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अपनों को तलाशते मंदिर के पास जा रहे परिजन, प्रशासन ने किया सील, रहवासियों ने लगाया लापरवाही का आरोप

इंदौर में मंदिर में हादसे के बाद प्रशासन उस क्षेत्र को सील कर दिया है, उसके बाद भी परिजन उसके आस-पास जाकर अपनो को तलाश रहे हैं. वहीं रहवासियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया.

indore temple tragedy
इंदौर घटना में 36 लोगों की मौत
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Published : Apr 1, 2023, 10:08 PM IST

हादसे के बाद परिजनों का दर्द

इंदौर। जिले के बेलेश्वर मंदिर में हादसे को आज तीसरा दिन हो गया है. घटना को लेकर मृतक के परिजनों में आक्रोश है. वहीं घटना के बाद से मृतक के परिजन भी मंदिर के आसपास देखे जा रहे हैं. जबकि प्रशासन ने घटना को देखते हुए उस स्थान को सील कर दिया है. वहीं मतृकों के परिजनों में इस घटना को लेकर आक्रोश है. उनका आरोप है रेस्क्यू लेट होने के चलते यह घटना हुई. उन्होंने मांग की है कि उन्हें मुआवजा नहीं बल्कि दोषियों पर कार्रवाई चाहिए. ईटीवी भारत से बात कर कुछ परिजनों ने अपना दर्द बयां किया.

रहवासियों ने प्रशासन पर लगाया आरोप: रामनवमी रामनवमी के दिन इंदौर के जूनी इंदौर थाना क्षेत्र स्थित बेलेश्वर महादेव मंदिर में बड़ा हादसा हुआ था. उस पूरे घटनाक्रम को आज 3 दिन हो चुके हैं. वहीं घटना में जिन लोगों के परिजनों की मौत हुई है. वह धीरे-धीरे अपना दुख दूसरों के साथ बैठकर उसे कुछ हल्का करने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में इस पूरे घटनाक्रम में एक 11 साल के बच्चे सौमित्र खत्री की भी मौत हुई है. उसको लेकर उसके परिजन रवि खत्री का कहना है कि वह परिवार का एक ही बेटा था, काफी मन्नतों के बाद उसका जन्म हुआ था. वहीं सौमित्र खत्री के बारे में बताया जा रहा है कि जब से उसका जन्म हुआ तब से परिजन उसे मंदिर लाते थे. वह हर कार्यक्रम में मंदिर जाता था. मृतक के परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब यहां पर घटनाक्रम हुआ तो प्रशासन काफी लेट पहुंचा.

दर्शन करने पहुंचे और हो गया हादसा: उसके बाद आते ही क्षेत्रीय रहवासियों से गुंडागर्दी करते हुए उन्हें खदेड़ दिया गया. वहीं मृतक के परिजनों का तो यहां तक कहना है कि यदि शासन प्रशासन आसपास के रहवासियों की मदद लेता तो इतनी बड़ी घटना घटित नहीं होती. जिस तरह से शासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, उसी के कारण इतनी बड़ी घटना घटित हुई है. इस घटना में 11 साल के बच्चे की मौत हुई तो वहीं इस एक पिता-पुत्र की भी मौत हुई है. बता दें सुरेश गुलानी पत्नी और ने बेटे लोकेश के साथ हमेशा दर्शन करने के लिए आते थे. रामनवमी के दिन भी वे आए हुए थे. इस दौरान पूरा घटनाक्रम हो गया. इस पूरे घटनाक्रम में पिता-पुत्र की मौत हो गई, जबकि घायल हालात में अस्पतला में भर्ती है, जिसे बेटे और पति के मौत की जानकारी नहीं दी गई है.

प्रशासन पर आरोप

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सील होने के बाद भी मंदिर के पास जाते हैं परिजन: बेलेश्वर महादेव मंदिर में जिस तरह से बावड़ी का फर्श के ढह जाने के कारण 36 लोगों की मौत हो गई. इस पूरे ही मामले में जहां मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है, तो वहीं जिस जगह पर यह पूरा घटनाक्रम हुआ, उस क्षेत्र को पूरी तरीके से पुलिस और जिला प्रशासन ने सील कर दिया है. वहां पर पुलिस फोर्स को 24 घंटे सुरक्षा के लिए लगा दिया गया है. वहां पर किसी के भी आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही उसके नजदीक भी जाने वालों पर नजर रखी जा रही है, लेकिन जिन लोगों के परिजनों की मौत हुई है. वह जरूर उस बावड़ी के आसपास नजर आ रहे हैं. उन्हें मंदिर के आस-पास अपनी रोती हुई आंखों से तलाश रहे हैं. परिजनों का कहना है कि उन्हें हर्जाना नहीं चाहिए, लेकिन जिसके चलते यह हादसा हुआ, उसके खिलाफ प्रशासन सख्त से सख्त कार्रवाई कर सलाखों के पीछे पहुंचाएं.

