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जुनून हो तो ऐसा! स्वच्छता क्रांति के प्रेरक बने सैफुद्दीन, 8 साल से खुद के खर्चे पर चला रहे सफाई अभियान

भोपाल के रहने वाले सैफुद्दीन पिछले 8 साल से मध्य प्रदेश में स्वच्छता की अलख जगा रहे हैं. जहां भी कोई आयोजन होता है वहां सैफुद्दीन पहुंच जाते हैं और वहां साफ सफाई कर लोगों से भी गंदगी ना करने की अपील करते हैं. इस समय सैफुद्दीन इंदौर के होलकर स्टेडियम के बाहर देखा जा सकता है, वह स्टेडियर के बाहर साफ-सफाई करते हुए लोगों को सड़कों पर कचरा नहीं फेंकने की नसीहत दे रहे हैं.

Saifuddin running cleanliness campaign
स्वच्छता क्रांति के प्रेरक बने सैफुद्दीन
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Published : Mar 3, 2023, 6:22 PM IST

स्वच्छता क्रांति के प्रेरक बने सैफुद्दीन

इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर में स्वच्छता अब आदत बन चुकी है, यही वजह है कि स्वच्छता के प्रति जागरूक लोग कहीं भी गंदगी देखते हैं तो सफाई के काम में जुट जाते हैं, इसी मान्यता की मिसाल है सैफुद्दीन शाजापुर वाला. जो रहते तो भोपाल में हैं, लेकिन इंदौर में आयोजित होने वाले हर क्रिकेट मैच के दौरान वे स्टेडियम के आसपास अकेले ही स्वच्छता अभियान चलाते हैं. फिलहाल वे इंडिया-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच के दौरान स्टेडियम के आसपास स्वच्छता अभियान में जुटे रहकर इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे देश को स्वच्छ रखने का संदेश क्रिकेट प्रेमियों को दे रहे हैं.

उम्र भी झुका नहीं सकी हौसला: दरअसल अपनी उम्र के 60 वर्ष के दौर में भी सैफुद्दीन स्वच्छता के प्रति कितने जागरूक हैं. वह 8 सालों से अपनी स्कूटर से जगह-जगह जाकर खुद ही स्वच्छता का काम करते हैं, उन्हें देखकर कोई भी आश्चर्य किए बिना नहीं रह पाता. क्योंकि सिर पर टोपी के साथ तिरंगा और उनका ड्रेस अप उन्हें भीड़ से अलग दिखाता है. अपने शरीर पर ही गीले और सूखे कचरे के 2 बैग टांगे सैफुद्दीन सीटी बजाते हुए मौके पर पहुंचते हैं और सफाई के काम में जुड़ जाते हैं, उन्हें अकेले ही सफाई करते देख लोग हैरान रह जाते हैं. सैफुद्दीन बताते हैं कि स्वच्छ भारत अभियान को उन्होंने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया. उन्हें जब भी लगता है कि कहीं कोई बड़ा सार्वजनिक आयोजन होने वाला है तो वह अपनी क्षमता के मुताबिक अपने खर्चे पर अपने स्कूटर पर लोगों को जागरूक करने पहुंच जाते हैं.

स्वच्छता में नंबर 1 बनेगा भारत: इस दौरान उनकी कोशिश होती है कि जन जागरण के साथ मौके पर जहां-तहां कचरा मिले उसे उठाकर कूड़ेदान में डाल दिया जाए. सैफुद्दीन का कहना है कि वे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को अनूठे तरीके से प्रचारित कर रहे हैं, ताकि जिस तरह से इंदौर भारत में स्वच्छता में नंबर एक पर है उसी तरह पूरा भारत स्वच्छता में विश्व में नंबर वन पर आए. सैफुद्दीन बताते हैं कि मैच देखने आए लोग कचरा फैला कर चले जाते हैंं उसको लेकर उन्होंने इंदौर में भी एक अनूठा स्वच्छता अभियान चला रखा है. इस दौरान वे होलकर स्टेडियम के आसपास लोगों को सड़कों पर कचरा नहीं फेंकने की नसीहत भी दे रहे हैं.

