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स्वास्थ्य मंत्री के बंगले से लेकर कलेक्ट्रेट तक बच्ची का शव लेकर भटकता रहा पिता

इंदौर में एक नवजात के पिता ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. पिता नवजात की मौत के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के लिए शव के पोस्टमार्टम की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से लेकर थाने और कलेक्ट्रेट के चक्कर काटता रहा.

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Published : Sep 27, 2019, 11:41 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 10:19 AM IST

मृत बच्ची का पिता

इंदौर। जिले में दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसमें एक परिवार जीते जी अस्पतालों में अपनी बच्ची को बचाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन सही इलाज नहीं मिलने के बाद बच्ची की मौत हो गई. नवजात के पिता ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मासूम की मौत के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाने की मांग की तो उसे अस्पताल से भगा दिया गया, बेटी का शव लेकर पिता स्वास्थ्य मंत्री के बंगले से लेकर थाने और कलेक्ट्रेट के चक्कर काटता रहा, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था.

बच्ची का शव लेकर भटकता पिता


ये है पूरा मामला
बच्ची का पिता विनोद कुमार पुष्पक अपनी पत्नी और नवजात को इलाज कराने के लिए उज्जैन से इंदौर लेकर आया था, यहां उसने दोनों को एचएमटी अस्पताल में भर्ती कराया, विनोद के मुताबिक वहां न ही कोई सुविधा थी और न ही डॉक्टरों ने ठीक से इलाज किया, पीड़ित ने जब इसकी शिकायत की तो डॉक्टरों ने बच्ची में ब्लड की कमी बताकर बच्ची को एमवाय अस्पताल में रेफर कर दिया.

परिजन का कहना है कि एमवाय हॉस्पिटल आकर पता चला कि बच्ची सीरियस है, इसके बाद भी डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती, जिससे उसकी मौत हो गई परिजनों ने जब मौत का कारण जानने के लिए पीएम करवाने की बात कही, तो डॉक्टरों ने बीमार हालत में ही प्रसूता को डिस्चार्ज कर दिया.

परिवार बच्ची के शव को लेकर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के बंगले पर पहुंच गया, तो यहां से उसे फिर एमवाय अस्पताल भेज दिया गया. इसके बाद परिवार पुलिस चौकी पहुंचा, तो यहां से भी बोल दिया गया कि जब तक डॉक्टर नहीं कहेंगे शिकायत नहीं लिखी जाएगी, परेशान परिवार कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां तत्काल कलेक्टर ने सीएमएचओ को बुलाकर पूरे मामले की जांच के बाद संबंधित मामले में तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

इंदौर। जिले में दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसमें एक परिवार जीते जी अस्पतालों में अपनी बच्ची को बचाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन सही इलाज नहीं मिलने के बाद बच्ची की मौत हो गई. नवजात के पिता ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मासूम की मौत के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाने की मांग की तो उसे अस्पताल से भगा दिया गया, बेटी का शव लेकर पिता स्वास्थ्य मंत्री के बंगले से लेकर थाने और कलेक्ट्रेट के चक्कर काटता रहा, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था.

बच्ची का शव लेकर भटकता पिता


ये है पूरा मामला
बच्ची का पिता विनोद कुमार पुष्पक अपनी पत्नी और नवजात को इलाज कराने के लिए उज्जैन से इंदौर लेकर आया था, यहां उसने दोनों को एचएमटी अस्पताल में भर्ती कराया, विनोद के मुताबिक वहां न ही कोई सुविधा थी और न ही डॉक्टरों ने ठीक से इलाज किया, पीड़ित ने जब इसकी शिकायत की तो डॉक्टरों ने बच्ची में ब्लड की कमी बताकर बच्ची को एमवाय अस्पताल में रेफर कर दिया.

परिजन का कहना है कि एमवाय हॉस्पिटल आकर पता चला कि बच्ची सीरियस है, इसके बाद भी डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती, जिससे उसकी मौत हो गई परिजनों ने जब मौत का कारण जानने के लिए पीएम करवाने की बात कही, तो डॉक्टरों ने बीमार हालत में ही प्रसूता को डिस्चार्ज कर दिया.