हादसे के बाद परिजनों का दर्द

इंदौर। जिले के बेलेश्वर मंदिर में हादसे को आज तीसरा दिन हो गया है. घटना को लेकर मृतक के परिजनों में आक्रोश है. वहीं घटना के बाद से मृतक के परिजन भी मंदिर के आसपास देखे जा रहे हैं. जबकि प्रशासन ने घटना को देखते हुए उस स्थान को सील कर दिया है. वहीं मतृकों के परिजनों में इस घटना को लेकर आक्रोश है. उनका आरोप है रेस्क्यू लेट होने के चलते यह घटना हुई. उन्होंने मांग की है कि उन्हें मुआवजा नहीं बल्कि दोषियों पर कार्रवाई चाहिए. ईटीवी भारत से बात कर कुछ परिजनों ने अपना दर्द बयां किया.

रहवासियों ने प्रशासन पर लगाया आरोप: रामनवमी रामनवमी के दिन इंदौर के जूनी इंदौर थाना क्षेत्र स्थित बेलेश्वर महादेव मंदिर में बड़ा हादसा हुआ था. उस पूरे घटनाक्रम को आज 3 दिन हो चुके हैं. वहीं घटना में जिन लोगों के परिजनों की मौत हुई है. वह धीरे-धीरे अपना दुख दूसरों के साथ बैठकर उसे कुछ हल्का करने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में इस पूरे घटनाक्रम में एक 11 साल के बच्चे सौमित्र खत्री की भी मौत हुई है. उसको लेकर उसके परिजन रवि खत्री का कहना है कि वह परिवार का एक ही बेटा था, काफी मन्नतों के बाद उसका जन्म हुआ था. वहीं सौमित्र खत्री के बारे में बताया जा रहा है कि जब से उसका जन्म हुआ तब से परिजन उसे मंदिर लाते थे. वह हर कार्यक्रम में मंदिर जाता था. मृतक के परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब यहां पर घटनाक्रम हुआ तो प्रशासन काफी लेट पहुंचा.

दर्शन करने पहुंचे और हो गया हादसा: उसके बाद आते ही क्षेत्रीय रहवासियों से गुंडागर्दी करते हुए उन्हें खदेड़ दिया गया. वहीं मृतक के परिजनों का तो यहां तक कहना है कि यदि शासन प्रशासन आसपास के रहवासियों की मदद लेता तो इतनी बड़ी घटना घटित नहीं होती. जिस तरह से शासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, उसी के कारण इतनी बड़ी घटना घटित हुई है. इस घटना में 11 साल के बच्चे की मौत हुई तो वहीं इस एक पिता-पुत्र की भी मौत हुई है. बता दें सुरेश गुलानी पत्नी और ने बेटे लोकेश के साथ हमेशा दर्शन करने के लिए आते थे. रामनवमी के दिन भी वे आए हुए थे. इस दौरान पूरा घटनाक्रम हो गया. इस पूरे घटनाक्रम में पिता-पुत्र की मौत हो गई, जबकि घायल हालात में अस्पतला में भर्ती है, जिसे बेटे और पति के मौत की जानकारी नहीं दी गई है.

प्रशासन पर आरोप

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सील होने के बाद भी मंदिर के पास जाते हैं परिजन: बेलेश्वर महादेव मंदिर में जिस तरह से बावड़ी का फर्श के ढह जाने के कारण 36 लोगों की मौत हो गई. इस पूरे ही मामले में जहां मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है, तो वहीं जिस जगह पर यह पूरा घटनाक्रम हुआ, उस क्षेत्र को पूरी तरीके से पुलिस और जिला प्रशासन ने सील कर दिया है. वहां पर पुलिस फोर्स को 24 घंटे सुरक्षा के लिए लगा दिया गया है. वहां पर किसी के भी आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही उसके नजदीक भी जाने वालों पर नजर रखी जा रही है, लेकिन जिन लोगों के परिजनों की मौत हुई है. वह जरूर उस बावड़ी के आसपास नजर आ रहे हैं. उन्हें मंदिर के आस-पास अपनी रोती हुई आंखों से तलाश रहे हैं. परिजनों का कहना है कि उन्हें हर्जाना नहीं चाहिए, लेकिन जिसके चलते यह हादसा हुआ, उसके खिलाफ प्रशासन सख्त से सख्त कार्रवाई कर सलाखों के पीछे पहुंचाएं.

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