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लॉकडाउन की आहट:यूपी,बिहार के मजदूर इंदौर से करने लगे पलायन

पिछले साल से हुए कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के बाद से इंदौर में काम कर रहे इन मजदूरों की स्थिति काफी खराब हो रही है. पहले लॉकडाउन में जो मजदूर पलायन करके गए थे उनमें से 50 फीसदी ही वापस लौटे थे लेकिन एक बार फिर कोरोना को रफ्तार पकड़ते देखते हुए ये एक बार वापस अपने गांव लौटने लगे हैं.

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डिजाइन फोटोमजदूर इंदौर से करने लगे पलायन
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Published : Apr 7, 2021, 10:45 PM IST

Updated : Apr 8, 2021, 2:38 PM IST

इंदौर. प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों के बीच लॉकडाउन की आहट साफ दिखाई देने लगी है. एमपी के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में बुधवार को 11 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है. यहीं वजह है कि मजदूरों को आशंका है कि मध्यप्रदेश में लॉकडाउन न लगा दिया जाए. इस वजह से इंदौर की फैक्ट्रियों में काम करने वाले यूपी बिहार के मजदूर पलायन करने लगे हैं. जहां ये मजदूर रहा करते थे वह इलाका भी अब सुनसान नजर आ रहा है.

मजदूर इंदौर से करने लगे पलायन

लॉकडाउन का डर, फिर छूटा घर

इंदौर में यूपी,बिहार के कई लोग यहां की बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों और औद्योगिक क्षेत्रों में काम करते हैं. 12 महीने काम मिलने के चलते उनकी गुजर बसर भी अच्छे से हो जाती है.पिछले साल से हुए कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के बाद से इंदौर में काम कर रहे इन मजदूरों की स्थिति काफी खराब हो रही है. पहले लॉकडाउन में जो मजदूर पलायन करके गए थे उनमें से 50 फीसदी ही वापस लौटे थे लेकिन एक बार फिर कोरोना को रफ्तार पकड़ते देखते हुए ये एक बार वापस अपने गांव लौटने लगे हैं. इंदौर के जिन इलाकों में ये लोग रहा करते थे वहां अब ताले लटके हुए नजर आ रहे हैं.


पिछली बुरी यादों में डराया
जिस तरह से पिछले साल कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगा था तो मजदूरों को पैदल ही अपने घर और गांवों तक पहुंचना पड़ा था. प्रवासी मजदूरों के उस डर और दर्द को देश-दुनिया ने देखा था. उसी डर की वजह से कोरोना संक्रमण को रफ्तार पकड़ते देख मजदूरों ने लॉकडाउन के आहट को महसूस कर अपने घरों की ओर लौटना शुरू कर दिया है. जबकि कई लोग तो अपने गांव वापस लौट भी चुके हैं. आने वाले दिनों में कई और परिवार भी यहां से पलायन करने पर विचार कर रहे हैं।

हम मजबूर: गोद में बच्चा और पैरों में घाव लिए फिर से घर छोड़कर निकले मजदूर

उधोगपतिओं की चिंता बढ़ी

इंदौर के उद्योगपतियों का भी कहना है कि जिस तरह से एक बार फिर इंदौर में कोरोना संक्रमण तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है उसे देखते हुए इंदौर शहर के जो बाहर से मजदूर मजदूरी के लिए आए हुए थे वह पलायन करने लगे हैं. हालांकि लॉकडाउन का अभी कोई एलान नहीं हुआ है लेकिन मजदूर पिछली यादों से काफी डरे हुए हैं. मजदूरों के पलायन से उद्योगों पर असर पड़ना शुरु हो गया है. जिसके कारण कई फैक्ट्रियों में मजदूरों की आवश्यकता नजर आने लगी है तो वहीं ऐसा लग रहा है कि पिछली बार जैसे हालात बने तो कई कंपनियों को बंद करना पड़ेगा.

कुछ चले गए कुछ जाने को तैयार

इन्दौर की बात करें तो इंदौर के बाणगंगा क्षेत्र के सांवेर रोड स्थित कई कॉलोनियों में यूपी,बिहार के साथ ही एमपी के अलग अलग शहरों से यहां मजदूरी करने आए लोग रहते हैं. लेकिन यहां कई घरों के बाहर ताले लटके नजर आ रहे हैं.इंदौर में संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए कई परिवार यहां से जा चुके हैं जबकि कई लोग जाने की तैयारी में हैं. पकड़ रहा है उसको देखते हुए कई लोग अपने घरों की ओर लौटना शुरू हो गए हैं तो कई लोग अभी भी यहां पर डेरा डाले हुए हैं उनको अनुमान है कि जल्द ही स्थिति ठीक होगी और एक बार फिर से यहां पर व्यवस्थित काम मिलेगा वहीं कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि यदि स्थिति आने वाले दिनों में नहीं सुधरती है तो वह भी अपने घरों की ओर लौट जाएंगे.