परिवार बच्ची के शव को लेकर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के बंगले पर पहुंच गया, तो यहां से उसे फिर एमवाय अस्पताल भेज दिया गया. इसके बाद परिवार पुलिस चौकी पहुंचा, तो यहां से भी बोल दिया गया कि जब तक डॉक्टर नहीं कहेंगे शिकायत नहीं लिखी जाएगी, परेशान परिवार कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां तत्काल कलेक्टर ने सीएमएचओ को बुलाकर पूरे मामले की जांच के बाद संबंधित मामले में तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

Intro:इंदौर, प्रदेश में जरूरतमंद गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं नसीब नहीं होने के चलते एक तरफ जहां सड़कों पर डिलेवरी हो रही है वहीं करोड़ो रुपए खर्च कर बनाए जाने वाले अस्पतालों में भी लोगों को इलाज मयस्सर नहीं है, इंदौर में ऐसा ही एक दर्दनांक मामला सामने आया है जिसमें एक परिवार जीते जी अस्पतालों में अपनी बच्ची को बचाने की गुहार लगाता रहा लेकिन सही इलाज नहीं मिलने के बाद जब बच्ची की मौत हो गई तो वह बच्ची की मौत के जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही के लिए शव के पोस्टमार्टम की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से लेकर थाने और कलेक्टोरेट के चक्कर काट रहा है। Body:इंदौर के कलेक्टोरेट में इस शख्स के हाथों में रखा मासूम बच्ची का यह शव प्रदेश की उन स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत बयान कर रहा है जिसकी सुविधाओं के नाम पर इस मासूम की तरह की मौत हो चुकी है, दुर्भाग्य देखिए कि उज्जैन से यह परिवार अपने घर की जिस महिला को प्रदेश के मेडीकल हब कहे जाने वाले इंदौर में इलाज के लिए लाया था उस शहर के एमटीएच प्रसूति गृह के आराम पसंद डॉक्टरों की संवेदनाएं इतनी मर गई न तो बच्ची का गंभीरता से इलाज किया गया न ही कोई सुविधा ही मुहैया कराई गई। पीडि़तों ने जब शिकायत की तो डॉक्टरों ने ब्लड की कमी बताकर बच्ची को एमवाय अस्पताल में रैफर कर दिया। यहां भर्ती करने पर पता चला बच्ची सीरियस है, इसके बाद डॉक्टरों ने दो तरह जांच जरूरी बताकर बच्ची को खून की कमी बताई दी, इसके बाद रात में जांच की व्यवस्था नहीं होना बता दिया नतीजतन रात में ही बिना इलाज के बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टरों ने बीमार हालत में ही बच्ची प्रसूता मां को डिस्चार्ज कर दिया।

बच्ची की मौत के बाद भी नहीं पसीदा दिलबच्ची की मौत होने पर जब परिजनों ने विरोध किया तो बता दिया गया कि मां का दूध पिलाने से बच्ची की मौत हुई है पीडित परिवार ने इसके बाद बच्ची की मौत का कारण जान सकने के लिए पोस्टमार्टम कराने की मांग की तो तत्काल बच्ची का शव परिजनों को सौप दिया गया, इसके बाद रो रोकर बदहवास हुआ परिवार बच्ची के शव को लेकर न्याय की उम्मीद में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के बंगले पर पहुंच गया, तो यहां से उसे फिर एमवाय अस्पताल भेज दिया गया। एम वाय अस्पताल दुबारा पहुंचने पर जब परिवार पुलिस चौकी में पहुंचा तो यहां से भी बोल दिया गया जब तक डॉक्टर नहीं कहेंगे शिकायत नहीं लिखी जाएगी, इसके बाद परेशान होकर पिता अपनी मासूम बच्ची के शव को हाथ में लिए कलेक्टोरेट पहुंच गया जहां तत्काल कलेक्टर ने सीएमएचओ को बुलाकर पूरे मामले की जांच के बाद संबंधित मामले में तत्काल कार्यवाही के आदेश दिए हैं। गौरतलत है उज्जैन में हीरामिल की चाल में रहने वाला विनोद कुमार पुष्पक की पत्नी नीरा की डिलेवरी उज्जैन में 21 सितंबर को हुई थी इसके बाद से ही बह इंदौर में अपनी बच्ची को बचाने के लिए दर दर भटक रहा था। Conclusion:बाईट बिनोद कुमार पुष्पक, पीडि़त पिता उज्जैन
Last Updated : Sep 28, 2019, 10:19 AM IST
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