Also Read: सफाई अभियान से जुड़ी इन खबरों पर भी डालें एक नजर

अपने खर्चे पर चला रहे सफाई अभियान: सैफुद्दीन का कहना यह है कि स्वच्छता के अभियान के दौरान उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से किसी तरह का सहयोग नहीं मिलता है. वह अपने निजी खर्चे पर ही स्वच्छता का अभियान प्रदेश भर में चला रहे हैंस ताकि इंदौर जैसे पूरा भारत कचरा मुक्त हो और विश्व में सफाई में नम्बर एक बने. होलकर स्टेडियम में जब तक मैच चलता है तब तक वे होलकर स्टेडियम के आसपास सक्रिय बने रहते हैं. इसके बाद उनके द्वारा इकट्ठा किया गया कचरा डस्टबिन में डाल कर वे अगले दिन के लिए तैयार हो जाते हैं.

स्वच्छता क्रांति के प्रेरक बने सैफुद्दीन

इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर में स्वच्छता अब आदत बन चुकी है, यही वजह है कि स्वच्छता के प्रति जागरूक लोग कहीं भी गंदगी देखते हैं तो सफाई के काम में जुट जाते हैं, इसी मान्यता की मिसाल है सैफुद्दीन शाजापुर वाला. जो रहते तो भोपाल में हैं, लेकिन इंदौर में आयोजित होने वाले हर क्रिकेट मैच के दौरान वे स्टेडियम के आसपास अकेले ही स्वच्छता अभियान चलाते हैं. फिलहाल वे इंडिया-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच के दौरान स्टेडियम के आसपास स्वच्छता अभियान में जुटे रहकर इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे देश को स्वच्छ रखने का संदेश क्रिकेट प्रेमियों को दे रहे हैं.

उम्र भी झुका नहीं सकी हौसला: दरअसल अपनी उम्र के 60 वर्ष के दौर में भी सैफुद्दीन स्वच्छता के प्रति कितने जागरूक हैं. वह 8 सालों से अपनी स्कूटर से जगह-जगह जाकर खुद ही स्वच्छता का काम करते हैं, उन्हें देखकर कोई भी आश्चर्य किए बिना नहीं रह पाता. क्योंकि सिर पर टोपी के साथ तिरंगा और उनका ड्रेस अप उन्हें भीड़ से अलग दिखाता है. अपने शरीर पर ही गीले और सूखे कचरे के 2 बैग टांगे सैफुद्दीन सीटी बजाते हुए मौके पर पहुंचते हैं और सफाई के काम में जुड़ जाते हैं, उन्हें अकेले ही सफाई करते देख लोग हैरान रह जाते हैं. सैफुद्दीन बताते हैं कि स्वच्छ भारत अभियान को उन्होंने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया. उन्हें जब भी लगता है कि कहीं कोई बड़ा सार्वजनिक आयोजन होने वाला है तो वह अपनी क्षमता के मुताबिक अपने खर्चे पर अपने स्कूटर पर लोगों को जागरूक करने पहुंच जाते हैं.

स्वच्छता में नंबर 1 बनेगा भारत: इस दौरान उनकी कोशिश होती है कि जन जागरण के साथ मौके पर जहां-तहां कचरा मिले उसे उठाकर कूड़ेदान में डाल दिया जाए. सैफुद्दीन का कहना है कि वे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को अनूठे तरीके से प्रचारित कर रहे हैं, ताकि जिस तरह से इंदौर भारत में स्वच्छता में नंबर एक पर है उसी तरह पूरा भारत स्वच्छता में विश्व में नंबर वन पर आए. सैफुद्दीन बताते हैं कि मैच देखने आए लोग कचरा फैला कर चले जाते हैंं उसको लेकर उन्होंने इंदौर में भी एक अनूठा स्वच्छता अभियान चला रखा है. इस दौरान वे होलकर स्टेडियम के आसपास लोगों को सड़कों पर कचरा नहीं फेंकने की नसीहत भी दे रहे हैं.

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अपने खर्चे पर चला रहे सफाई अभियान: सैफुद्दीन का कहना यह है कि स्वच्छता के अभियान के दौरान उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से किसी तरह का सहयोग नहीं मिलता है. वह अपने निजी खर्चे पर ही स्वच्छता का अभियान प्रदेश भर में चला रहे हैंस ताकि इंदौर जैसे पूरा भारत कचरा मुक्त हो और विश्व में सफाई में नम्बर एक बने. होलकर स्टेडियम में जब तक मैच चलता है तब तक वे होलकर स्टेडियम के आसपास सक्रिय बने रहते हैं. इसके बाद उनके द्वारा इकट्ठा किया गया कचरा डस्टबिन में डाल कर वे अगले दिन के लिए तैयार हो जाते हैं.

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