष और सुझाव रखने के लिए कहा है.