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विवादित जमीनों पर हो रहे राजनीतिक कब्जे, प्रशासन बना रही ऐसे भू-माफियाओं की सूची

कई सालों से संक्रिय भू-माफिया राजनीतिक संरक्षण में विवादित जमीन पर कब्जा कर रहे है. इंदौर शहर में इस तरह के लोगों पर सरकार द्वारा लगातार कार्रवाई भी की गई, लेकिन इसके बावजूद भी भू-माफिया को संरक्षण देने वाले लोग आसानी से मामले से बच कर निकल जाते हैं. पढ़िए पूरी खबर..

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विवादित जमीनों पर राजनीतिक कब्जा
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Published : Feb 12, 2021, 1:41 PM IST

इंदौर। पूरे प्रदेश में विवादित संपत्तियों को हड़पने के लिए राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग सबसे आगे रहे हैं. शहर में इस तरह के लोगों पर सरकार द्वारा कार्रवाई भी की गई, लेकिन इसके बावजूद भूमि विवादों में राजनीतिक प्रवृत्तियों से जुड़े लोग लगातार शामिल होते रहे.

शहर में कई विवादित संपत्तियों को लेकर मामले विचाराधीन है, जिसे जानबूझकर विवादों में डाला जाता है, ताकि इन जमीनों को सस्ती दरों पर खरीदा जा सकें. इसके लिए कई सालों से शहर में भू-माफिया भी सक्रिय है. हालांकि, कई ऐसे भू-माफियाओं के नाम भी उजागर हुए हैं. उन पर पुलिस द्वारा कार्रवाई भी की गई है, लेकिन इसके बावजूद लगातार भू-माफियाओं द्वारा खेले खेला जा रहा हैं.

जमीनों को जानबूझकर लाया जाता है विवादों में
भू-माफियाओं द्वारा जमीनों को जानबूझकर विवादों में लाया जाता है. जब यह विवादों में आ जाती है, तो जमीन मालिक उस जमीन को खोने के डर से सस्ती दरों पर भी बेचने के लिए तैयार हो जाते है. ऐसे में मध्यस्थता निभाने के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि या बड़े नेता आगे आते हैं. उनके द्वारा इन जमीनों को अपने खास लोगों को सस्ती दरों पर दिलवा दिया जाता है. इस तरह से महंगी जमीन भी सस्ती दर पर भू-माफियाओं को मिल जाती है. ऐसी कई शिकायतें पुलिस के पास पहुंचती है, जिसमें जमीन पर जानबूझकर कब्जा करने या उसके नकली दस्तावेज तैयार करने का मामला सामने आता है. पुलिस द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित जरूर किया जाता है, लेकिन उन पर कार्रवाई करने में सालों लग जाते हैं.

विवादित जमीनों पर राजनीतिक कब्जा
जमीन विवादों में कंप्यूटर बाबा का नाम आया सामनेशहर में कुछ दिनों पहले ही भू-माफियाओं पर की गई कार्रवाई में कंप्यूटर बाबा जैसे कई बड़े नाम सामने आ चुके हैं. कंप्यूटर बाबा को भी राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था. उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया गया था, लेकिन जब कंप्यूटर बाबा पर कार्रवाई की गई, तो मामला जमीन पर कब्जा करने का आया. गौशाला की जमीन पर गोम्मटगिरी ट्रस्ट और अन्य विवाद होने के कारण कंप्यूटर बाबा ने कब्जा कर आश्रम तैयार कर लिया था, जिसे प्रशासन ने तोड़ दिया. सिंगल विंडो सिस्टम पुलिस ने किया तैयारलगातार जमीनों के विवादित मामले सामने आने के बाद पुलिस ने सिंगल विंडो सिस्टम बनाया है. पुलिस द्वारा जब भी भू-माफियाओं पर कार्रवाई की जाती है, तो एक सूची तैयार की जाती है. इसके लिए प्राप्त होने वाली शिकायतों पर त्वरित जांच की जाती है, ताकि भू-माफियाओं पर रोक लगाई जा सकें. बहरहाल, पुलिस की शिकायत के आधार पर जमीन हड़पने वालों पर प्रकरण शुरू हो जाते हैं, लेकिन इसमें विभिन्न सरकारी विभागों और राजनीतिक संरक्षण के सामने आने के बाद पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाती है. लिहाजा पर्दे के पीछे रहकर इन भू-माफियाओं को संरक्षण देने वाले लोग आसानी से मामले से बच कर निकल जाते हैं.

