इंदौर. एमपी में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए, अब राज्य सरकार मेट्रो प्रोजेक्ट का जल्द से जल्द ट्रायल करना चाहती है. इसके लिए 24 घंटे तेजी से काम चलाया जा रहा है. भोपाल और इंदौर के ट्रायल रन की तैयारी आखिरी चरण में है.
इंदौर में तीन कोच लाकर उन्हें जोड़ने का काम शुरू हो गया है, जबकि भोपाल की ओरेंज लाइन के लिए तीन कोच लाने का काम शुरू हो गया है. पढ़िए ईटीवी भारत की डिटेल रिपोर्ट..
राज्य सरकार चुनाव से पहले मेट्राे का पूरा क्रेडिट लेना चाहती है. इसके लिए सबसे पहले दोनों ही शहरों में एक-एक कोच आम जनता के लिए रखकर डिस्प्ले कर दिए गए हैं. जिस वजह से आम लोग जान सके कि मेट्रो का कोच कैसा होगा?
मेट्रो ट्रायल को लेकर तैयारियां तेज: अब सरकार की तैयारियां दोनों ही शहरों में मेट्रों के ट्रायल की भी है. इंदौर में तीन कोच आ गए हैं और उन्हें कनेक्ट करने का काम शुरू कर दिया गया है. इन तीनेां कोच को सफेद और पीले रंग में रंगा जा रहा है. इनमें से पहला और तीसरा कोच इंजिन की तरह काम करेगा. जबकि दूसरा कोच ट्रेलर कार की तरह काम करेगा.
तीनों कोच को जोड़ने के बाद मेट्रो की कुल लंबाई करीब 67 मीटर हो जाएगी. इनमें से हरेक कोच में बैठने की व्यवस्था केवल 45 लोगों की रहेगी. इन कोच के बीच वाले हिस्से और दरवाजों के पास करीब 300 यात्रियों के खड़े होने की सुविधा रहेगी.
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आम जनता की सुविधा के लिए हर कोच में एक एलईडी और डिजीटल मैप दिया जाएगा. लैपटॉप और मोबाइल के लिए चार्जिंग पाइंट बनाए जाएंगे. दोनों शहरों में से पहले इंदौर में ट्रायल होगा.
स्टेनलेस स्टील से बने कोच: मेट्रो के यह कोच स्टेनलेस स्टील से बने हैं और रस्ट प्रुफ हैं. इंदौर के गांधी नगर डिपो यार्ड में इन कोच के ऊपर काम चल रहा है. टेक्नीकल वर्क के लिए हैदराबाद, बैंगलुरु से आई इंजीनियर्स की टीम इन्हें कम्पलीट करने में जुटी हुई है.
मेट्रो कोच को जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है. 14 सितंबर को 14.9 किमी लंबे सुपर काॅरीडोर वाले हिस्से में ट्रायल रन किया जाएगा.
यदि भोपाल की बात करें तो तीन कोच बड़ोदरा से लाने की तैयारी है. इन कोच को लाने के बाद पहले वर्कशॉप में तैयार किया जाएगा और फिर उसके बाद इन्हें ट्रायल के लिए तैयार करेंगे.
कार्पोरेशन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर- भोपाल में तीन कोच की एक मेट्रो ट्रेन होगी. इंदौर में 25 मेट्रो दौड़ेगी, जबकि भोपाल की तस्वीर अभी साफ नहीं है. इंदौर में चार रूटों पर मेट्रो चलाई जाएगी, जबकि भोपाल में एक रूट पर चलेगी.