इंदौर। बीजलपुर स्थित डाइट केंद्र में पढ़ने वाले छात्रों द्वारा जमा की गई फीस को स्टाफ द्वारा संस्था के बैंक खाते में ना जमा करके, अपने निजी उपयोग में लेने का मामला सामने आया है. मामले को डाइट की एक सहायक प्राध्यापक ने प्राचार्य का पद संभालने के बाद उजागर किया है, अब मामले में जांच पूरी होने के बाद डाइट के प्राचार्य को शोकाज नोटिस दिया गया है. मामले में प्राचार्य सहित तीन अन्य लोगों पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है.
डाइट केंद्र पर शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का काम किया जाता है, संस्था में छात्रों के लिए कई कोर्स भी संचालित किए जाते हैं. जिनके लिए प्रति छात्र 9 हजार रूपये फीस ली जाती है. छात्रों ने तो यह फीस जमा कर दी, लेकिन संस्था के बैंक खाते में राशि जमा नहीं हुई, जब डाइट के प्राचार्य किसी मामले में राज्य शासन द्वारा निलंबित किए गए, तब उनकी जगह डाइट की वरिष्ठ प्राध्यापक रेणु श्रीवास्तव को प्रभार मिला. प्रभार लेने के बाद श्रीवास्तव ने कैश बुक को बारीकियों से जांच की तो यह मामला उजागर हुआ.
उन्होंने पहले तो संबंधित स्टाफ से ही इस बारे में जानकारी ली, लेकिन किसी ने भी उन्हें सहयोग नहीं किया, तब उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इस बारे में शिकायत की. उनकी शिकायत के बाद जिला पंचायत विभाग ने इस मामले में एक जांच कमेटी बनाई और ट्रेजरी के अधिकारियों को जांच के लिए भेजा गया. जांच में प्राथमिक तौर पर वित्तीय अनियमितताएं मिलने पर राज्य शिक्षा केंद्र ने भोपाल से एक और टीम भेजी, जिसने पिछले 10 वर्षों के रिकार्ड की जांच की, तब पुष्टि हो गई कि छात्रों की फीस का डाइट के स्टाफ द्वारा निजी उपयोग किया जा रहा था.