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Inside Story of Mhow Case: हिंसक आंदोलन में ऐसे बदला महू का घटनाक्रम, सरकारी डैमेज कंट्रोल से बदल गई कहानी

इंदौर के महू में आदवासी युवती की मौत पर जमकर बवाल होने के बाद हंगामा हुआ और पुलिस की गोली से एक आदिवासी युवक की मौत हो गई. सीएम ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराने के आदेश दिए हैं. मामले को लेकर जयस, भीम आर्मी और कांग्रेस भाजपा सरकार को घेरने में लगी है. दिग्गन नेता बाला बच्चन और कांतिलाल भूरिया ने भी सरकार पर हमला बोला है.

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महू घटना की इनसाइड स्टोरी
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Published : Mar 16, 2023, 8:28 PM IST

Updated : Mar 16, 2023, 8:42 PM IST

महू घटना की इनसाइड स्टोरी

इंदौर। महू के बडगोंदा में आदिवासी युवती की मौत के बाद हुए हंगामे को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने गांव मे धारा 144 लगाने के साथ प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को क्षेत्र में तैनात कर दिया है. युवती की मौत से आक्रोशित लोगों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में एक ग्रामीण की मौत हो गई है जिसके चलते गांव का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. गुरुवार को पीड़ितों से मिलने कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया, पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन, पांचीलाल मेढा, झूमा सोलंकी समेत कई नेता पहुंचे. कांग्रेस नेताओं ने मामले को लेकर भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है.

ये है पूरा मामला: महू में बुधवार रात एक आदिवासी युवती की मौत पर उसके परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन किया. परिजनों ने आरोप लगाए कि दबंगों ने गैंगरेप के बाद लड़की की हत्या कर दी. गुस्साए लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया और पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी. जिसमें 5 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. बिगड़ते हालात देखकर पुलिस ने काबू पाने की कोशिश करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. बताया जाता है कि इस दौरान करीब 25 हवाई फायर भी किए गए थे. इसी बवाल में पुलिस फायरिंग में एक आदिवासी युवक भेरूलाल को गोली लग गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं एक अन्य आदिवासी युवक के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया.

महू घटना की इनसाइड स्टोरी

मामले में आगे क्या हुआ: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने महू की घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराने के आदेश दिए थे. सीएम की घोषणा के बाद इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने तत्काल बैठक बुलाई और इंदाैर के अपर कलेक्टर व एडीएम अजय देव शर्मा को मजिस्ट्रियल जांच का जिम्मा साैंप दिया है. पुलिस की प्राथमिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिस युवती की मौत के कारण हंगामा हुआ, वह और आरोपी युवक एक दूसरे को जानते थे. पुलिस ने अब तक इस मामले में एक रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन को सौंप दी है. अब मजिस्ट्रियल जांच में इस रिपोर्ट के साथ सभी तथ्यों की जांच की जाएगी.

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हिंसक आंदोलन में ऐसे बदला महू का घटनाक्रम

रात में ही पोस्टमार्टम: युवती की हत्या के बाद विरोध होते ही पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को पकड़ लिया फिर 302 के तहत मुकदमा भी दर्ज कर लिया. रात में ही मृतिका युवती का पोस्टमार्टम भी कराया गया. सुबह-सुबह पुलिसवालों ने परिजनों के माध्यम से उसका अंतिम संस्कार भी करवा दिया. मृतिका के परिजनों और पुलिस की गोली लगने से मृतक भेरूलाल के परिजनों को शासन स्तर पर निर्देश मिलते ही 4 लाख और 10 लाख का चेक अधिकारियोंं ने परिजनों को घर जाकर सौंप दिए.

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महू घटना की इनसाइड स्टोरी

Also Read: इन खबरों पर भी डालें एक नजर

कांग्रेस नेताओं ने भाजपा को घेरा: पूरे घटनाक्रम को लेकर जयस, भीम आर्मी और कांग्रेस ने मोर्चा संभालते हुए बीजेपी को जमकर घेरना शुरू कर दिया है. पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में जारी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठाया जाएगा इसके अलावा पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा पुलिस ने गैंगरेप की घटना और पीड़िता की हत्या के बावजूद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई नहीं की जिसके कारण यह घटना हुई.

