इंदौर। देशभर में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने करीब तीन महीने का लॉकडाउन किया था, जिस कारण सभी व्यापारों के साथ सभी परिवहन भी बंद हो गए थे. देशभर में उड़ान सेवाएं भी इस दौरान प्रभावित हुई. हालांकि, धीरे-धीरे राहत देते हुए शासन ने हवाई सेवाएं शुरू भी की लेकिन कोरोना संक्रमण के डर के कारण लोगों की आवाजाही एयरपोर्ट में नहीं दिखी.
92 से 35 हुई उड़ानें
धीरे-धीरे अनलॉक की ओर देश बढ़ रहा है. लोग बाहर भी निकलना शुरू कर चुके हैं. लेकिन, इंदौर एयरपोर्ट के हालात देखें तो आज भी यहां से यात्री नदारद हैं. इंदौर एयरपोर्ट पर अब भी कोरोना महामारी का प्रकोप दिख रहा है. लॉकडाउन के पहले मार्च महीने तक इंदौर एयरपोर्ट से जहां करीब 92 फ्लाइट जुड़ी हुई थी वहीं अनलॉक होने के बाद अब सिर्फ 35 फ्लाइट्स ही उड़ान भर रही हैं. वहीं लॉकडाउन के पहले तक जहां एक हजार यात्री रोजाना सफर तय करते थे तो अब यात्रियों की संख्या महज 300 से 400 हो गई है.
टूटी कनेक्टिविटी
लॉकडाउन से पहले इंदौर एयरपोर्ट से देश के किसी भी शहर के अलावा दुबई के लिए फ्लाइट की सीधी कनेक्टिविटी थी, लेकिन अनलॉक होने के बाद महज 17 से 18 शहरों से इंदौर की कनेक्टविटी बची हैं, जिसमें जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद जैसे शहर शामिल हैं.
जल्द शुरू होंगी और फ्लाइट
इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी की डायरेक्टर अर्यमा सान्याल का कहना है कि अक्टूबर महीने में आशा की जा सकती है कि इंदौर से 100 फ्लाइट्स की शुरुआत हो जाएगी, जिसके लिए लगातार तैयारियां भी की जा रही हैं. फिलहाल इंदौर एयरपोर्ट पर वंदे भारत अभियान के तहत कई विदेशी फ्लाइट आ रही हैं, लेकिन नियमित रूप से अक्टूबर माह से ही विदेशी फ्लाइट के आने का अनुमान लगाया जा रहा है.
की गई हैं व्यापक व्यवस्थाएं
इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी की डायरेक्टर अर्यमा सान्याल ने बताया, कोविड-19 को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था व्यापक तरीके से की गई है. यात्रियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को देखते हुए इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने टचलैस व्यवस्था की हुई है, जो भी यात्री एयरपोर्ट पर आता है तो उसे कहीं पर कुछ भी टच करने की जरूरत नहीं है. वहीं बोर्डिंग पास के लिए ई-पास की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा जो भी यात्री एयरपोर्ट पहुंचता है, उसको सबसे पहले सैनिटाइज किया जाता है. वहीं उसके लगेज को भी अलग-अलग तरह की मशीनों की सहायता से सैनिटाइज किया जाता है. इन सबके बाद ही यात्री को एयरपोर्ट के अंदर आने की अनुमति दी जाती है.
होते हैं कई स्वास्थ्य परीक्षण
जो भी यात्री एयरपोर्ट पर पहुंचता है, उसे कई स्वास्थ्य परीक्षणों से होकर गुजरना पड़ता है. एयरपोर्ट पर पहुंचे यात्री के सैनिटाइजेशन के बाद उसकी थर्मल स्कैनिंग भी की जाती है. वहीं मास्क और फेस शीट भी यात्री को लगाने के लिए दी जाती है. कई तरह के स्वास्थ्य परीक्षण होने के बाद जब यात्री फ्लाइट में चढ़ने के लिए तैयार होता है तो एक बार फिर उसकी थर्मल स्कैनिंग की जाती है और वहीं उसे दोबारा सैनिटाइज भी किया जाता है. यात्रियों को किसी तरह की कोई समस्या न हो इसलिए फ्लाइट के साथ ही एयरपोर्ट पर एक इमरजेंसी डॉक्टरों की टीम मौजूद रहती है जो तत्काल आवश्यकता पड़ने पर एमरजेंसी सुविधा उपलब्ध करवाती है.
जानकारी के मुताबिक जल्द ही कई विदेशी फ्लाइट्स शुरू होने की संभावना इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी जता रही है. अब देखना ये होगा कि आखिर कब तक एयरपोर्ट में यात्री नदारद दिखेंगें.