इंदौर। नारिकता संशोधन कानून के खिलाफ कई राज्यों में प्रस्ताव पास हो चुका है. इस सवाल का जबाब देते हुए ओम बिड़ला ने कहा है कि देश मे लोकतांत्रिक व्यवस्था है. संविधान में सभी सदनों को अपने-अपने बिल पारित करने का अधिकार है.
उन्होंने कहा कि सीएए के संबंध में संसद के अंदर चर्चा हुई है, जिसके बाद मतविभाजन भी हुआ है. लोकतंत्र की यही विशेषता है कि हर विधेयक पर चर्चा होती है. जिसमें सहमति ओर असहमति भी होती है. लेकिन बहुमत से जो बिल पारित हो जाता है. सरकार उसपर कानून बनाने का काम करती है.
ओम बिड़ला ने कहा कि कई कानून केंद्र की सूची में हैं और कई राज्य की सूची में. जिसके तहत सभी को अपने-अपने सदन में क़ानून पारित करने का अधिकार है. बता दें कि केरल, पंजाब, मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, और तेलांगाना समेत कई राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास हो चुका है.