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महू जेल के अंदर घुसकर कुख्यात बदमाश की हत्या करने वाले दो बदमाशों को उम्रकैद - इंदौर लेटेस्ट क्राइम न्यूज

महू जेल के अंदर घुसकर कुख्यात गुंडे को गोली मारकर मौत के घाट उतारने वाले मामले में इंदौर की जिला कोर्ट ने सोमवार फैसला सुना दिया. दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया है तो वहीं तीन आरोपी इस पूरे मामले में गवाहों के पलट जाने के कारण बरी हो गए. (Life imprisonment to two miscreants) ( Case of murder in Mhow jail)

Life imprisonment to two miscreants
दो बदमाशों को उम्रकैद
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Published : Apr 25, 2022, 7:30 PM IST

इंदौर। करीब 15 साल पहले महू जेल के अंदर घुसकर कुख्यात गुंडे को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था. 23 जनवरी 2007 को सुबह 7 बजे महू उप जेल के गेट के अंदर कैदी अशोक मराठा से मुलाकात करने के लिए विजय नागर नामक व्यक्ति आया. जेल में कैदी जीतू ठाकुर 3 साल से जेल में बंद था, वह दिनभर गार्ड रूम में रहता था और उसमें वहीं मंदिर बना कर पूजा करता था. जीतू ठाकुर से मिलने वाले मुलाकात ही गार्ड रूम में ही मुलाकात करते थे. उसी समय जीतू ठाकुर से कुछ मुलाकाती मुलाकात कर रहे थे, जिन्हें पूर्व पहरी कैलाश तथा हरिप्रसाद ने अंदर आने दिया. अशोक मराठा से मुलाकात हो जाने से विजय नागर को बाहर करने के लिए गेट खोला गया और उसे गेट के बाहर कर दिया गया. थोड़ी देर बाद कैदी सुरेश से मिलने उनका लड़का गेट पर आया हरिप्रसाद ने गेट खोला तो उसी समय विजय नागर और साथ में तीन व्यक्ति आए और अशोक से बाहर मिलकर जाने लगे, तभी विजय नागर व अशोक ने रिवाल्वर निकाल ली और गार्ड रूम में गोलियां चलाने लगे.

दो लोग गोलीबारी में घायल हुए थे : उन्होंने हरिप्रसाद को गोली मारी. उसके दाहिनी तरफ पसली में गोली लगी. इसके बाद अंदर घुसे वहां गोली चलाकर जीतू ठाकुर से मुलाकात करने आए राजेश व अजय को घायल कर दिया. जीतू ठाकुर को सिर में गोली लगी. मौके पर अफरा-तफरी मच गई तथा जेल के अंदर मौजूद आरक्षकों ने सीटी बजाई गई पर हमलावर भाग निकले. फिर जीतू ठाकुर, हरी प्रसाद व अन्य घायलों को मध्य भारत अस्पताल लेकर गया, जहां अस्पताल में इलाज के दौरान जीतू ठाकुर नामक कुख्यात बदमाश की मौत हो गई.

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक समोसा कैसे बना हत्या की वजह ..जानें पूरा घटनाक्रम

तीन आरोपी बरी हुए : इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था. सोमवार इस पूरे मामले में सुनवाई हुई.सुनवाई के बाद इस पूरे मामले में तीन आरोपी जिसमें कुख्यात गैंगस्टर युवराज उस्ताद और अन्य दो आरोपी थे, वे बरी हो गए तो वहीं दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से कोर्ट ने दंडित किया. बता दें कि इस पूरे मामले में 15 वर्षों के बाद फैसला आया है. यह पूरा ही मामला काफी हाईप्रोफाइल था और शासन की ओर से अधिवक्ता गजराज सिंह सोलंकी ने पैरवी की. वहीं गजराज सिंह सोलंकी द्वारा बताया गया कि जीतू ठाकुर हत्याकांड मामले में पुलिस ने हत्या सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया था. 93 लोगों की गवाही हुई थी. जिनमें से 77 गवाह न्यायालय में अपने बयान से बदल गए. (Life imprisonment to two miscreants) ( Case of murder in Mhow jail)

इंदौर। करीब 15 साल पहले महू जेल के अंदर घुसकर कुख्यात गुंडे को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था. 23 जनवरी 2007 को सुबह 7 बजे महू उप जेल के गेट के अंदर कैदी अशोक मराठा से मुलाकात करने के लिए विजय नागर नामक व्यक्ति आया. जेल में कैदी जीतू ठाकुर 3 साल से जेल में बंद था, वह दिनभर गार्ड रूम में रहता था और उसमें वहीं मंदिर बना कर पूजा करता था. जीतू ठाकुर से मिलने वाले मुलाकात ही गार्ड रूम में ही मुलाकात करते थे. उसी समय जीतू ठाकुर से कुछ मुलाकाती मुलाकात कर रहे थे, जिन्हें पूर्व पहरी कैलाश तथा हरिप्रसाद ने अंदर आने दिया. अशोक मराठा से मुलाकात हो जाने से विजय नागर को बाहर करने के लिए गेट खोला गया और उसे गेट के बाहर कर दिया गया. थोड़ी देर बाद कैदी सुरेश से मिलने उनका लड़का गेट पर आया हरिप्रसाद ने गेट खोला तो उसी समय विजय नागर और साथ में तीन व्यक्ति आए और अशोक से बाहर मिलकर जाने लगे, तभी विजय नागर व अशोक ने रिवाल्वर निकाल ली और गार्ड रूम में गोलियां चलाने लगे.

दो लोग गोलीबारी में घायल हुए थे : उन्होंने हरिप्रसाद को गोली मारी. उसके दाहिनी तरफ पसली में गोली लगी. इसके बाद अंदर घुसे वहां गोली चलाकर जीतू ठाकुर से मुलाकात करने आए राजेश व अजय को घायल कर दिया. जीतू ठाकुर को सिर में गोली लगी. मौके पर अफरा-तफरी मच गई तथा जेल के अंदर मौजूद आरक्षकों ने सीटी बजाई गई पर हमलावर भाग निकले. फिर जीतू ठाकुर, हरी प्रसाद व अन्य घायलों को मध्य भारत अस्पताल लेकर गया, जहां अस्पताल में इलाज के दौरान जीतू ठाकुर नामक कुख्यात बदमाश की मौत हो गई.

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तीन आरोपी बरी हुए : इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था. सोमवार इस पूरे मामले में सुनवाई हुई.सुनवाई के बाद इस पूरे मामले में तीन आरोपी जिसमें कुख्यात गैंगस्टर युवराज उस्ताद और अन्य दो आरोपी थे, वे बरी हो गए तो वहीं दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से कोर्ट ने दंडित किया. बता दें कि इस पूरे मामले में 15 वर्षों के बाद फैसला आया है. यह पूरा ही मामला काफी हाईप्रोफाइल था और शासन की ओर से अधिवक्ता गजराज सिंह सोलंकी ने पैरवी की. वहीं गजराज सिंह सोलंकी द्वारा बताया गया कि जीतू ठाकुर हत्याकांड मामले में पुलिस ने हत्या सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया था. 93 लोगों की गवाही हुई थी. जिनमें से 77 गवाह न्यायालय में अपने बयान से बदल गए. (Life imprisonment to two miscreants) ( Case of murder in Mhow jail)

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