इंदौर। पूरे प्रदेश में विवादित संपत्तियों को हड़पने के लिए राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग सबसे आगे रहे हैं. शहर में इस तरह के लोगों पर सरकार द्वारा कार्रवाई भी की गई, लेकिन इसके बावजूद भूमि विवादों में राजनीतिक प्रवृत्तियों से जुड़े लोग लगातार शामिल होते रहे.

शहर में कई विवादित संपत्तियों को लेकर मामले विचाराधीन है, जिसे जानबूझकर विवादों में डाला जाता है, ताकि इन जमीनों को सस्ती दरों पर खरीदा जा सकें. इसके लिए कई सालों से शहर में भू-माफिया भी सक्रिय है. हालांकि, कई ऐसे भू-माफियाओं के नाम भी उजागर हुए हैं. उन पर पुलिस द्वारा कार्रवाई भी की गई है, लेकिन इसके बावजूद लगातार भू-माफियाओं द्वारा खेले खेला जा रहा हैं.

जमीनों को जानबूझकर लाया जाता है विवादों में
भू-माफियाओं द्वारा जमीनों को जानबूझकर विवादों में लाया जाता है. जब यह विवादों में आ जाती है, तो जमीन मालिक उस जमीन को खोने के डर से सस्ती दरों पर भी बेचने के लिए तैयार हो जाते है. ऐसे में मध्यस्थता निभाने के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि या बड़े नेता आगे आते हैं. उनके द्वारा इन जमीनों को अपने खास लोगों को सस्ती दरों पर दिलवा दिया जाता है. इस तरह से महंगी जमीन भी सस्ती दर पर भू-माफियाओं को मिल जाती है. ऐसी कई शिकायतें पुलिस के पास पहुंचती है, जिसमें जमीन पर जानबूझकर कब्जा करने या उसके नकली दस्तावेज तैयार करने का मामला सामने आता है. पुलिस द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित जरूर किया जाता है, लेकिन उन पर कार्रवाई करने में सालों लग जाते हैं.

विवादित जमीनों पर राजनीतिक कब्जा
जमीन विवादों में कंप्यूटर बाबा का नाम आया सामनेशहर में कुछ दिनों पहले ही भू-माफियाओं पर की गई कार्रवाई में कंप्यूटर बाबा जैसे कई बड़े नाम सामने आ चुके हैं. कंप्यूटर बाबा को भी राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था. उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया गया था, लेकिन जब कंप्यूटर बाबा पर कार्रवाई की गई, तो मामला जमीन पर कब्जा करने का आया. गौशाला की जमीन पर गोम्मटगिरी ट्रस्ट और अन्य विवाद होने के कारण कंप्यूटर बाबा ने कब्जा कर आश्रम तैयार कर लिया था, जिसे प्रशासन ने तोड़ दिया. सिंगल विंडो सिस्टम पुलिस ने किया तैयारलगातार जमीनों के विवादित मामले सामने आने के बाद पुलिस ने सिंगल विंडो सिस्टम बनाया है. पुलिस द्वारा जब भी भू-माफियाओं पर कार्रवाई की जाती है, तो एक सूची तैयार की जाती है. इसके लिए प्राप्त होने वाली शिकायतों पर त्वरित जांच की जाती है, ताकि भू-माफियाओं पर रोक लगाई जा सकें. बहरहाल, पुलिस की शिकायत के आधार पर जमीन हड़पने वालों पर प्रकरण शुरू हो जाते हैं, लेकिन इसमें विभिन्न सरकारी विभागों और राजनीतिक संरक्षण के सामने आने के बाद पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाती है. लिहाजा पर्दे के पीछे रहकर इन भू-माफियाओं को संरक्षण देने वाले लोग आसानी से मामले से बच कर निकल जाते हैं.
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