इंदौर. प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों के बीच लॉकडाउन की आहट साफ दिखाई देने लगी है. एमपी के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में बुधवार को 11 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है. यहीं वजह है कि मजदूरों को आशंका है कि मध्यप्रदेश में लॉकडाउन न लगा दिया जाए. इस वजह से इंदौर की फैक्ट्रियों में काम करने वाले यूपी बिहार के मजदूर पलायन करने लगे हैं. जहां ये मजदूर रहा करते थे वह इलाका भी अब सुनसान नजर आ रहा है.

मजदूर इंदौर से करने लगे पलायन

लॉकडाउन का डर, फिर छूटा घर

इंदौर में यूपी,बिहार के कई लोग यहां की बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों और औद्योगिक क्षेत्रों में काम करते हैं. 12 महीने काम मिलने के चलते उनकी गुजर बसर भी अच्छे से हो जाती है.पिछले साल से हुए कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के बाद से इंदौर में काम कर रहे इन मजदूरों की स्थिति काफी खराब हो रही है. पहले लॉकडाउन में जो मजदूर पलायन करके गए थे उनमें से 50 फीसदी ही वापस लौटे थे लेकिन एक बार फिर कोरोना को रफ्तार पकड़ते देखते हुए ये एक बार वापस अपने गांव लौटने लगे हैं. इंदौर के जिन इलाकों में ये लोग रहा करते थे वहां अब ताले लटके हुए नजर आ रहे हैं.


पिछली बुरी यादों में डराया
जिस तरह से पिछले साल कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगा था तो मजदूरों को पैदल ही अपने घर और गांवों तक पहुंचना पड़ा था. प्रवासी मजदूरों के उस डर और दर्द को देश-दुनिया ने देखा था. उसी डर की वजह से कोरोना संक्रमण को रफ्तार पकड़ते देख मजदूरों ने लॉकडाउन के आहट को महसूस कर अपने घरों की ओर लौटना शुरू कर दिया है. जबकि कई लोग तो अपने गांव वापस लौट भी चुके हैं. आने वाले दिनों में कई और परिवार भी यहां से पलायन करने पर विचार कर रहे हैं।

हम मजबूर: गोद में बच्चा और पैरों में घाव लिए फिर से घर छोड़कर निकले मजदूर

उधोगपतिओं की चिंता बढ़ी

इंदौर के उद्योगपतियों का भी कहना है कि जिस तरह से एक बार फिर इंदौर में कोरोना संक्रमण तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है उसे देखते हुए इंदौर शहर के जो बाहर से मजदूर मजदूरी के लिए आए हुए थे वह पलायन करने लगे हैं. हालांकि लॉकडाउन का अभी कोई एलान नहीं हुआ है लेकिन मजदूर पिछली यादों से काफी डरे हुए हैं. मजदूरों के पलायन से उद्योगों पर असर पड़ना शुरु हो गया है. जिसके कारण कई फैक्ट्रियों में मजदूरों की आवश्यकता नजर आने लगी है तो वहीं ऐसा लग रहा है कि पिछली बार जैसे हालात बने तो कई कंपनियों को बंद करना पड़ेगा.

कुछ चले गए कुछ जाने को तैयार

इन्दौर की बात करें तो इंदौर के बाणगंगा क्षेत्र के सांवेर रोड स्थित कई कॉलोनियों में यूपी,बिहार के साथ ही एमपी के अलग अलग शहरों से यहां मजदूरी करने आए लोग रहते हैं. लेकिन यहां कई घरों के बाहर ताले लटके नजर आ रहे हैं.इंदौर में संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए कई परिवार यहां से जा चुके हैं जबकि कई लोग जाने की तैयारी में हैं. पकड़ रहा है उसको देखते हुए कई लोग अपने घरों की ओर लौटना शुरू हो गए हैं तो कई लोग अभी भी यहां पर डेरा डाले हुए हैं उनको अनुमान है कि जल्द ही स्थिति ठीक होगी और एक बार फिर से यहां पर व्यवस्थित काम मिलेगा वहीं कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि यदि स्थिति आने वाले दिनों में नहीं सुधरती है तो वह भी अपने घरों की ओर लौट जाएंगे.

Last Updated : Apr 8, 2021, 2:38 PM IST
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