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दिनभर ठप रहा बिजली विभाग का कार्य, निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने जताया विरोध, 15 सूत्रीय मांगों को लेकर अड़े

प्रदेश में मंगलवार को बिजली विभाग का काम ठप रहा. विद्युत कंपनियों के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर रहे. उनका कहना है कि अगर सरकार ने फैसला नहीं बदला, तो जल्द ही उग्र आंदोलन किया जाएगा.

Electricity department employees protest
बिजली विभाग के कर्मचारियों का प्रदर्शन
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Published : Aug 10, 2021, 7:40 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियों के निजीकरण को लेकर अब विरोध के सुर तेज होते जा रहे हैं. मंगलवार को प्रदेशभर के विद्युत कर्मचारी हड़ताल पर रहे. एक दिवसीय हड़ताल के दौरान किसी भी कार्यालय में कामकाज नहीं हुआ. तमाम कर्मचारियों ने सुबह से ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी. विद्युत विभाग का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया.

बिजली विभाग के कर्मचारियों का प्रदर्शन

15 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध

कर्मचारियों का कहना है कि वह अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 1 साल से सरकार से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है. कर्मचारियों ने बताया कि वह लगातार अपनी मांगों को लेकर सरकार से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया. उनकी प्रमुख मांग बिजली कंपनियों के निजीकरण का मुद्दा है.

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बिजली कर्मचारियों ने दी सरकार को चेतावनी

बिजली कर्मचारियों का कहना है कि निजी कंपनियां उपभोक्ताओं को वो सेवाएं नहीं दे पाएंगी, जो सरकारी दे सकती हैं. सरकार बिजली कंपनियों के निजीकरण को तत्काल रोक दें. इसके साथ ही कर्मचारियों की नियुक्तियां, पेंशन, वेतनमान जैसी तमाम मांगों को लेकर भी हड़ताल की जा रही है. कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो आने वाले समय में वह तीन दिवसीय हड़ताल पर चले जाएंगे. जरूरत पड़ने पर कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी रुख करेंगे.

जबलपुर। मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियों के निजीकरण को लेकर अब विरोध के सुर तेज होते जा रहे हैं. मंगलवार को प्रदेशभर के विद्युत कर्मचारी हड़ताल पर रहे. एक दिवसीय हड़ताल के दौरान किसी भी कार्यालय में कामकाज नहीं हुआ. तमाम कर्मचारियों ने सुबह से ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी. विद्युत विभाग का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया.

बिजली विभाग के कर्मचारियों का प्रदर्शन

15 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध

कर्मचारियों का कहना है कि वह अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 1 साल से सरकार से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है. कर्मचारियों ने बताया कि वह लगातार अपनी मांगों को लेकर सरकार से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया. उनकी प्रमुख मांग बिजली कंपनियों के निजीकरण का मुद्दा है.

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बिजली कर्मचारियों ने दी सरकार को चेतावनी

बिजली कर्मचारियों का कहना है कि निजी कंपनियां उपभोक्ताओं को वो सेवाएं नहीं दे पाएंगी, जो सरकारी दे सकती हैं. सरकार बिजली कंपनियों के निजीकरण को तत्काल रोक दें. इसके साथ ही कर्मचारियों की नियुक्तियां, पेंशन, वेतनमान जैसी तमाम मांगों को लेकर भी हड़ताल की जा रही है. कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो आने वाले समय में वह तीन दिवसीय हड़ताल पर चले जाएंगे. जरूरत पड़ने पर कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी रुख करेंगे.

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