इंदौर। एक नाबालिग लड़की ने कॉलेज में फेल हो जानें के कारण परिजनों की डाट से बचने के लिए अपने अपहरण की झूठी कहानी रची. इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र में रहने वाली नाबालिग ने अपने परिजनों को कॉलेज जानें का बोल कर घर से निकली, लेकिन देर शाम तक घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने उसे तलाशना शुरू कर दिया. नाबालिग के कॉलेज से घर के लिए निकल गई थी. इसके बाद किसी तरह की कोई जानकारी नहीं थी. इसके बाद अचानक नाबालिग का उसके एक दोस्त के पास फोन कॉल आया जिसमें वह बचा लेने की बात कहती है और फोन कट गया. नाबालिग का दोस्त परिजनों तक पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद परिजनों ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की.
पुलिस को हुआ पीड़िता पर संदेह: शिकायत के बाद पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर जांच पड़ताल शुरू की, इसी दौरान पुलिस लगातार सीसीटीवी फुटेज एवं कॉल लोकेशन के आधार पर नाबालिग को तलाश रही थी इसी दौरान नाबालिक ने एक अलग नंबर से पिता को फोन कर धर्मपुरी के खेत में पड़े होने की जानकारी दी. इसके बाद पिता मौके पर पहुंचे और उसे लेकर थाने लाया गया. जब पुलिस ने पीड़िता के बयान लिए तो पुलिस को अंदेशा हुआ. उसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल की तो नाबालिग की जेब से इंदौर से उज्जैन तक का बस का टिकट मिला. नाबालिग के हाथ में बाबा महाकाल मंदिर में बांधा जाने वाला धागा हाथों की कलाई में दिखा, वह पूरा साफ सुथरा था.
इस तरह हुआ खुलासा: जिस तरह से युवती ने खेत में पड़े होने की बात कही लेकिन युवती के कपड़े किसी तरह से गंदे नहीं थे इसके बाद पुलिस ने जब युवती से सख्ती से पूछताछ की तो उसने जानकारी दी कि वह कॉलेज से जिस डिप्लोमा कोर्स को कर रही थी उसमें वह फेल हो गई थी और इसकी जानकारी उसके परिजनों को लगती तो वह उसे डांटते और उसी डांट से बचने के लिए उसने इस तरह से साजिश रची और अपने अपहरण की जानकारी परिजनों तक पहुंचा दी. फिलहाल पुलिस ने पूरे मामले में नाबालिग और उसके परिजनों की काउंसलिंग कर उन्हें समझाइ दी है