भेड़ बकरियों की तरह व्यवहार: वरिष्ठ कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने कहा राज्य सरकार ने मजिस्ट्रियल जांच के नाम पर पूरे मामले में लीपापोती की है. यदि शिवराज सरकार आदिवासियों की हितैषी है तो पूरा मामला सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए. भूरिया ने कहा मध्यप्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार बढ़ा है. आदिवासियों को भेड़ बकरियों की तरह मारा जा रहा है. विधायक पांचीलाल मेढा ने आरोप लगाते हुए कहा हमारी विधायक झूमा सोलंकी को महू जाने से रोका गया क्योंकि प्रभावित लोग हमारे रिश्तेदार लेकिन फिर भी पुलिस ने हमें मऊ जाने से रोकने का प्रयास किया हालांकि पुलिस को पहले यह बताना चाहिए पुलिस ने किसके आदेश से चलाई.

महू घटना की इनसाइड स्टोरी

इंदौर। महू के बडगोंदा में आदिवासी युवती की मौत के बाद हुए हंगामे को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने गांव मे धारा 144 लगाने के साथ प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को क्षेत्र में तैनात कर दिया है. युवती की मौत से आक्रोशित लोगों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में एक ग्रामीण की मौत हो गई है जिसके चलते गांव का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. गुरुवार को पीड़ितों से मिलने कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया, पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन, पांचीलाल मेढा, झूमा सोलंकी समेत कई नेता पहुंचे. कांग्रेस नेताओं ने मामले को लेकर भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है.

ये है पूरा मामला: महू में बुधवार रात एक आदिवासी युवती की मौत पर उसके परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन किया. परिजनों ने आरोप लगाए कि दबंगों ने गैंगरेप के बाद लड़की की हत्या कर दी. गुस्साए लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया और पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी. जिसमें 5 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. बिगड़ते हालात देखकर पुलिस ने काबू पाने की कोशिश करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. बताया जाता है कि इस दौरान करीब 25 हवाई फायर भी किए गए थे. इसी बवाल में पुलिस फायरिंग में एक आदिवासी युवक भेरूलाल को गोली लग गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं एक अन्य आदिवासी युवक के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया.

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मामले में आगे क्या हुआ: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने महू की घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराने के आदेश दिए थे. सीएम की घोषणा के बाद इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने तत्काल बैठक बुलाई और इंदाैर के अपर कलेक्टर व एडीएम अजय देव शर्मा को मजिस्ट्रियल जांच का जिम्मा साैंप दिया है. पुलिस की प्राथमिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिस युवती की मौत के कारण हंगामा हुआ, वह और आरोपी युवक एक दूसरे को जानते थे. पुलिस ने अब तक इस मामले में एक रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन को सौंप दी है. अब मजिस्ट्रियल जांच में इस रिपोर्ट के साथ सभी तथ्यों की जांच की जाएगी.

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हिंसक आंदोलन में ऐसे बदला महू का घटनाक्रम

रात में ही पोस्टमार्टम: युवती की हत्या के बाद विरोध होते ही पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को पकड़ लिया फिर 302 के तहत मुकदमा भी दर्ज कर लिया. रात में ही मृतिका युवती का पोस्टमार्टम भी कराया गया. सुबह-सुबह पुलिसवालों ने परिजनों के माध्यम से उसका अंतिम संस्कार भी करवा दिया. मृतिका के परिजनों और पुलिस की गोली लगने से मृतक भेरूलाल के परिजनों को शासन स्तर पर निर्देश मिलते ही 4 लाख और 10 लाख का चेक अधिकारियोंं ने परिजनों को घर जाकर सौंप दिए.

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कांग्रेस नेताओं ने भाजपा को घेरा: पूरे घटनाक्रम को लेकर जयस, भीम आर्मी और कांग्रेस ने मोर्चा संभालते हुए बीजेपी को जमकर घेरना शुरू कर दिया है. पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में जारी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठाया जाएगा इसके अलावा पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा पुलिस ने गैंगरेप की घटना और पीड़िता की हत्या के बावजूद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई नहीं की जिसके कारण यह घटना हुई.

भेड़ बकरियों की तरह व्यवहार: वरिष्ठ कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने कहा राज्य सरकार ने मजिस्ट्रियल जांच के नाम पर पूरे मामले में लीपापोती की है. यदि शिवराज सरकार आदिवासियों की हितैषी है तो पूरा मामला सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए. भूरिया ने कहा मध्यप्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार बढ़ा है. आदिवासियों को भेड़ बकरियों की तरह मारा जा रहा है. विधायक पांचीलाल मेढा ने आरोप लगाते हुए कहा हमारी विधायक झूमा सोलंकी को महू जाने से रोका गया क्योंकि प्रभावित लोग हमारे रिश्तेदार लेकिन फिर भी पुलिस ने हमें मऊ जाने से रोकने का प्रयास किया हालांकि पुलिस को पहले यह बताना चाहिए पुलिस ने किसके आदेश से चलाई.

Last Updated : Mar 16, 2023, 8:42 PM IST
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